सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

सख्त कानून कायदों का क्या मतलब यदि कानून की आंखों की पट्टी सरक गई हो
कहने को कहा जाता है कानून सबके लिए समान होता है या क़ानून की नजरों में सब समान है. हकीकत में क्या स्थिति इतनी आदर्श है ? कम से कम भारत में तो नहीं है. यहाँ तो गणमान्यों व नेताओं के लिए नियम, कायदे कानून बने ही हैं 'सारे नियम तोड़ दो' के लिए !
सियासत | बड़ा आर्टिकल

कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं शरद पवार इस्तीफा देने का ऐलान नहीं करते !
कयास खूब लग रहे हैं और सारे के सारे या तो पॉलिटिकल पंडित लगा रहे हैं या पॉलिटिकल पार्टियां लगा रही हैं सिवाय सत्ताधारी पार्टी यानी बीजेपी के. बीजेपी के नेता 'नो कमेंट्स' मोड में हैं. दरअसल बीजेपी का यही अनकहा अंदाज पूरे विपक्ष की हवा ख़राब कर दे रहा है.
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सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

केजरी कैबिनेट में कौन लेगा मनीष सिसौदिया की जगह...
आखिरकार दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और जेल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर सिसोदिया के विभाग कौन संभालेगा? साथ ही पार्टी का अगला नंबर दो कौन होगा?
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न से हमारे देश के नेताओं को कुछ सीखना चाहिए
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. हमारे यहां के नेता अनपढ़ होकर भी मंत्री बन जाते हैं और फिर हमेशा मंत्री बने रहना ही चाहते हैं. किसी ऐसे नेता का नाम याद है जिसने यह कहा हो कि मैं इस कुर्सी के लायक नहीं हूं, इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें

#RIPtwitter: टि्वटर को श्रद्धांजलि दे रहे लोग वही है जो जियो सिम खरीद कर अंबानी को गरियाते हैं
ट्विटर पर जंगल में लगी आग की तरह #RIPTwitter ट्रेंड हो रहा है. लोग कंपनी के नए मालिक एलन मस्क से नाराज हैं. मामले में जो बात सबसे दिलचस्प है, वो है लोगों का ट्विटर पर ही रिप ट्विटर की बात कहना. ये ठीक वैसा ही है जैसे भारत में पहले लोगों ने अपनी मर्जी से फ्री डेटा के लिए जियो का सिम लिया. और बाद में अंबानी को भला बुरा कहा.
टेक्नोलॉजी | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

केशुभाई पटेल: वो मुख्यमंत्री जिसने गुजरात में कांग्रेस को न घर का छोड़ा न घाट का...
केशुभाई के पहले कार्यकाल के दौरान ही नरेंद्र मोदी बीजेपी के केंद्रीय संगठन में आ चुके थे.कहते हैं कि केशुभाई ने जब दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली तो सबसे पहले बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व से कहलवाकर नरेंद्र मोदी को गुजरात से दिल्ली भिजवा दिया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि मोदी गुजरात में नेताओं या लोगों से मेल-मिलाप करें.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
