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Karnataka Election Results 2023: भाजपा कब तक रहेगी मोदी ब्रांड पर निर्भर?
चुनावी पंड़ित कर्नाटक रिजल्ट के बाद समीक्षात्मक बयान देने लगे हैं कि क्या अब मोदी-शाह का दौर अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है या फिर भाजपा कब तक मोदी ब्रांड पर निर्भर रहेगी. वहीं, कांग्रेस की जीत के बाद यह बहस फिर से शुरू हो गई है कि क्या अगले आम चुनावों में नरेंद्र मोदी की राहें और मुश्किल होंगी?
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रामनगरी में भी महंती सत्ता स्थापित करना चाहती है भाजपा
राजनीति में आने के सवाल पर महंत ने कहा कि अयोध्या हमारे आराध्य की नगरी है. लोगों का दुख दर्द साझा कर सकूं इसलिए राजनीति में आया हूं. महंत के रुप में भी सेवा कर रहे थे के जवाब में भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि हाथ में शक्ति आएगी तो बेहतर ढंग से जनसेवा कर सकूंगा.
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भले ही उमेश पाल 2023 में मरा, लेकिन अतीक ने इस मौत की स्क्रिप्ट 2012 में ही लिख दी थी!
साबरमती जेल में रहने के बावजूद अतीक और उसके गुर्गों ने सरेराह उमेश पाल की हत्या की, कारण बस ये था कि अतीक उस डर और दहशत को कायम रखना चाह रहा था जो उसने लोगों के बीच बनाया था. तस्दीक 2012 में लिखा अतीक का वो पत्र कर देता है जो उसने उस समय तत्कालीन गृह सचिव को लिखा था.
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मेन बात ये है कि 'गुड्डू मुस्लिम' हो या कोई और, अतीक जैसे अपराधी जानते हैं कि वो कैसे मरते हैं!
माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत ने भले ही यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए हों. लेकिन जो सवाल लोगों के सामने है वो ये कि आखिर वो कौन सी मेन बात थी जिसमें अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम का जिक्र किया था और जिसे वो बताना चाह रहा था. कहीं ऐसा तो नहीं कि खुद अतीक ने उस मेन बात का खुलासा बरसों पहले ही कर दिया था.
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गुलाम मोहम्मद की मां ने जो कहा, वो 'अपराधियों' की पैरवी करने वालों को सुनना चाहिए!
एनकाउंटर में मारे गए उमेश पाल के हत्यारे गुलाम मोहम्मद का शव लेने से उसकी मां और भाई ने इनकार कर दिया है. जबकि अतीक का परिवार और उसके हिमायती असद को 'शहीद' बनाने पर तुले हैं. दोनों ओर के लोगों में फर्क है संस्कारों का...
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