सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

बीवियों को किनारे करने में तो जीत ही जाएंगी सपा की वंदना...
राजधानी लखनऊ मेंमेयर सीट के लिए सपा ने कमजोर समाज की मजबूत आवाज़ बनने वाली वंदना मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित करने के बाद भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी हैं. वंदना ब्राह्मण हैं और भाजपा इस जाति के वोट को अपना सुरक्षित वोट मानकर यूपी में पिछड़ी जातियों के चेहरों को एहमियत ज्यादा देती रही है.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

'हम मिट्टी में मिल गए हैं'... अतीक अहमद का ये बयान योगी आदित्यनाथ को ताकतवर बनाएगा
अतीक अहमद को एक बार फिर अहमदाबाद से प्रयागराज लाया गया है. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उसने कहा कि हमने माफियागिरी छोड़ दी है, मिट्टी में मिल चुके हैं. सरकार को हमारे औरतों और बच्चों को छोड़ देना चाहिए. ये कहते हुए अतीक के चेहरे पर डर साफ देखा जा सकता था. ये वही अतीक है, जिसके नाम से लोग थर-थर कांपते थे. लेकिन आज उसका ये डर योगी आदित्यनाथ को ताकतवर बना रहा था.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

राजनीतिक पेचीदगी में क्यों फंसी सारस-आरिफ की मित्रता?
यूपी में आरिफ और सारस की दोस्ती ने सारस को बचाने के प्रयास में शांत हो चुके शासन-प्रशासन स्तर की कोशिशों में भी चेतना ला दी है. यूं कहें कि एक इंसान और एक पक्षी की दोस्ती की ललकार ऐसे फैली कि सबको गहरी नींद से जगा दिया. फिलहाल इस प्रकरण ने ‘सारस संरक्षण अभियान’ को फिर से हवा देने के साथ-साथ सियासत भी तेज हो गई है.
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

आज़म से अच्छा तो सारस है, विरोध में अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस तो की है
आज़म खान के सपोर्ट में सपा अध्यक्ष उतना मुखर नहीं हुए जितना होना चाहिए था. कुछ लोग कह रहे हैं कि अखिलेश की नजर में आजम खान से ज्यादा अहमियत सारस की है. सारस के जाने पर प्रेस कांफ्रेंस की तो इसके बाद आज़म खान का दर्द भी बयां कर दिया। आज़म से अच्छा तो सारस ही है.
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विपक्षी एकता का भविष्य क्या है, क्यों टेढ़ी मेढ़ी है एकता की पटरी?
हाल की एक ताज़ा घटना ने विपक्षी एकता की कलाई खोल कर रख दी जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव समेत नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विपक्षी सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के ‘खुल्लम खुल्ला गलत इस्तेमाल’ का आरोप लगाया.
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बीजेपी कहां, राहुल गांधी तो विपक्ष को कांग्रेस के खिलाफ ही खड़ा कर रहे हैं
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जिस हिसाब से आने वाले आम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, लगता है कांग्रेस (Congress) को विपक्षी खेमे में अलग थलग करके ही छोड़ेंगे - और विपक्षी दलों के साथ मिल कर एक बार भी थाली सजाकर बीजेपी (BJP) की ही सरकार बनवा देंगे.
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यूपी की सियासत पर अब पूरी तरह काबिज हो गए हैं योगी आदित्यनाथ
आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी ही तीसरी बार जीत के लिए भाजपा का रामबाण बन सकता है. तमाम राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ की हिन्दुत्व और विकास के मॉडल वाली छवि राष्ट्रीय ख्याति हासिल कर रही है. भाजपा के लिए योगी का चेहरा और लोकप्रियता लोकसभा चुनाव जीतने का रामबाण बन सकता है.
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बाकी चीजों के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे ये भी बता देते - यूपीए 3 में का बा?
मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने 2024 के आम चुनाव के लिए विपक्ष (Opposition) को कांग्रेस की तरफ से जो फॉर्मूला समझाया है, उसमें प्रधानमंत्री का पद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए रिजर्व रखा गया है - जिन नेताओं को पहले से ही परहेज है, वे तो साथ आने से रहे!
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