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राजस्थान: अशोक गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई का अंजाम क्या होगा?
पिछले इतिहास को खंगाला जाए तो 200 सदस्यीय सदन में 21 सीटों पर सिमट जाने के बाद से पार्टी को विधानसभा की जीत तक ले जाने के बाद, दिसंबर 2018 के चुनावों के बाद पायलट को मुख्यमंत्री पद का स्वाभाविक दावेदार माना जा रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दलित हैं, ये कहना अपराध है क्या?
खड़गे तो स्वयं दलित है और उन्हें गुमान भी है कि वो देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. लेकिन यदि कोई कहे कि कांग्रेस ने उन्हें अध्यक्ष इसलिए बनाया है क्योंकि वो एक दलित है, तो ऐसा 'कहा' उन्हें निश्चित ही आहत करेगा चूंकि वे काबिल अध्यक्ष हैं.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

मुफ्त की रेवड़ियां बांटने से आर्थिक अनुशासन की अनदेखी हो रही है!
कर्नाटक में महिलाएं बसों में टिकट खरीदने से मना कर रही हैं. लोगों ने बिजली बिल देना बंद कर दिया है. फिर रेवड़ियों की घोषणा कर लागू ना करें तो भई चुनाव तो हमारे देश में हर साल होते हैं. और एक बार विश्वास तोड़ा नहीं कि जनता दोबारा विश्वास नहीं करती. सो गजब का दुष्चक्र निर्मित हो गया है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
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क्या नए संसद भवन का बहिष्कार कर विपक्ष अपनी एकता बताना चाहता है
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्ष, बीजेपी के खिलाफ लामबंद होने का दावा कर रहा है. विपक्ष का दावा है कि वह बीजेपी को मात देने की तैयारी में जुटा है. लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विपक्ष एकजुटता का एक मैसेज तक तो देश के आगे रखने सफल नहीं हो पाया है.सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
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कभी केजरीवाल अपने आप को कांग्रेस का विकल्प बता रहे थे, आज मांग रहे है सबका समर्थन!
दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर मोदी सरकार और केजरीवाल सरकार एक-दूसरे की बांह मरोड़ने में जुटी हैं. दिल्ली के अधिकारी किसकी सुनेंगे ये फैसला 11 मई को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने कर दिया. जिसमें साफ कहा गया कि पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे.सियासत | बड़ा आर्टिकल

बिलावल भुट्टो पीओके में क्या जम्मू -कश्मीर में हो रहे जी 20 सम्मेलन का मातम मना रहे हैं?
एक समय था जब जम्मू कश्मीर में आतंकवाद फैला हुआ था. पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के साथ आतंकवाद और दहशतगर्दी को जम्मू कश्मीर में बढ़ावा दे रहा था, जिससे जम्मू-कश्मीर आतंक के साए में पल रहा था. जम्मू कश्मीर की सियासत भी पहले कुछ खास नहीं थी यहां पर नेता बस राजनीतिक रोटियां सेकते थे और जनता के फंड को अपने जेब में भर लेते थे.सियासत | बड़ा आर्टिकल
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