समाज | 4-मिनट में पढ़ें

क्यों समाज महिलाओं को हर समय बेहद खास बनाने पर तुला है?
समाज आज यह बताने में व्यस्त है कि महिलाएं बहुत ख़ास हैं और हमारी लड़ाई ही इसी बात की है कि हमें ख़ास नहीं बनना, सामान्य बनना है. इतना सामान्य कि हम कुछ हासिल कर लें तो मोटिवेशन के नाम पर तालियां न पीटी जाएं. इतना सामान्य कि आप हमारे लिये कुछ करके यह न गाते फिरें कि हमने अपनी बेटी के लिये ऐसा किया. इतना सामान्य कि हम अपने निर्णयों को आख़िरी मानना सीख लें और समाज का मुंह न ताकें जो हमें ट्युटोरियल दे.समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

जब 23 साल की बेटी को 47 साल की मां की प्रेग्नेंसी के बारे में पता लगा, उसने जो किया उस पर गर्व होगा
23 साल की बेटी को पता नहीं था कि उसकी मां गर्भवती (Pregnant Woman) हैं. मगर जब उसने यह खबर सुनी उसका रिएक्शन सकारात्मक था. जहां एक तरफ उसके माता-पिता इस बात को लेकर शर्मिंदा थे उसने अपने माता पिता को सम्मान के साथ इसे स्वीकार करना सिखाया.समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

उस माता-पिता की कहानी, जिन्होंने बेटे के मुंडन के लिए अपना सिर भी मुंडवा लिया
सिर मुंडवाने वाली मां लिखती हैं कि, मैंने अपना सिर 2021 में मुंडवाया था जब मेरा बेटा रुद्रांश 11 महीने का था. मेरे पति, संतोष और मैं रुद्र के मुंडन के लिए तिरुपति मंदिर में थे. संतोष और मैंने गंजा होने का फैसला किया ताकि हमारे बेटे को अजीब न लगे. पढ़िए पूरी कहानी...समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

क्या महबूबा मुफ्ती का शिवलिंग पर जल चढ़ाना महज राजनीतिक नौटंकी है?
महबूबा मुफ्ती ने नवग्रह मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने पर सफाई दी है. उनका कहना है कि, मैं पुंछ में मंदिर के अंदर देखने गई थी. मंदिर में किसी ने बड़ी श्रद्धा से मेरे हाथ में लोटा रख दिया, मैं मंदिर में किसी का दिल नहीं तोड़ सकती थी. क्या आप महबूबा मुफ्ती के इस बयान से सहमत है, या फिर बात कुछ और है?समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

अनन्या पांडे के सिगरेट पीने से हम आहत क्यों न हों?
अनन्या पांडे सिगरेट पी रही हैं तो आप कह देंगे कि उनकी लाइफ है हमें क्या? मगर मान लीजिए कल को आपकी बेटी या बहन सिगरेट पीने लगे तो क्या आप यही कहेंगे कि तुम्हारी जिंदगी है तुम जानो? और फिर उन युवाओं का क्या जो अनन्या पांडे को फॉलो करते हैं. उन्हें अपना आइडियल मानते हैं.समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें

विदेश में मंदिर साथ ले जाने वाले रामचरण और उनकी पत्नी उपासना पर हर भारतीय को गर्व है
ऑस्कर से पहले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें रामचरण और उनकी पत्नी उपासना एक छोटे से मंदिर की पूजा करते दिख रहे हैं. रामचरण का कहना है कि वे और उनकी पत्नी देश-विदेश जहां भी जाएं अपने साथ इस छोटे से मंदिर को लेकर जाते हैं और इसकी स्थापना कर पूजा करते हैं.समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | 2-मिनट में पढ़ें

स्वाति को भद्दी गालियां देने वाले भी उसके पिता की तरह ही घिनौने अपराधी हैं!
स्वाति को सच क्यों नहीं बोलना चाहिए? क्यों उसे चुप रहना चाहिए? क्यों? उसे भी मालूम होगा कि भारतीय समाज किस तरह पेश आएगा फिर भी सच बोलना उसकी हिम्मत का परिचायक है. हां, इतना जानने के बाद भी आप मुंह छिपा रहे हैं. स्वाति को गालियां दे रहे हैं तो यह ज़रूर है कि आप इस तरह के घिनौने अपराध को बल दे रहे हैं.समाज | 7-मिनट में पढ़ें
समाज | 3-मिनट में पढ़ें

हंगामा है क्यों बरपा? हनुमान जी की मूर्ति के आगे लड़कियों ने बॉडी बिल्डिंग ही तो की है!
आपकी सोच यदि लड़कियों के कपड़ों से ऊपर नहीं उठती, तो याद रखिए। आप गिरे-पड़े ही हैं. वस्त्र इंसानों ने अपनी जरूरतों के हिसाब से बनाए हैं. ओलंपिक हो या स्वीमिंग या जिमनास्टिक या फिर बाडी बिल्डिंग सभी में कपड़े कम ही पहने जाते हैं. लेकिन यदि आपको सिर्फ स्त्रियों के कपड़े अखरते हैं तो आपकी आंख में ही कुछ काला है. जिसके कारण आपको दुनिया काली नजर आती है.समाज | 2-मिनट में पढ़ें
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