समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
वो क्या बातें हैं जो 'पीरियड की छुट्टी' को गंभीर मुद्दा नहीं बनने देतीं
वर्किंग महिलाओं ने पीरियड में काम को मैनेज कर लिया है. वे खुद पीरियड लीव नहीं लेना चाहती हैं. आजकल कंपनियों में कंपटीशन बढ़ गया है. उन्हें लगता है कि अगर मैं पीरियड लीव लूंगी तो कोई साथ काम करने वाली दूसरी महिलाएं इसका फायदा उठा लेंगी.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
टेक्नोलॉजी | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
क्यों एक महिला चपरासी की सेवानिवृत्ति दफ्तर में सभी के बीच कौतूहल का विषय थी?
फिर थोड़ी देर में विदाई समारोह समाप्त हुआ. ऑफिस के सभी लोगों ने भींगी आंखों से सुशीला को विदा किया. सुशीला को साथ लिए उसके तीनों बच्चे वापस घर की ओर रवाना हो गए. उनके पीछे-पीछे पुलिस का कारवां भी चल पड़ा, जिसे ऑफिस के सभी स्टाफ अपनी खिड़की से देख रहे थे.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
Women's Day 2022: महिलाओं के खिलाफ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी लामबंद हैं!
International women's day पर चाहे कितने लम्बे लेख लिख दिए जाएं, कितने ही भाषण कर लिए जाएं जब तक औरतें, औरतों को सपोर्ट नहीं करेंगी हमें कोई जीत हासिल नहीं होने वाली. काश कि औरतें साथ वाली औरतों को आगे लाने में मदद करती न कि उसके बढ़ते कदम को पीछे खींचने की प्लानिंग प्लॉटिंग!
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
Women's Day 2022 : देवी को छोड़िए, वो मनुष्य का दर्जा पाने के लिए युद्धरत है!
Women's Day 2022: इज़्ज़त कोई मुश्किल अष्टांग सूर्यनमस्कार की प्रक्रिया नहीं है, केवल हाव भाव व्यव्हार में इतनी सी बात समझनी है कि स्त्री आप जैसी ही जीती जागती मनुष्य है. महिला दिवस पर कुछ नहीं बस - देवी सा दर्जा नहीं ,स्त्री को मनुष्य रूप में सम्मान दें.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
क्या Lady boss सच में खड़ूस होती हैं, आखिर लोग ऐसा क्यों कहते हैं?
आपसे भी कभी किसी ने पूछा होगा कि तुम्हारी बॉस महिला (Female boss) है या पुरुष (male boss)? और आपका जवाब सुनकर क्या उनका वो अजीब रिएक्शन आपको याद है? अच्छा लेडी बॉस है फिर कैसे मैनेज करते हो? अच्छा, मेल बॉस है फिर चिंता किस बात की? बढ़ियां तो है.
सियासत | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
खबर है कि कन्हैया कुमार कांग्रेस में एंट्री से पहले सीपीआई दफ्तर से AC उठा ले गए, लेकिन क्यों?
AC भी बहुत बड़ी बात है क्या? वो भी आज के जमाने के नेता के लिए? क्योंकि अब इसी मुआ एसी की वजह से कन्हैया कुमार का नाम खराब हो रहा है. खबर आई है कि वामपंथ के आंखों के तारे कन्हैया कुमार कांग्रेस में एंट्री से पहले ही कॉमरेडों के दफ्तर से खुद की लगाई एसी निकलवाकर ले गए हैं.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें





