श्वेत कुमार सिन्हा
@ShwetkumarsinhaWhiteBee
लेखक एक कहानीकार हैं. फिल्मों के लिए भी कहानियां लिखते हैं.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
![हाथों में गुलाब पकड़े प्रेम चतुर्दशी का प्रेममयी पदार्पण हो चुका है! हाथों में गुलाब पकड़े प्रेम चतुर्दशी का प्रेममयी पदार्पण हो चुका है!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202302/love-311x175_020723090607.jpg?1=1&size=310:176)
हाथों में गुलाब पकड़े प्रेम चतुर्दशी का प्रेममयी पदार्पण हो चुका है!
14 फरवरी नज़दीक आने को है और गुलाब अपनी ख़ुशबू से सबों को राग-द्वेश त्यागकर प्रेमराग फैलाने का संदेश दे रहा है. चाहे शाहजहां हो या दशरथ मांझी, प्रेम के इस पवित्र सप्ताह में फूहड़पन को त्यागकर आइए प्यार की इन प्रतिमूर्ति को याद करें और समूचे संसार के समक्ष एक ऐसा उदाहरण पेश करें जो आने वाली नस्लो के लिए एक मिसाल बनकर सामने आए.समाज | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | 12-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
![प्रेरक कहानी: सुशीला की सेवानिवृत्ति प्रेरक कहानी: सुशीला की सेवानिवृत्ति](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202210/311_102922115115.jpg?1=1&size=310:176)
प्रेरक कहानी: सुशीला की सेवानिवृत्ति
सुशीला मात्र 8ठवीं तक पढ़ी थी. एक सरकारी दफ्तर में चपरासी के पद पर कार्यरत थी. नौकरी के 30 साल बाद रिटायर हो रही थी. फेयरवेल के दिन सुशीला के बारे में जो खुलासा हुआ, वो हर किसी को हैरान कर देने वाला था. सभी को पानी-चाय पिलाने वाली सुशीला का राज ऐसा होगा किसी ने सोचा तक नहीं था. एक दिलचस्प कहानी, जो हर किसी को पढ़नी चाहिए.समाज | 5-मिनट में पढ़ें
![अच्छा... तो बताओ तुम बड़े होकर क्या बनोगे? अच्छा... तो बताओ तुम बड़े होकर क्या बनोगे?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202210/school-311_102822095142.jpg?1=1&size=310:176)
अच्छा... तो बताओ तुम बड़े होकर क्या बनोगे?
हम अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, जज या कलक्टर बनने की बात तो बता देते हैं. पर उससे भी पहले जो जरूरी बात है वो बताना शायद भूल ही जाते हैं. जी हां सही सुना आपने। हम अपने बच्चों को बताना भूल जाते हैं कि ज़िन्दगी में और कुछ बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना ज्यादा जरूरी है.समाज | 5-मिनट में पढ़ें
![क्यों एक महिला चपरासी की सेवानिवृत्ति दफ्तर में सभी के बीच कौतूहल का विषय थी? क्यों एक महिला चपरासी की सेवानिवृत्ति दफ्तर में सभी के बीच कौतूहल का विषय थी?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202210/retirement_311_102622042450.jpg?1=1&size=310:176)
क्यों एक महिला चपरासी की सेवानिवृत्ति दफ्तर में सभी के बीच कौतूहल का विषय थी?
फिर थोड़ी देर में विदाई समारोह समाप्त हुआ. ऑफिस के सभी लोगों ने भींगी आंखों से सुशीला को विदा किया. सुशीला को साथ लिए उसके तीनों बच्चे वापस घर की ओर रवाना हो गए. उनके पीछे-पीछे पुलिस का कारवां भी चल पड़ा, जिसे ऑफिस के सभी स्टाफ अपनी खिड़की से देख रहे थे.समाज | 5-मिनट में पढ़ें
![कहानी: जब अर्जुन के समक्ष परिवार या पैसे में से किसी एक को चुनने का प्रश्न आया कहानी: जब अर्जुन के समक्ष परिवार या पैसे में से किसी एक को चुनने का प्रश्न आया](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202210/mother_311_102622035207.jpg?1=1&size=310:176)
कहानी: जब अर्जुन के समक्ष परिवार या पैसे में से किसी एक को चुनने का प्रश्न आया
मां अब अर्जुन के ही साथ रहती है. बड़ी बहन विमला का वीरेन्द्र के साथ कहा-सुनी होने के बाद से आना-जान बंद है और मायके के नाम पर केवल अर्जुन और उसका परिवार ही रह गया है. अर्जुन की पत्नी आशा अब भी पूरे परिवार को एकसूत्र में पिरोए रखने का कोई भी प्रयास अपने हाथों से जाने नहीं देती.समाज | 2-मिनट में पढ़ें
समाज | 5-मिनट में पढ़ें