
नवेद शिकोह
naved.shikoh
लेखक पत्रकार हैं
संस्कृति | 3-मिनट में पढ़ें

नवाब मीर जाफर की मौत ने तोड़ा लखनऊ का आईना...
मीर जाफर अब्दुल्ला की मौत से पूरा लखनऊ सूना हो गया है. मीर जाफर अब्दुल्ला सिर्फ एक नाम नहीं था ये एक तहज़ीब थे,तहरीक थे, एक तारीख़ थे. वो लखनऊ के नवाबों की सांस्कृतिक विरासत संजोने वाले नवाबीन दौर के नुमाइंदे ही नहीं थे बहुत कुछ थे. वो शहर-ए-लखनऊ की पहचान थे. इतिहासकार, किस्सागो, रंगकर्मी और फिल्म कलाकार भी थे.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

बीवियों को किनारे करने में तो जीत ही जाएंगी सपा की वंदना...
राजधानी लखनऊ मेंमेयर सीट के लिए सपा ने कमजोर समाज की मजबूत आवाज़ बनने वाली वंदना मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित करने के बाद भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी हैं. वंदना ब्राह्मण हैं और भाजपा इस जाति के वोट को अपना सुरक्षित वोट मानकर यूपी में पिछड़ी जातियों के चेहरों को एहमियत ज्यादा देती रही है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

मायावती मुश्किल में, इधर जाएं या फिर उधर...
सियासत में कभी भी कुछ भी हो सकता है. ऊंट की नई करवट किसी भी पुराने बयान या संकेत को ग़लत भी साबित कर सकती हैं. ताज्जुब नहीं कि भाजपा के खिलाफ एकजुटता मूर्तरूप ना ले सके. संभव ये भी है कि ना.. ना... करके मायावती भी विपक्षी खेमें में शामिल हो जाएं. यदि ऐसा हुआ तो महागठबंधन और बसपा दोनों को लाभ हो सकता है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

आज़म से अच्छा तो सारस है, विरोध में अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस तो की है
आज़म खान के सपोर्ट में सपा अध्यक्ष उतना मुखर नहीं हुए जितना होना चाहिए था. कुछ लोग कह रहे हैं कि अखिलेश की नजर में आजम खान से ज्यादा अहमियत सारस की है. सारस के जाने पर प्रेस कांफ्रेंस की तो इसके बाद आज़म खान का दर्द भी बयां कर दिया। आज़म से अच्छा तो सारस ही है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

जाति जनगणना सिर्फ मुद्दा, शिया जनगणना ग्राउंड पर...
लखनऊ में एक वीडियो संदेश के जरिए प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा शियों को इज्तिमा मे इकट्ठा होने की भावुक अपील करते हुए मौलाना कल्बे जवाद ने कहा है कि कुछ विरोधी उलमा हमारी जनसंख्या को कम बताने की गलतफहमियां पैदा करते रहे हैं. जिससे हमारी सियासी वैल्यू माइनस ज़ीरो हो गई है. जबकि सच्चाई इसके ठीक विपरीत है.ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

आखिरकार भगवंत मान गए, शराब बड़ी खराब है...
होली पर एक मित्र दार्शनिक हो गए. कहने लगे होली का त्योहार राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना भी व्यक्त करता है. राष्ट्रवादियों और समाजवादियों के क्रमशः राष्ट्रवाद और समाजवाद को राष्ट्रहित के सूत्र में बांधता है. गरीब से लेकर मध्यम वर्ग और अमीर सभी बराबर मात्रा में शराब का ख़ूब टेक्स देकर सरकारों को भारी-भरकम राजस्व देते हैं.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

यूपी की सियासत पर अब पूरी तरह काबिज हो गए हैं योगी आदित्यनाथ
आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी ही तीसरी बार जीत के लिए भाजपा का रामबाण बन सकता है. तमाम राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ की हिन्दुत्व और विकास के मॉडल वाली छवि राष्ट्रीय ख्याति हासिल कर रही है. भाजपा के लिए योगी का चेहरा और लोकप्रियता लोकसभा चुनाव जीतने का रामबाण बन सकता है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

प्रयागराज से संदेश क्लियर है, यूपी में अब मिट्टी में मिलेगी बची-खुची माफियागिरी...
प्रयागराज के हत्याकांड को लेकर और भी सख्त हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का जो संकल्प लिया. उसका असर दूसरे दिन से ही नजर आने लगा. हत्याकांड में सम्मिलित अपराधियों को दबोचने में पुलिस कामयाब हो रही है. मुठभेड़ का सिलसिला समाज विरोधी तत्वों के हौसलों को मिट्टी में मिला रहा है. बुल्डोजर की गरज से बचे-खुचे अपराधियों के हौसले पस्त हो रहे हैं.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

जब योगी आदित्यनाथ कहते हैं 'मिट्टी में मिला दूंगा', तो मतलब समझ जाइये...
अपराध पर काबू पाने के इनाम में उत्तर प्रदेश की जनता ने लगभग चार दशक का रिकार्ड तोड़ते हुए योगी आदित्यनाथ को दोबारा कुर्सी पर बैठाया. संगठित अपराध कम होना और प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगों के सिलसिले को थमना को यूपी सरकार की सफलता माना जाता है.सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

योगी पर विश्वास के निवेश वाला 'विकासोत्सव'
भारत की पुरातन संस्कृति के अनुसार एक योगी से श्रद्धा और आस्था का रिश्ता होता है लेकिन यहां योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार से ना केवल सूबे की जनता का विश्वास जुड़ा है बल्कि देश-दुनिया के निवेशकों और केंद्र की मोदी सरकार को भी आशा है कि यूपी विकास और रोजगार में भी इतिहास रच सकता है.समाज | 2-मिनट में पढ़ें

धार्मिक पाखंडियों के लिए किसी सुनामी से कम नहीं हैं 'सुहानी'...
सुहानी ने पूरे इंटरनेट पर तहलका मचाया हुआ है. सुहानी फेस रीडिंग में दक्ष है.वो लोगों के मन को पढ़ने के चमत्कार दिखा रही है. वो इस मनोविज्ञान या चमत्कार को कला कहती हैं.ऐसी कला में दक्ष बाबा, स्वामी, तांत्रिक, मौलाना,रम्माल या ईसाई धर्म गुरु लाखों-करोड़ों का दिल जीत लेते हैं. उनके दर्शन करने, उन्हें सुनने और उनके चमत्कार देखने हजारों लोग आते हैं.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
