ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें
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सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

Loudspeaker Row: बाकी राज्य यूपी से सीखें बिल्ली के गले में घंटी पहनाई जा सकती है, और उतारी भी!
जिस लाउडस्पीकर के झगड़े पर कहां किस एंगल से पत्थर चला ये तक दिखाने में कामयाब हो गया मीडियो मथुरा और गोरखनाथ मंदिर से तथा मस्जिदों से शांति के साथ उतारे गए लाउडस्पीकर को दिखाना भूल गया. मीडिया की टीआरपी की भूख देश को दंगे में झोंकने से भी गुरेज़ नहीं करती, शायद यही एक कारण है कि भाईचारे और शांति से मसले को सुलझाने की सफलता को दिखाना उनकी प्राथमिकता नहीं रही.समाज | 7-मिनट में पढ़ें

Cyber-childhood: इंटरनेट के चलते आखिर कैसे स्वाहा हो रही है मासूमियत
2020 में कोरोना के आगमन के साथ ज़िन्दगी बहुत बदल गयी है. क्या बड़े क्या बच्चे सब घरों में कैद हैं और पूरी तरह से तकनीक और इंटरनेट के भरोसे हैं. अगर इंटरनेट के फायदे हैं तो वहीं उससे कहीं ज्यादा इसके नुकसान हैं. बात अगर बच्चों की हो तो अगर इंटरनेट किसी को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है तो वो बच्चे ही हैं जिनका बचपन ख़राब हो रहा है.ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें

दहेज़ के फायदे बता रही किताब में जो लिखा है, वो क्या सोचकर लिखा है?
पास में हैंगे नोट, शादी की फिक्र नॉट... बिकते है लड़के , उतार के पतलून कोट. बकौल लेखिका, दहेज के बहाने लड़की को माता पिता की प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा मिल जाता है वरना आप बाप भाई की जमात सब डकार मार कर बेटी के मरने पर कफ़न भी न भेजे. नाराज़ न हो ! ऐसा मैं नही किताब में कहा जा रहा है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

10 वर्षीय बालिकाओं के जिस्म पर लड़ा जाता रूस-यूक्रेन का युद्ध!
किसी भी युद्ध अथवा दंगे का हासिल उन देशों की स्त्रियों के हिस्से बलात्कार की पीड़ा के रूप में आता है. इसका युद्ध और दंगे के कारणों से कोई लेना देना नहीं बल्कि इसकी जड़ें पुरुषसत्ता की उस सोच में है जहां - जर जोरू जमीन को एक साथ रखा जाता है.ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

तेज़ मिजाज़ IPL में इत्मीनान वाले लखनऊ की दावेदारी... अमा वाह, क्या कहने!
20-20 क्रिकेट की रेल गाड़ी के डिब्बे में एक डिब्बा लखनऊ का भी जुड़ गया है.अगरचे आप लखनऊ को केवल सियासी यानि कि राजनैतिक हलचल का गढ़ माने है या लखनऊ सुपर जॉइंट यानि कि LSG के आने के बाद ही आप लखनऊ शहर को मैप पर ढूंढ रहें है तो जनाब जोग्राफिया खराब है आपका. आप सच्चाई से ग़ाफ़िल हैं.समाज | 4-मिनट में पढ़ें

Bulli Bai-Sulli Deals: मानवीय आधार पर अपराधी को बेल... अपराध कैसा?
चुनाव में इस्लाम धर्म को मानने वाली स्त्रियां देश की बेटियां और राजनीतिज्ञों की बहनें थी. किन्तु आज इन बहनों के खिलाफ इस घनौने अपराध को करने वाले को बेल मिल गयी है जिन बहनो के वोट बैंक पर भरोसा कर राजनीतिक पार्टियां अपनी रोटियां सेंकती है उन्ही के खिलाफ इस अपराध पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं ,कोई धरना नहीं कोई रोष नहीं.ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
