समाज | 4-मिनट में पढ़ें

क्यों समाज महिलाओं को हर समय बेहद खास बनाने पर तुला है?
समाज आज यह बताने में व्यस्त है कि महिलाएं बहुत ख़ास हैं और हमारी लड़ाई ही इसी बात की है कि हमें ख़ास नहीं बनना, सामान्य बनना है. इतना सामान्य कि हम कुछ हासिल कर लें तो मोटिवेशन के नाम पर तालियां न पीटी जाएं. इतना सामान्य कि आप हमारे लिये कुछ करके यह न गाते फिरें कि हमने अपनी बेटी के लिये ऐसा किया. इतना सामान्य कि हम अपने निर्णयों को आख़िरी मानना सीख लें और समाज का मुंह न ताकें जो हमें ट्युटोरियल दे.
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शादी से पहले और बाद के वैलेंटाइन डे में कितना अंतर होता है?
शादी से पहले प्रेमी अपनी जिस प्रेमिका की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करता था पति बनने के बाद अब वह वैलेंटाइन डे विश करना भी जरूरी नहीं समझता. यह बात वैसे प्रेमिका से पत्नी बनी लड़की भी समझ जाती है कि अब उसकी गृहस्थी शुरु हो चुकी है तो पहले वाला रोमांस नहीं रहेगा. वह भी स्तिथी के अनुसार, खुद को बदलने की कोशिश करने लगती है.
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