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Updated: 21 नवम्बर, 2022 06:18 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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महिलाएं हैं, कोई भेड़ बकरियां नहीं कि कसाई बन उन्हें बूटी-बूटी में काट दिया जाए. कब तक महिलाओं को सिर्फ हाड़ मांस समझकर उनके शरीर को चीरा-काटा जाएगा? क्या इस दुनिया के किसी हिस्से पर उनका अधिकार नहीं है? क्या अपनी जिंदगी पर, अपने फैसलों पर उनका कोई अधिकार नहीं है? पिछले कुछ दिनों तक जिसतरह कुत्तों के काटने की खबरें आ रही थीं उसी तरह इन दिनों महिलाओं के काटे-मारे जाने की खबरे सामने आ रही हैं. महिला अधिकार की बात करने वाली स्त्री को लोग भोंहें चढ़ाकर देखते हैं जैसे वह इस समाज की दुश्मन हो और आज जब अखबार, वेबसाइट महिलाओं की हत्याओं से पटी हुई हैं तो किसी के चेहरे पर शिकन तक नहीं है.

श्रद्धा वॉकर, Shraddha Walker, आफताब अमीन पूनावाला, Aftab Amin Poonawalla, श्रद्धा मर्डर केस, Shraddha Murder Caseमहिलाएं हैं...कोई भेड़ बकरियां नहीं कि जिन्हें कसाई की तरह बूटी-बूटी में काट दिया जाए

ऐसा लग रह है कि लोग सुन्न हो चुके हैं. किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि महिलाएं जैसा करेंगी वैसा भरेंगी. मां-बाप की बात नहीं मानी इसलिए मर गई मगर उस बेटी का क्या जिसकी हत्या उसके पिता ने ही कर दी? मतलब किसी लड़की ने प्रेम करके गलती कर दी और उसे मारने वाला हत्यारा सही है. कुछ लोगों को हत्यारों में कोई दोष नजर नहीं आ रहा है. उनके हिसाब से महिलाएं इसलिए मार दी गईं क्योंकि उन्होंने गलती की थी.

महिलाओं के लिए बराबरी का समय कब आएगा पता नहीं मगर क्या उन्हें जीने का भी हक नहीं है? माना की महिलाओं के लिए चीजें पहले से काफी हद तक सही हुई हैं मगर अभी भी बहुत कुछ बदलना बाकी है. महिलाओं का ना कहना, कुछ पुरुषों को इतना क्यों चुभ जाता है कि वे उसकी जान लेने पर उतारु हो जाते हैं. हम ऐसा अपने मन से नहीं कह रहे हैं, हाल ही में हुई कुछ घटनाओं पर नजर डालेंगे तो आप भी समझ जाएंगे.

आफताब अमीन पूनावाला ने श्रद्धा वॉकर के लिए 35 टुकड़े

श्रद्धावॉकर मर्डर केस (Shraddha Walker Murdr Case) के बारे में लगभग हम सभी जानते हैं. आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) से उसकी मुलाकात डेटिंग एप पर हुई. दोनों के बीच दोस्ती. हालांकि श्रद्धा के माता-पिता को दोनों की दोस्ती पसंद नहीं थी. उन्होंने श्रद्धा को जब इस रिश्ते के लिए मना किया तो वह उनसे लड़कर आफताब के साथ लिव इन में रहने लगी. प्यार में एक समय ऐसा आता है कि जब सामने वाला दुनिया में सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. हां मां-बाप से भी ज्यादा. प्रेमी में जान बसने लगती है. दोनों के बीच अक्सर लड़ाई होती रहती थी.

रिपोर्टस के अनुसार, आफताब श्रद्धा को लेकर काफी पजेसिव था. वहीं श्रद्धा को शक था कि आफताब की दूसरी लड़कियों संग अफेयर है. दोनों के बीच मारपीट होती रही मगर श्रद्धा को लगा कि शादी के बाद सब ठीक हो जाएगा. वह आफताब के सुधरने का इंतजार करती रही. इस बीच श्रद्धा की मां की मौत हो गई. वह घऱ लौट गई मगर कुछ दिनों में दोबारा आफताब के पास चली गई.

इसके बाद आफताब और श्रद्धा महाराष्ट्र छोड़कर दिल्ली के छतरपुर में शिफ्ट हो गए. इस बीच आस लिए श्रद्दा ने आफताब से शादी की बात की. आफताब शादी नहीं करना चाहता था और उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी. इतना ही नहीं उसे श्रद्धा को जान से मारने के बाद उसकी लाश के करीब 35 टुकड़े किए और एक बड़े फ्रिज में स्टोर करके रखा. वह रात को महरौली के जंगलों में लाश के टुकड़े को फेंकता रहा. इस तरह आफताब ने एक हंसती खेलती श्रद्धा की जिंदगी तबाह कर दी.

पिता ने बेटी को मारकर लाश सूटकेश में फेंका

दूसरी घटना दिल्ली के बदरपुर की है. जहां एक पिता ने अपनी 22 साल की बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी और लाश को ठिकाने लगाने के लिए लाल रंग के सूटकेश में बंद कर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर छोड़ आया. परिवार मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला है. रिपोर्टस के अनुसार, आयुषी बिना बताए घर से कहीं चली गई थी. मामले को ऑनर किलिंग से जोड़कर देखा जा रहा है. आयुषी 17 नवंबर से गायब थी लेकिन कोई परिवार की तरफ से कोई मिसिंग रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी. आयुषी के शरीर पर चोट के निशान हैं औऱ उसके सीने पर गोली मारी गई है. पिता ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. बताइए बेटियां जब अपने घर में ही सुरक्षित नहीं है तो आगे क्या ही कहा जाए...

युवक ने धोखा मिलने के शक में प्रेमिका का गला रेता और वीडियो शूट किया

मध्यप्रदेश के जबलपुर में अभिजीत पाटीदार नामक प्रेमी ने अपनी 25 साल की प्रेमिका शिल्पा झरिया की गला काटकर हत्या कर दी. इसके बाद उसने तीन वीडियो शूट किए, जिसमें उसे कहते हुए सुना जा सकता है कि बेवफाई नहीं करने का, बाबू स्वर्ग में फिर मिलेंगे...

यह कोई फिल्मी सीन नहीं है बल्कि सच्ची घटना है. जो एक हफ्ते पहले घटी है. दोनों जबलपुर के एक रिसॉर्ट में ठहरे थे, वीडियो यही का है. जिसमें दिख रहा है कि आरोपी ने प्रेमिका के शरीर को कबंल ढका था, जब वह कंबल हटाता है तो वह खून से लथपथ दिखती है. उसने दूसरी वीडियो में खुद को एक व्यापारी बताया है. उसका कहना है कि प्रेमिका का उसके व्यापारी दोस्त के साथ अफेयर था. फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. यह किस तरह का पागलपन है समझना से बाहर है.

पत्नी पर बेवफाई का शक था इसलिए उसके दो टुकड़े किए और जंगल में अलग-अलग गाड़ दिया

मध्य प्रदेश के शहडोल में एक पति को अपनी पत्नी पर बेवफाई का शक था. वह उसे जंगल में ले गया और कुल्हाड़ी से उसकी हत्या कर दी. उसने सिर और धड़ को अलग-अलग जगहों पर दफना दिया. आरोपी पति की पहचान राम किशोर पटेल और पत्नी की पहचान सरस्वती पटेल के रूप में हुई है. हत्या का खुलासा तब हुआ जब एक युवक ने अपने भइया और भाभी के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई. मामले की जांच शुरु हुई को पुलिस को जगंल में महिला के कपड़े मिले. इसके बाद जब खोजबीन शुरु हुई तो महिला का सिर मिला. उसकी थोड़ी ही दूरी पर महिला का धड़ भी मिल गया. आरोपी पति ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है.

शख्स ने प्रेमिका की गला दबाकर हत्या कर दी और शव के 5 टुकड़े कर कुएं में फेक दिया

आजमगढ़ के पश्चिम पट्टी गांव में प्रेमी प्रिंस यादव और साधना प्रजापति दो सालों तक रिलेशनशिप में रहे. इस बीच प्रिंस विदेश बाहर कमाने चला गया. इसी बीच साधना की शादी कहीं और हो गई. जब प्रिंस को पता चला कि उसकी प्रेमिका की कहीं और शादी हो गई तो वह लौट आया. उसने प्रेमिका मिलने के लिए बुलाया औऱ उस पर शादी करने का दबाव बनाने लगा. जब वह नहीं मानी तो गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उसने शव के 5 टुकड़े किए. हाथ-पांव को उसने कुएं में डाल दिया और सिर को गांव से करीब 6 किलोमीटर दूर पोखरे में फेंक दिया. फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

ये पांचों घटनाएं नवंबर की हैं. ऐसी ना जाने और कितनी लड़कियां मार दी गई हैं जिसके बारे में हमें अभी जानकारी नहीं है. समझ नहीं आता कि महिलाओं को कुछ लोगों ने समझ क्या रखा है? उनके हाथों की कठपुतली? जो उनके इशारे पर नाचती रहें. क्या लड़कियों की अपनी जिंदगी नहीं हो सकती? क्या लड़कियां अपने लिए कुछ चाह नहीं सकतीं? इन घटनाओं में बेटी है, प्रेमिका है पत्नी है आखिर इनका क्या कूसर था जो इनसे जिंदगी छीन ली गई? आखिर यह दुनिया महिलाओं के लिए कब सुरक्षित बनेगी? बनेगी भी या नहीं?

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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