सियासत | बड़ा आर्टिकल
सिनेमा | बड़ा आर्टिकल
बॉलीवुड के प्रति हिंदी बेल्ट की नफरत पर टिका है पुष्पा समेत साउथ की फ़िल्मों का कारोबार!
अल्लू अर्जुन की पुष्पा की कामयाबी के बाद यह बहस खड़ी हो गई है कि आखिर हिंदी बेल्ट में साउथ की फ़िल्में क्यों पसंद की जा रही हैं? क्या यह बॉलीवुड के प्रति लोगों की घृणा का नतीजा है या इसके पीछे और भी वजहें हैं. आइए जानते हैं.
सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें
क्या शाहरुख खान मुस्लिम सुपरस्टार हैं? इस बहस का अंत कहां है...
पत्रकार आरफा खानम शेरवानी और अनंत विजय की बातचीत आर्यन खान ड्रग केस के बाद शाहरुख खान के मद्देनजर ट्विटर पर हुई है. जिसमें आरफा की तरफ से शाहरुख खान को 'मुस्लिम सुपरस्टार' संबोधित किया गया है. इस बातचीत के बाद एक सवाल जस का तस हमारे सामने खड़ा होता है और वो ये कि आखिर इस बहस का अंत कहां है?
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
लव-जिहाद में फंसी लड़कियों का विश्वास टूटना, इसमें बड़ी बात क्या है?
असद का आशू बनकर एक लड़की के साथ प्यार के नाम पर किया गया विश्वासघात अपनी जगह है. लेकिन, अब जबकि यह मामला सार्वजनिक हो गया है तो उस लड़की का साथ दीजिए, जिसने इस धोखे को अपनी शर्मिंदगी में दफन नहीं हो जाने दिया. वह पुलिस के पास गई, और आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाया.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
भारत में हिंदू-मुस्लिम एकता को आखिर किसकी नज़र लग गई है
भारत में हिंदू और मुस्लिम (Hindu-Muslims In India) दोनों समाज एक साथ तो रहते हैं मगर एक नहीं रह पाते हैं. आखिर वो कौन सी कमी है जो इस एकता को कुचल देती है. एकसाथ रहने के बावजूद ये दूरी क्यों बनी हुयी है और हिंदू मुस्लिम भाई भाई का नारा गुम क्यों हो गया है. क्यों दोनों एक दूसरे को न तो जानना चाहते हैं न समझना चाहते हैं बस हवा में तीर सभी चलाना जानते हैं.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
'साम्प्रदायिक सद्भाव' की खबरें दंगा करने वाले नहीं पढ़ते!
एक ऐसे समय में जब नफरत अपने चरम पर हो कर्नाटक के बेंगलुरु में एक दिल को सुकून देने वाली खबर कर्नाटक से आई है जहां पर राजधानी बेंगलुरु में एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान कर दी है. दिलचस्प बात ये है कि जिस जमीन को दान किया गया है उसकी कीमत लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में है.
समाज | 7-मिनट में पढ़ें
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
Nikita Tomar की मौत हार है समाज, सरकार, सत्ता और संविधान की
हरियाणा के फरीदाबाद (Faridabad) में निकिता तोमर की हत्या (Nikita Tomar murder) हुई. आप नैतिक-अनैतिक में मापतोल करते हुए तमाम सैद्धांतिक बातें कर सकते हैं जो सुनने में अच्छी लगती हों लेकिन जब एक लड़की को भोग्या जैसी संज्ञा में संकुचित कर दिया जाता है तो उसके स्वजनों में इतनी हिम्मत नहीं बचती कि मूल्यों की बातों पर धैर्यपूर्वक अमल कर सकें.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें







