समाज | 2-मिनट में पढ़ें
सिर्फ भाई दूज क्यों आखिर बहन दूज क्यों नहीं? सवाल तो होना ही चाहिए
अब आज का पति डबल एयर बैग वाली स्कोडा लौरा में घूमता है. हेल्थ इंश्योरेंस रखता है. वॉर के नाम पर ऑफिस में बैक बिचिंग झेलता है और एक्सीडेंट के नाम पर बाथरूम में भी नहीं फिसलता है. अब व्रत इसलिए रखे जा रहे हैं कि सदियों से रखे जाते हैं. इसमें ग़लत क्या है? कुछ नहीं! बहन दूज मनाने में हर्ज़ क्या है फिर? कोई भी नहीं!
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
मां के लिए कोई व्रत क्यों नहीं? उसकी उम्र तो सबसे लंबी होनी चाहिए
जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) मां अपने बच्चों की लंबी उम्र के वास्ते रखती है. इसे जिउतिया भी कहा जाता है. लेकिन, ख्याल ये भी आता है कि ऐसा ही कोई जिउतिया मां की लंबी उम्र के लिए क्यों नहीं है? क्यों बच्चे और परिवार के अन्य लोग उस मां के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए कोई व्रत नहीं रखते हैं, जो उनकी भलाई में अपना जीवन न्योछावर कर देती है.
समाज | 2-मिनट में पढ़ें
औरतों की ग़ायब इच्छाओं के दौर में तमाम चीजें कचोटती हैं, जबरन निर्जला रहना भी...
तीज का त्योहार उस पर महिलाओं को व्रत रखते देखकर ख्याल आया कि, आस्था अपनी इच्छा पर रखी जाने वाली चीज है. पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं की इच्छा गाहे-बगाहे गौण हो जाती है. कैसे मान लूं कि यह केवल आस्था की ही बात है? डर या ज़ोर-ज़बरदस्ती की नहीं?
समाज | 7-मिनट में पढ़ें
एक्टर रत्ना पाठक शाह से सवाल ही नावाजिब हुए हैं, जवाब सुनकर हैरत कैसी!
बहुत काम कर के उम्र और अनुभव से बड़ी बूढी हैं. किन्तु आश्चर्य है पिंकविला रत्ना पाठक शाह से करवा चौथ का सवाल पूछता है. कायदे से सवाल तो धर्म परिवर्तन पर होना चाहिए था अथवा रोज़ों पर पूछना चाहिए कि क्या आप रोजा रखती हैं? अब अगर रत्ना पाठक कहें कि 'मैं पागल नहीं हूं जो इस रूढ़िवादिता में विश्वास कर महीने भर भूखी प्यासी रहूं ', तो आगे अल्लाह जी ही मालिक है.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
रत्ना पाठक को कोई हिंदू त्योहारों का महत्व समझाए वरना हमारी अक्ल पर ताले लगवाए!
ज़रा कोई रत्ना पाठक (Ratna Pathak) को पूछे कि बुर्क़े में क्या क्रांति हो रही है? बहूपत्नी विवाह वाले समुदाय में औरतें कितनी आज़ाद हैं? पीरियड आते ही उस क़ौम की लड़कियों की शादी करवा दी जाती है वो सऊदी अरब होता नहीं दिखता क्या? ख़ाली हिंदुओं के त्योहार से ही भारत सऊदी हो जाएगा?
समाज | बड़ा आर्टिकल
Veg Vs Non-Veg: पशुओं को जीवित रहने का अधिकार है या नहीं?
क्या आज भारत में 78 प्रतिशत लोग मांसाहारी हैं? मुझे नहीं मालूम यह आंकड़ा किस आधार पर प्राप्त किया गया, किन्तु अगर यह सच है तो घोर निराशा में डूबने का यह प्रयोजन है. भारत के नैतिक पतन का यह सबसे बड़ा साक्ष्य है कि आज यहां 78 प्रतिशत लोग वधिक और रक्तपिपासु हैं.
संस्कृति | एक अलग नज़रिया | 7-मिनट में पढ़ें
Mahashivratri 2022: भगवान शिव जैसा पति क्यों चाहती हैं लड़कियां?
एक तरफ मां पार्वती हैं जो खूबसूरत वस्त्र पहनती हैं, जेवरात पहनती हैं, श्रृंगार करती हैं और दूसरी तरफ भगवान शिव हैं जो वैरागी, भस्मधारी, श्मशानवासी हैं. भगवान शिव किसी राजा की तरह नहीं रहते हैं. उनके शरीर पर ना सोना है, ना चांदी, वह तो केवल बाघ की खाल, रुद्राक्ष, सांप और भस्म धारण करते हैं.
संस्कृति | 5-मिनट में पढ़ें
Mahashivratri 2021: शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या फर्क है और ये क्यों इतना शुभ है
महाशिवरात्रि हो या कोई अन्य धार्मिक पर्व हो, आप मनाते हों या न मनाते हों, लेकिन कोई भी पर्व क्यों मनाया जाता है और उसका महत्व क्या है आपको ये ज़रूर जानना चाहिए. महाशिवरात्रि भगवान् शिव का दिन है और इसकी अपनी एक अलग महत्ता है. शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या फर्क है और ये क्यों इतना शुभ है आइये इसको समझते हैं.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें








