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सुशोभित सक्तावत
sushobhit.saktawat
लेखक इंदौर में पत्रकार एवं अनुवादक हैं.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
![The Elephant Whisperers: ऐसे लघु वृत्तचित्र को ऑस्कर मिला, जिसकी मूल्य-दृष्टि अचूक है The Elephant Whisperers: ऐसे लघु वृत्तचित्र को ऑस्कर मिला, जिसकी मूल्य-दृष्टि अचूक है](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202303/311x175_032623052027.jpg?1=1&size=310:176)
The Elephant Whisperers: ऐसे लघु वृत्तचित्र को ऑस्कर मिला, जिसकी मूल्य-दृष्टि अचूक है
95th Academy Awards: जब अकादमी पुरस्कारों के लिए फ़िल्में शॉर्टलिस्ट होती हैं तब उनकी गुणवत्ता निर्विवाद होती है. अमूमन नामांकित की गई पांच फ़िल्में समान रूप से उत्कृष्ट होती हैं. तब किसी एक फ़िल्म को पुरस्कृत करने का निर्णय उसकी मूल्य-दृष्टि के आधार पर लिया जाता है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
![मुग़ल राज खत्म करने वाले अंग्रेजों ने क्यों बनवाया था मुग़ल गार्डन, जानिए बागों की परंपरा को... मुग़ल राज खत्म करने वाले अंग्रेजों ने क्यों बनवाया था मुग़ल गार्डन, जानिए बागों की परंपरा को...](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202301/mughal-garden-311_013023024744.jpg?1=1&size=310:176)
मुग़ल राज खत्म करने वाले अंग्रेजों ने क्यों बनवाया था मुग़ल गार्डन, जानिए बागों की परंपरा को...
1911 में फिरंगियों ने रायसीना हिल पर आलीशान वाइसरॉय हाउस बनाया, जो अब राष्ट्रपति भवन कहलाता है. तत्कालीन वाइसरॉय हार्डिंग साहब की मेमसाब को गार्डन-आर्किटेक्चर का बड़ा शौक़ था. यह लेडी हार्डिंग का ही प्रभाव था कि लुटियन्स साहब ने वाइसरॉय हाउस के गार्डन को चारबाग़ शैली में बनाने का फ़ैसला लिया और उसे नाम दिया- 'मुग़ल गार्डन'. क्योंकि वह मुग़ल शैली का बाग़ था.स्पोर्ट्स | 7-मिनट में पढ़ें
![RIP Pele: खिलाड़ी जिसके जैसा न कोई हुआ है और न आगे कभी होगा... RIP Pele: खिलाड़ी जिसके जैसा न कोई हुआ है और न आगे कभी होगा...](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202212/pele_311_123022031612.jpg?1=1&size=310:176)
RIP Pele: खिलाड़ी जिसके जैसा न कोई हुआ है और न आगे कभी होगा...
फुटबॉल लेजेंड्स में शुमार पेले ने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. कई किस्से हैं जो पेले के जीवन से जुड़े हैं. ऐसा ही एक किस्सा तब का है जब नवम्बर 1969 में पेले ने मराकाना स्टेडियम में वास्को के विरुद्ध खेलते हुए अपना 1000वां कॅरियर गोल किया. तब 20 मिनटों के लिए खेल रोक दिया गया और इस अभूतपूर्व उपलब्धि का जश्न मनाया गया था.स्पोर्ट्स | 7-मिनट में पढ़ें
![FIFA world cup: एक 'अराजक' फाइनल के बाद अर्जेंटीना विश्वकप चैंपियन! FIFA world cup: एक 'अराजक' फाइनल के बाद अर्जेंटीना विश्वकप चैंपियन!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202212/world-cup-messi-311_121922013334.jpg?1=1&size=310:176)
FIFA world cup: एक 'अराजक' फाइनल के बाद अर्जेंटीना विश्वकप चैंपियन!
मेस्सी ने विश्व कप जीत लिया- इस ख़बर का सबसे बड़ा संदेश यही है कि आइंदा से हम किसी भी खिलाड़ी की महानता का निर्णय केवल इस ट्रॉफ़ी के आधार पर न करें. ये और बात है कि जो सुनहरी चमक इस विश्व कप ट्रॉफी की है, वैसी किसी और की नहीं! यह विश्व कप मेस्सी के ताज में लगी कलगी है. स्वर्ण में सुगंध है. पद्म में मणि है.स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें
स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें
![Argentina Vs Mexico: मेस्सी से जुड़ी फुटबॉल प्रेमियों की उम्मीद 2-0 से जीती! Argentina Vs Mexico: मेस्सी से जुड़ी फुटबॉल प्रेमियों की उम्मीद 2-0 से जीती!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202211/311x175_112722025217.jpg?1=1&size=310:176)
Argentina Vs Mexico: मेस्सी से जुड़ी फुटबॉल प्रेमियों की उम्मीद 2-0 से जीती!
Argentina vs Mexico Football Match: विश्व कप में अर्जेंटीना अभी बनी हुई है और इसने इस टूर्नामेंट में नई जान डाल दी है. कशमकश भरा मैच था. पहला हाफ़ शून्य-शून्य पर छूटा. मैक्सिको के पास अटैकिंग-प्रतिभा अधिक नहीं है. ऐसी टीमें इसकी भरपाई रक्षात्मक होकर करती हैं. वे मज़बूत क़िलाबंदी बांधती हैं. न गोल करेंगे, न गोल होने देंगे की नीति अपनाती हैं.स्पोर्ट्स | 4-मिनट में पढ़ें
![क़तर के फीफा विश्व कप के दौरान सामने आया 'सभ्यताओं का टकराव'! क़तर के फीफा विश्व कप के दौरान सामने आया 'सभ्यताओं का टकराव'!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202211/fifa-world-cup-qatar_112522101907.jpg?1=1&size=310:176)
क़तर के फीफा विश्व कप के दौरान सामने आया 'सभ्यताओं का टकराव'!
विश्व कप में फ़ुटबॉल के साथ ही 'क्लैश ऑफ़ सिविलाइज़ेशन' का भी जमकर मुज़ाहिरा हो रहा है. पश्चिमी जगत क़तर में इस्लामिक नियमों को थोपे जाने से नाराज़ है. वहीं ईरान के खिलाड़ी अपने देश के इस्लामिक शासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं तो जर्मन खिलाड़ी समलैंगिकों के पक्ष में आवाज न उठा पाने पर ऐतराज जताते नजर आए.स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें
![स्पेन ने कोस्टा रीका को हराया या फिर बार्सीलोना ने? स्पेन ने कोस्टा रीका को हराया या फिर बार्सीलोना ने?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202211/311x175spain_112422025500.jpg?1=1&size=310:176)
स्पेन ने कोस्टा रीका को हराया या फिर बार्सीलोना ने?
बीते दिन विश्व कप के अपने पहले मैच में स्पेन ने कोस्टा रीका को 7-0 से हरा दिया. लेकिन 2010 की तर्ज़ पर पूछा जा सकता है, स्पेन ने कोस्टा रीका को हराया या बार्सीलोना ने? क्योंकि यह टीम भी बार्सीलोना के सितारों से सजी है. फ़ॉरवर्ड लाइन में फ़ेरान तोरेस और आन्सु फ़ाती हैं, बैक लाइन में जोर्डी अल्बा और लुइस गार्सीया हैं और मिडफ़ील्ड में पेद्री-गावी-बुस्केट्स.स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें
![ARG defeat: सिकंदर वही जो जीतता है, बशर्ते वह मुक़द्दर का भी सिकंदर हो! ARG defeat: सिकंदर वही जो जीतता है, बशर्ते वह मुक़द्दर का भी सिकंदर हो!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202211/311x175-messi_112322033547.jpg?1=1&size=310:176)
ARG defeat: सिकंदर वही जो जीतता है, बशर्ते वह मुक़द्दर का भी सिकंदर हो!
अर्जेंटीना के प्रशंसक चाहेंगे कि मेस्सी यह विश्व कप जीतें, लेकिन उन्हें यह भी पता है कि प्रतिपक्षी टीम यहां मन बहलाने के लिए नहीं आई है. वह भी दम लगाकर खेल रही है. यही फ़ुटबॉल है, यही विश्व कप है. जो सिकंदर हो वही जीतता है- बशर्ते वह मुक़द्दर का भी सिकंदर हो. और जो हारता है, वह बहुधा कलंदर होता है. विश्वास न हो तो 1950, 1954, 1974, 1982, 1986, 2006 के विश्व कप देख लीजिए.समाज | 5-मिनट में पढ़ें
![हिजाब के विरोध में ईरान में कट्टरपंथ की बेड़ियां टूटती देख अच्छा लगा, शाबाश ईरान! हिजाब के विरोध में ईरान में कट्टरपंथ की बेड़ियां टूटती देख अच्छा लगा, शाबाश ईरान!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202209/protest-311x175_092222101547.jpg?1=1&size=310:176)
हिजाब के विरोध में ईरान में कट्टरपंथ की बेड़ियां टूटती देख अच्छा लगा, शाबाश ईरान!
कर्नाटक की लड़कियों के हिजाब पहनने के पक्ष में उदारवादियों-नारीवादियों को दलीलें करते देख मन उदास हो गया था, अब ईरान में हिजाब की होली जलते देख कुछ ठीक महसूस हुआ है. कलेजे को ठंडक मिली. पूरी दुनिया में इसी तरह से इस्लाम के भीतर से ही विद्रोह की आवाज़ें उठें तो बेड़ियां टूटने में क्या देर लगेगी.टेक्नोलॉजी | 5-मिनट में पढ़ें
![Nasa Galaxy photo: सिद्ध हुआ हम आइंश्टाइन के यूनिवर्स में ही जी रहे हैं! Nasa Galaxy photo: सिद्ध हुआ हम आइंश्टाइन के यूनिवर्स में ही जी रहे हैं!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202207/galaxy-311_071322114552.jpg?1=1&size=310:176)
Nasa Galaxy photo: सिद्ध हुआ हम आइंश्टाइन के यूनिवर्स में ही जी रहे हैं!
सौ से भी ज़्यादा साल पहले, 1915 में अल्बर्ट आइंश्टाइन ने जनरल रेलेटिविटी का प्रतिपादन किया था, जिसमें यह चकित कर देने वाला दु:साहसपूर्ण पूर्वानुमान था कि विशालकाय ऑब्जेक्ट्स की ग्रैविटी स्पेसटाइम के फैब्रिक को डिस्टॉर्ट (विरूप) करती है और लाइट को बेंड होने को मजबूर कर देती है.समाज | 6-मिनट में पढ़ें
![नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट जजों की टिप्पणी सभ्यता के नैरेटिव की हार है! नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट जजों की टिप्पणी सभ्यता के नैरेटिव की हार है!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202207/nupur-sharma-1-311_070222100617.jpg?1=1&size=310:176)