
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
siddhartarora2812
लेखक पुस्तकों और फिल्मों की समीक्षा करते हैं और इन्हें समसामयिक विषयों पर लिखना भी पसंद है.
सिनेमा | 2-मिनट में पढ़ें

आदिपुरुष अच्छी या बुरी वो अलग बात, लेकिन थियेटर में जय सियाराम का उद्घोष तो होगा
आदिपुरुष के विरोध से पहले हमें इस बात को समझना होगा कि रामलीला का मंचन जहां भी हो, कदम रुक जाते हैं, हाथ जुड़ जाते हैं और हाथ न भी जुड़ें तो आंखें ज़रूर स्टेज पर अटक जाती हैं. इसलिए पूरा यकीन है फिल्म में ऐसा बहुत कुछ होगा जो कभी भुलाया न जा सकेगा, ऐसे अनेकों मौके आयेंगे जब जय 'सिया राम' का उद्घोष होगा.स्पोर्ट्स | 3-मिनट में पढ़ें

अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
बहस के बाद विराट और गम्भीर दोनों की 100% मैच फीस कट गई है, फेयर प्ले पॉइंट्स से तो इन्हें कोई लेना देना था भी नहीं, नवीन उल हक की 50% मैच फीस कटी है पर ये काफ़ी नहीं है. गंभीर को 5 मैच और कोहली नवीन को कम से कम 2 मैच के लिए बैन करना चाहिए.ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

और फिर Scroll करते-करते खेल खत्म हो ही गया
बच्चे वही फॉलो करते हैं जो वो आपको करता देखते हैं. अपने बुज़ुर्गों से कुछ सीखिए, बच्चे सीधे से न माने तो उनकी बाह मरोड़ दीजिए, शुरु में कुछ दिन उन्हें दिक्कत होगी लेकिन फिर वो लाइन पर आ जाएंगे. इन सब टॉर्चर से पहले, खुद पर स्ट्रिक्ट होइए, खुद को एडिक्शन से बचाइए.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

कैसे एक छपरी श्रद्धा को अपनी मां से ज्यादा सगा लगा? कहीं जिम्मेदार परवरिश तो नहीं?
क्यों जन्म देने वालों का 25 साल पुराना रिश्ता इतना कमज़ोर हो जाता है कि कोई आफ़ताब उसे 6 महीने में ही तोड़ देता है? क्यों मां से ज़्यादा सगा एक छपरी दिखने लगता है? आप ज्ञानी लोग तो ख़ुद कहते हो न कि बच्चे क्या हैं चिकनी मिट्टी, जैसे ढालो ढल जायेंगे? तो फिर क्यों कुम्हार को नहीं टोका जाता कि तुम्हारे बच्चे तुम्हारी मिल्कियत नहीं हैं, उनसे बात करो, उनको समय दो उनसे कम्युनिकेशन रखो, पर नहीं!ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें

इंडिया और पाकिस्तान कमाई के लिहाज से दो मुर्गे थे, बड़ा नुकसान तो हॉटस्टार का हुआ है!
नॉर्मली हॉटस्टार पर वर्ल्ड कप का कोई मैच चल रहा हो तो 60 से 80 लाख दर्शक लाइव देख रहे होते हैं, पर इंडिया पाकिस्तान का मैच हो तो ये आंकड़ा डेढ़ करोड़ तक चला जाता है. ड्रीम11, सपना54, फलाने ढिमकाने इतने सट्टेबाजी वाली app आ गए हैं कि उनकी एक्स्ट्रा दीवाली हो जाती है.समाज | 2-मिनट में पढ़ें

सिर्फ भाई दूज क्यों आखिर बहन दूज क्यों नहीं? सवाल तो होना ही चाहिए
अब आज का पति डबल एयर बैग वाली स्कोडा लौरा में घूमता है. हेल्थ इंश्योरेंस रखता है. वॉर के नाम पर ऑफिस में बैक बिचिंग झेलता है और एक्सीडेंट के नाम पर बाथरूम में भी नहीं फिसलता है. अब व्रत इसलिए रखे जा रहे हैं कि सदियों से रखे जाते हैं. इसमें ग़लत क्या है? कुछ नहीं! बहन दूज मनाने में हर्ज़ क्या है फिर? कोई भी नहीं!समाज | 4-मिनट में पढ़ें

क्या सनातनी किसी अन्य मजहब के लोगों से नफ़रत करते हैं?
सनातनियों को किसी से नफ़रत नहीं होती. या ऐसे हर एक से होती है, फिर चाहे वो किसी धर्म का हो. नफ़रत नाम देखकर नहीं होती, पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो सकते हैं कुछ, पर सिर्फ इसलिए किसी से नफ़रत नहीं होती कि वो फलाने मजहब का है. हमारे यहां जन्म से ज़्यादा कर्म की वैल्यू है, जिनके कर्म किसी को दुख नहीं दे रहे हैं, उनसे सौहार्द ही सौहार्द है.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

ब्रो! हमारे जवान सियाचिन में खड़े हैं, क्या अब भी आप इस मजाक पर हंस पाएंगे?
मुझे इतना 100% पता है कि एक्सट्रीम सिचुएशन में खड़ा जवान रिस्पेक्ट का हक़दार बराबर है. सिर्फ इसलिए नहीं कि ऐसी सिचुएशन में सरवाइव कर रहा है, बल्कि इसलिए भी कि ऐसी सिचुएशन में, जीवित रहकर, चौकन्ना हो बॉर्डर्स को सिक्योर भी रख रहा है ताकि हम जीवित रह सकें. मुझे ऐसे किसी भी जोक पर हंसी नहीं आती जिसमें सियाचिन में खड़े जवानों का ज़िक्र होता है.ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें

बच्चों को ‘सेरेलेक’ कितना देना है से लेकर कुत्तों के बिस्किट तक अपने पास ज्ञान भरपूर है!
आज का जैसा माहौल है लोगों के पास इतना ज्ञान है कि वो संभाले नहीं संभल रहा. ऐसे लोगों को सिर्फ मौका चाहिए ये अपनी ज्ञान की छींटें हर जगह बिखेर देते हैं. चूंकि हर आदमी हर मामले का एक्सपर्ट है तो हमें भी यही चाहिए कि जिन लोगों से हमें बिन मांगा ज्ञान मिल रहा है उन्हें हमें इसे वापस भी करना चाहिए.समाज | 4-मिनट में पढ़ें

साम्यवाद की बकलोली कर कांवड़ियों को घेरने वाले समझ लें, कांवड़ उठाने के लिए भरपूर गूदा चाहिए!
साम्यवाद की बकलोली करने वाले कितनी जल्दी ये जता देते हैं कि मजदूर होना लानत है.अफसरशाही को कोसने वाले, वही बनने की बात कहते भी हैं तो किस तर्क से? एक आदमी जो कांवड़ में 120 किलो गंगाजल लेकर आया है, ये इसका गूदा है भई! और किसको पता कि ये पढ़ा लिखा नहीं है? क्या पढ़ाई लिखाई का ये मतलब है कि आदमी की लिमिट्स क्रॉस करने की कैपेबिलिटी खत्म हो जाए?समाज | 5-मिनट में पढ़ें

Kanhaiya Lal की मौत के बाद लोग इधर-उधर मुंह कर रहे हैं और पैरेलल यूनिवर्स एक्टिव हो गया है!
फ्रांस में किसी ने कार्टून बनाकर मज़ाक बनाया था तो उसकी ऑन स्पॉट गर्दन काट दी गई थी. काटने वाले के अरबी पापा भी ऐसे इधर-उधर देखने लगे थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं. अभी फिर उदयपुर में पसंद की बात न करने पर गर्दन कटी है. बेशर्मी से ज़िम्मेदारी भी ली गई है. अब फिर कुछ पापा लोग इधर-उधर मुंह कर रहे हैं. पैरेलल यूनिवर्स फिर एक्टिव हो गया है.ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें
