समाज | 4-मिनट में पढ़ें
सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
![अनुपमा सीरियल अब बंद हो जाना चाहिए, क्या यह शो पुरुष विरोधी है? अनुपमा सीरियल अब बंद हो जाना चाहिए, क्या यह शो पुरुष विरोधी है?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202303/311x175_032023051252.jpg?size=200:200)
अनुपमा सीरियल अब बंद हो जाना चाहिए, क्या यह शो पुरुष विरोधी है?
अनुपमा (Anupama) शो में सारी महिलाएं रोती रहती हैं, अनुपमा की कहानी भी दोबारा उसी मोड़ पर आकर पहुंच गई है जहां से उसने आगे बढ़ने की शुरुआत की थी...अनुज भी अनुपमा पर चिल्ला रहा है, उसे दोष दे रहा है. उससे बात नहीं कर रहा है, उसे ताने मार रहा है. इस शो को देखकर लगता है कि दुनिया का हर पति अत्याचारी और पत्नी बेचारी होती है.
सिनेमा | 6-मिनट में पढ़ें
![Rakhi Sawant की गुपचुप शादियों के बीच हर पति बेवफा ही क्यों होता है? Rakhi Sawant की गुपचुप शादियों के बीच हर पति बेवफा ही क्यों होता है?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202302/1_311_020823085519.jpg?size=200:200)
Rakhi Sawant की गुपचुप शादियों के बीच हर पति बेवफा ही क्यों होता है?
फिल्म और टीवी इंडस्ट्री की ड्रामा क्वीन राखी सावंत आए दिन विवादों में रहती हैं. ताजा मामला उनके नए पति आदिल खान दुर्रानी से जुड़ा हुआ है, जिनको मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. ये पहली बार नहीं है जब राखी अपनी शादी, पति या ब्वॉयफ्रेंड के साथ विवाद की वजह चर्चा में आई हैं. उनके विवादों की फेहरिस्त लंबी है, लेकिन इसके मायने बड़े दिलचस्प हैं.
समाज | 7-मिनट में पढ़ें
!['स्मार्ट फोन मेरी तौबा'...पहले तुमने पर्दा उठाया फिर भेद खोल दिया! 'स्मार्ट फोन मेरी तौबा'...पहले तुमने पर्दा उठाया फिर भेद खोल दिया!](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202301/relation-311_011623033841.jpg?size=200:200)
'स्मार्ट फोन मेरी तौबा'...पहले तुमने पर्दा उठाया फिर भेद खोल दिया!
विवाह सात जन्मों का बंधन ना भी मानें तो ये एक सोशल एग्रीमेंट तो है ही. दोनों के बीच तालमेल नहीं है तो तलाक का प्रावधान है. लेकिन संबंध में बने रहते दूसरे संबंध बनाना केवल अनैतिक ही नहीं बल्कि अपने सामाजिक दायित्वों से मुंह मोड़ना जैसा भी है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें