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Updated: 27 मार्च, 2023 05:06 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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दलजीत कौर (Dalljiet Kaur) को देखकर जिंदगी पर अभी भी यकीन आता है. लगता है कि एक रिश्ता टूटने से जीने की उम्मीद खत्म नहीं होती. जिंदगी रूकती नहीं है आगे बढ़ती रहती है. जी हां दलजीत कौर निखिल पटेल संग दोबारा शादी के बंधन में बंध गई हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी को दूसरा मौका दिया है. वरना तलाक के बाद महिलाओं की उम्मीद खत्म होती जाती है.

वैसे भी समाज की नजरों में तलाकशुदा महिलाओं की क्या इज्जत होती है आपको भी पता है. एक तो उसकी शादी टूट जाती है ऊपर से लोग उस महिला को ही ताने देते हैं कि, इसी में कुछ कमी होगी तभी तो पति ने छोड़ दिया. यही अपना घर नहीं संभाल पाई. गलती इसी की है. लोग तलाकशुदा महिला के पास अपने बच्चों को नहीं जाने देते. तलाकशुदा महिलाओं को गलत नजरिए से देखा जाता है, उन्हें जज किया जाता.

Dalljiet kaur, Dalljiet kaur Husband, Nikhil Patel, Dalljiet Kaur second marriageदलजीत कौर निखिल पटेल संग दोबारा शादी के बंधन में बंध गई हैं

कहने को तो कहा जा सकता है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि तलाक के बाद महिलाएं दोबारा शादी करके ही खुश रह सकती हैं मगर अगर दूसरा मौका मिलता है तो इसमें हर्ज ही क्या है? हां वे अकेले भी जिंदगी बिता सकती हैं. अगर पढ़ी-लिखी हैं तो नौकरी कर सकती हैं मगर अगर कोई हमसफर मिल जाए तो उन्हें भी दलजीत कौर की तरह जिंदगी में आगे बढ़ने का अधिकार है. कई महिलाओं को लग सकता है कि हर किसी की किस्मत दलजीत कौर की तरह नहीं है जो दोबारा अच्छा जीवन साथी मिल जाए. मगर यह सोचकर उन्हें हाथ पर हाथ रख कर बैठना नहीं चाहिए बल्कि खुलकर जिंदगी जीना चाहिए औऱ आगे बढ़ना चाहिए.

रिपोर्ट्स के अनुसार दलजीत कौर की पहली शादी शालीन भनोट से हुई थी और साल 2015 में उनका तलाक हो गया था. वे एक 9 साल के बच्चे की मां हैं. तलाक के बाद वे अपने बच्चे की देखभाल कर रही हैं. उनकी जिंदगी में तलाक के सात साल बाद खुशियां आई हैं.

अपनी दूसरी शादी के बाद दलजीत कौर ने इंस्टाग्राम पोस्ट पर तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के लिए एक पोस्ट लिखी है. यह पोस्ट काफी भावुक करने वाली है. यह पोस्ट विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को इंस्पायर करती है.

"उम्मीद का मतलब आशा करना है.

अगर सपने देखने की हिम्मत है तो उससे पूरा करने की भी होगी.

जब जिंदगी आपको पीछे की और ढकेलती हो और समाज भी आपको इसके लिए मनाने की कोशिश करता हो. आपके पास लाख नकारात्मक कारण हों कि आपको यह नहीं करना चाहिए? ठीक यही वह समय है कि आपको यह करना चाहिए!

किसी को भी अपने जीवन को परिभाषित न करने दें. आपके पास जीने के लिए केवल एक ही जीवन है, इसलिए इसे वह सब कुछ दें जो आपके पास है. अपने बच्चों, दोस्तों और परिवार को बताएं कि खुशी स्टीरियोटाइप से परिभाषित नहीं होती है, यह तो जिंदगी के अनुभवों से परिभाषित होती है.

मैं सभी तलाकशुदा और विधवा महिलाओं से यह कहना चाहती हूं कि वे उम्मीद न छोड़ें, और अपने सोलमेट की तलाश करती रहें क्योंकि हो सकता है कि अभी तक उनसे आपकी मुलाकात न हुई हो.

हो सकता है कि दोबारा सबसे खराब स्थिति हो, ठीक है कोई बात नहीं. डरो मत, अपनी जिंदगी को मौका दो, डिफाइन करो. खुद को मौका दो. सपने देखो. उम्मीद रखो और खुश रहो."

हो सकता है कि कुछ लोग कहें कि बड़ी-बड़ी बातें कहना आसान है औऱ जीना मुश्किल मुश्किल. मगर दलजीत कौर ने अपनी जिंदगी में ये सब खुद भी अनुभव किया है. उन्होंने घरेलू हिंसा झेली है. शादी टूटने का दर्द औऱ सिंगल मदर होने की पीड़ा सही है. उनका घर औऱ दिल दोनों टूट चुका था मगर उन्होंने अपनी जिंदगी को आगे बढ़ने का मौका दिया. खुद को दूसरा मौका दिया. उनका तलाकशुद औऱ विधवा महिलाओं को दिया गया यह मैसेज वाकई हौसला देता है. इस बारे में आपकी क्या राय है?

देखें दलदीत कौर की ये पोस्ट-

 
 
 
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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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