सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | 3-मिनट में पढ़ें

उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या कर कट्टरता को हेरोइज़्म की तरह प्रदर्शित किया गया!
उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या के बाद कर्फ़्यू लग गया, इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं ताकि शान्ति बरती जाए. उस समाज में कोई कहां से शान्ति ढूंढेगा जहां धर्म के नाम पर मारपीट, लिन्चिंग और अब ऐसे क़त्ल होने लगे हों. उस क़ातिल को आप क्या सौहार्द का पाठ पढ़ायेंगे जिसे अपने जघन्य कृत्य पर ज़रा भी अफ़सोस न हो!
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

Kanhaiya Lal की मौत के बाद लोग इधर-उधर मुंह कर रहे हैं और पैरेलल यूनिवर्स एक्टिव हो गया है!
फ्रांस में किसी ने कार्टून बनाकर मज़ाक बनाया था तो उसकी ऑन स्पॉट गर्दन काट दी गई थी. काटने वाले के अरबी पापा भी ऐसे इधर-उधर देखने लगे थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं. अभी फिर उदयपुर में पसंद की बात न करने पर गर्दन कटी है. बेशर्मी से ज़िम्मेदारी भी ली गई है. अब फिर कुछ पापा लोग इधर-उधर मुंह कर रहे हैं. पैरेलल यूनिवर्स फिर एक्टिव हो गया है.
सोशल मीडिया | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

कन्हैया लाल की पत्नी और मुदस्सिर की मां: दोनों का दर्द एक, विलाप में अंतर क्यों?
कन्हैयालाल (KanhaiyaLal) के परिवार वाले किसी धार्मिक बहस का हिस्सा नहीं बन रहे हैं, न ही उनकी मौत को कोई हिंदू धर्म की गौरवगाथा से जोड़ रहा है. जबकि मुदस्सिर की मां ने जो कहा, उसे बड़ी शान से ओवैसी भरी सभा में दोहराते देखे गए!
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Udaipur Murder Case: कब रुकेगी ये हिंसा, कब थमेगा जिहादी आतंकवाद?
कल एक कन्हैयालाल नहीं बल्कि हर एक वो हिन्दू मरा है जो भाईचारे की सोच रख उन मुसलमानों को गले लगा बैठा, जिनके चेहरे पर मुस्कान, हाथ में ख़ंजर और जुबां पर अल्लाह का नाम है. आज इनकी इस घटिया मानसिक विकृत सोच से हर वो मुसलमान परेशान है, जिनकी सोच में शहीद अब्दुल हमीद व अब्दुल कलाम है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

Udaipur Murder Case: सेक्युलरिज्म के नाम पर ऐसे छला और मारा जा रहा है हिंदू...
सोशल मिडिया पोस्ट को आपत्तिजनक मानते हुए इस्लामिक कट्टरपंथ से सराबोर दो मुस्लिम युवकों ने उदयपुर के एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी. हिंदुस्तान सकते में हैं लेकिन बोलने की हिम्मत नहीं हो रही कि मारने वाले इस्लाम धर्म के कट्टरवादी हैं. ये खुलकर कहने में जाने कौन सा डर है?
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

सख्ती से कुचलो कन्हैया लाल के हत्यारों की सोच वालों को!
उदयपुर में एक नवयुवक दर्जी कन्हैया लाल की गर्दन काटने की घटना पर देश का गुस्सा या हैरानी जायज ही है. आखिर यह तो भारत को सीरिया या इराक बनाने की एक असफल किन्तु दुस्साहस भरी कोशिश तो है ही. पर यह हमारे ही इस हिन्दू बहुल मुल्क में भी होगा यह तो किसी ने नहीं सोचा था.
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