सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
33 साल बाद सलमान रुश्दी पर हुए हमले से नूपुर शर्मा की तुलना जरूरी है
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ने 1988 में 'द सेटेनिक वर्सेज' (The Satanic Verses) नाम की किताब लिखी थी. सलमान रुश्दी के खिलाफ 1989 में फतवा जारी हुआ था. इसके 33 साल बाद रुश्दी को ईशनिंदा के नाम पर निशाना बना लिया गया है. तो, नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की बात करना जरूरी है.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
Udaipur murder case: परिणाम पर प्रतिक्रिया नहीं, हिंसा का विरोध हो
महावीर कहते हैं कि 'हिंसा दूसरे के अस्तित्व का नकार है, उसके अस्तित्व की उपेक्षा है, उसके व्यक्तित्व की गरिमा का उल्लंघन है. हिंसा है अपने स्व को दूसरे के स्व पर उसकी सत्ता को एकदम नकारते हुए, आरोपण. अपने स्व की परिधि के पार ही हिंसा शुरू होती है.'
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
अफगानिस्तान में महिलाओं का प्रदर्शन तालिबान का PR तो नहीं?
अफगानिस्तान में हाल-फिलहाल महिलाओं की कुछ तस्वीरों और वीडियो देखने के बाद लगा कि क्या सच में तालिबान लड़ाके उदारवादी हो गए हैं? क्या सच में उनका दिल बड़ा हो गया? क्या अब वे कट्टर नहीं रहे? लेकिन कुछ घंटे बीता नहीं कि उनकी असलियत समझ में आ गई कि यह सब बस एक ढोंग था.
संस्कृति | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
मंदिर में पानी पीने आए आसिफ को मारकर धर्म को लाभ नहीं, हानि हुई है!
यूपी के गाजियाबाद में आसिफ का वीडियो देखकर मन बुरी तरह व्यथित होता है. आज एक बच्चे को प्यास बुझाने के लिये पीटा गया है क्योंकि वह पानी मंदिर परिसर का था. ईश्वर के नाम पर इस कुकृत्य को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता. ईश्वर कभी नहीं चाहेंगे कि कोई व्यक्ति उनके घर से प्यासा लौटे क्योंकि वह दूसरे धर्म का है.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
धार्मिक कट्टरता रोकने के लिए फ्रांस जैसा कानून क्या भारत में लागू हो सकता है?
भारत में ‘कट्टरता’ के अलग-अलग स्वरूपों की उपस्थिति ऐसा विषय है, जिस पर नीति निर्माताओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. किसी भी प्रकार की आधिकारिक नीति की अनुपस्थिति में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है. सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिये फ्रांस की भांति एक व्यापक नीति की रूपरेखा तैयार करे ताकि कट्टरता के किसी रूप से प्रभावित लोगों को बचाया जा सके.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होना ही सबसे बड़ा पाप है ?
Pakistan में एक बार फिर हालात खराब हो रहे हैं. देश में शिया सुन्नी (Shia-Sunni Clashes In Pakistan) के बीच टकराव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बीच Imran Khan की खामोशी एक बड़ा सवाल पैदा करती है औऱ ये चुप्पी एक दिन इमरान खान को ही महंगी पड़ जाने वाली है.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
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