
डॉ. अरुण प्रकाश
drarunprakash21
लेखक भारत-कोरिया अकादमिक संबंधों के लिए पुरस्कृत किए जा चुके हैं. साथ ही पुस्तक 'गांधी के राम' लिखी है.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

PS1: भारत के इतने महान इतिहास को कोई इतनी बेदर्दी के साथ आखिर कैसे पेश कर सकता है?
PS1 फ़िल्म के संवाद बहुत सतही व कमजोर हैं. संवाद पात्रों की गंभीरता व नायकत्व से मेल नहीं खाते. संवाद भंगिमा के भी अनुरूप नहीं हैं. न ही स्क्रिप्ट अच्छी लिखी गई है. गीत का अनुवाद बहुत असंगत है, अनर्थक . स्टेप और बोल में कोई मेल नहीं.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

Kaali Movie poster: भावना भड़की, प्रतिक्रियां दे दीं...इससे अधिक हिन्दू समाज के वश में क्या है?
कई कम्युनिस्ट इंटेलेक्चुअल साफ कहते हैं कि हिन्दू प्रतीकों (Kaali Movie poster) को इतना अपमानित कर दो कि उसे भारतीय समाज अपनाते हुए डरने लगे. तिलक और यज्ञोपवीत पवित्रता के पर्याय हैं तो हर चोर को, अपराधी को, व्यभिचारी व अत्याचारी को यह पहनाकर गलियों में घुमाया जाए ताकी इन प्रतीकों का पर्याय बदल जाए.सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

UN की अनधिकृत चेष्टा व भारत के विरोध के पीछे कौन है, और क्यों?
गुजरात के गोधरा में तीर्थयात्रियों को जिन्दा जला दिया गया. तब उसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई. उस प्रतिक्रिया को गुजरात दंगा कहकर विश्वभर में प्रचारित किया गया. कांग्रेस सरकार ने राज्य की सरकार के प्रति राजनीतिक दुराग्रह के चलते इसे पोषित भी किया. इस दुष्प्रचार ने भारत को वैश्विक मंचों पर बहुत कमजोर किया और देश को कई महत्वपूर्ण राजनयिक सम्बन्ध खोने पड़े.समाज | 6-मिनट में पढ़ें

Udaipur murder case: परिणाम पर प्रतिक्रिया नहीं, हिंसा का विरोध हो
महावीर कहते हैं कि 'हिंसा दूसरे के अस्तित्व का नकार है, उसके अस्तित्व की उपेक्षा है, उसके व्यक्तित्व की गरिमा का उल्लंघन है. हिंसा है अपने स्व को दूसरे के स्व पर उसकी सत्ता को एकदम नकारते हुए, आरोपण. अपने स्व की परिधि के पार ही हिंसा शुरू होती है.'संस्कृति | 4-मिनट में पढ़ें
