सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

भारतीय मुसलमान इस्लाम की प्रेरणा इमदाद इमाम से लें, कठमुल्लों से नहीं
भारत में मुसलमान कट्टरता की ओर तेज़ी से बढ़ता नज़र आ रहा है और यह कट्टरता सबसे ज़्यादा चोट भी उन्हें ही पहुंचाने वाली है इसलिए भारतीय मुसलमानों (Indian Muslims) को कठमुल्लाओं की नकाबपोश मंसूबों को पहचानना होगा, उनके खिलाफ खड़ा होना होगा.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

Bangladesh में माइनॉरिटी पर हमला करने वालों की सजा डेढ़ साल... बहुत नाइंसाफी है!
फ्रांस (France) में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून (Prophet Mohammad Cartoon) पर जारी विवाद की भेंट बांग्लादेश के अल्पसंख्यक (Bangladesh Minorities) चढ़े हैं. जो बात सबसे ज्यादा विचलित करती है वो ये कि कोर्ट ने इस भयंकर अपराध में शामिल लोगों को 1.5 साल की सजा सुनाई है और 'बड़े प्यार' से समझाकर मामला रफा दफा करने का प्रयास किया है.सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

फ्रांस में निर्दोषों का गला काटने वालों का भारत में साथ देने वाले कौन?
फ्रांस की घटनाओं से तो एक बार फिर सारा संसार दहल गया है. वहां पर मासूम लोगों का खुलेआम कत्लेआम हुआ. इसके बावजूद भारत के मुसलमानों (Indian Muslim) और धर्म निरपेक्षता का ढोंग करने वालों का एक वर्ग हत्यारों के साथ ही खड़ा नजर आ रहा है.उनके हक में सड़कों पर उतर आया हैं. यह एक शर्मनाक और भयावह स्थिति है.समाज | 4-मिनट में पढ़ें

Freedom Of Speech का सबसे वीभत्स चेहरा तो शायर मुनव्वर राणा निकले!
एक जाना पहचाना चेहरा होने के बावजूद जिस तरह का बयान शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने फ्रांस (France) मामले पर दिया है वो ये साफ़ बताता है कि उन पर कट्टरपंथ बुरी तरह हावी है और उनका असली चेहरा सांप्रदायिक है जो हत्या और सांप्रदायिक हिंसा (सांप्रदायिक हिंसा) का पक्षधर है.समाज | 4-मिनट में पढ़ें

पैगंबर मोहम्मद पर कूड़ा फेंकने वाली बुढ़िया के साथ क्या सुलूक हुआ था, भूल गए?
पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के समय मुसलमानों (Muslims) के किरदार में वाकई इस्लाम (Islam) का रंग झलकता था. जो अब काफी धुंधला होता जा रहा है. इस्लाम के उदय के समय सुन्नते रसूल पर खूब अमल होता था. नहीं तो रसूल पर कूड़ा फेकने वाली बुढ़िया की गर्दन काट दी जाती.समाज | 3-मिनट में पढ़ें

फ्रांस मामले में मुसलमानों को जैन समाज से प्रेरणा लेनी की जरूरत है
फ्रांस में जो हिंसा हो रही है उसके विरोध के लिए खुद मुसलमानों को आगे आना होगा. मुसलमानों का संगठित होकर इस कुकर्म के खिलाफ़ आवाज़ ना उठाना क्या उचित है? मुस्लिम समाज को समझना होगा कि उनके धर्म को बदनाम कोई दूसरा नहीं उनके अपने बीच के लोग कर रहे हैं. अब भी वक़्त है वरना दूसरों से की जा रहीं अपेक्षाएं अनुचित हैं.समाज | 7-मिनट में पढ़ें
समाज | 4-मिनट में पढ़ें

फ्रांस विरोध में कट्टरपंथ का लबादा ओढ़कर इन बच्चों ने तो कठमुल्लाओं के कान काट दिए हैं!
फ्रांस विरोध (France ) में दो वीडियो इंटरनेट पर बहुत तेजी से वायरल हो रहे हैं. दोनों ही वीडियो में बच्चे हैं और जैसी इनकी बातें हैं ये कट्टरपंथी मुल्लाओं से ज्यादा खतरनाक हैं. सवाल इनकी परवरिश पर है. बच्चे जो बचपन में ऐसे हैं आगे चलकर क्या करेंगे ये सोचने मात्र से दहशत होती है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
