
रमेश ठाकुर
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सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

Karnataka Election Results 2023: भाजपा कब तक रहेगी मोदी ब्रांड पर निर्भर?
चुनावी पंड़ित कर्नाटक रिजल्ट के बाद समीक्षात्मक बयान देने लगे हैं कि क्या अब मोदी-शाह का दौर अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है या फिर भाजपा कब तक मोदी ब्रांड पर निर्भर रहेगी. वहीं, कांग्रेस की जीत के बाद यह बहस फिर से शुरू हो गई है कि क्या अगले आम चुनावों में नरेंद्र मोदी की राहें और मुश्किल होंगी?सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

चीनी सामान की गारंटी नहीं, तो गीदड़-भभकी पर क्यों हों परेशान?
हमसे हजारों किलोमीटर दूर पर बैठे लोग पहले से तय हमारे स्थानों के नाम बदलने की बात करता है.इससे उनके दिमाग का दिवालियापन ही कहा जाएगा. ऐसे तो हमारी सरकार भी दिल्ली में बैठकर शंघाई का नाम ‘संघर्ष नगर’ रख देगी, तो क्या उससे उसका नाम संघर्ष नगर हो जाएगा. नाम तो नहीं बदलेगा. पर, उपहास जरूर उड़ेगा, जैसा इस वक्त चीन का उड़ रहा है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

राजनीतिक पेचीदगी में क्यों फंसी सारस-आरिफ की मित्रता?
यूपी में आरिफ और सारस की दोस्ती ने सारस को बचाने के प्रयास में शांत हो चुके शासन-प्रशासन स्तर की कोशिशों में भी चेतना ला दी है. यूं कहें कि एक इंसान और एक पक्षी की दोस्ती की ललकार ऐसे फैली कि सबको गहरी नींद से जगा दिया. फिलहाल इस प्रकरण ने ‘सारस संरक्षण अभियान’ को फिर से हवा देने के साथ-साथ सियासत भी तेज हो गई है.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

किसानों की कैसे हो कुदरत के कहर से बर्बाद हुई फसल की भरपाई?
बीते लगातार कुछ वर्षों से बेमौसम बारिश ने समूचे देश में कहर बरपाया हुआ है. बेमौसम बारिश तभी होती है, जब किसानों की फसलें खेतों में अधकची लहलहाती होती हैं. लगता है खेतीबाड़ी को किसी की नजर लग गई. क्योंकि फसलें खेतों में जब पककर खड़ी होती है. तभी, कुदरत का रौद्र रूप उन्हें उजाड़ देता है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

ऑस्ट्रेलियाई स्कूली पाठ्यक्रमों में पंजाबी भाषा शामिल होना गर्व की बात तो है!
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने हाल में लागू की अपनी नई शिक्षा नीति में अब पंजाबी भाषा को भी जोड़ लिया है. उनके इस निर्णय को भारत सरकार और प्रत्येक भारतीयों ने खुलेदिल से सराहा है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अपने सभी निजी व सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में पंजाबी को पढ़ाने का फैसला किया है जो प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के पाठ्यक्रमों में अब से पढ़ाई जाया करेगी.सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

Russia Ukraine War: अंतर्विरोध संसार की देन है साल भर युद्ध का खींचना...
युद्व के बाद रूस के अंदरूनी हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं. बेरोजगारी और महंगाई की समस्या दिनों दिन बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण उन पर लगा आर्थिक प्रतिबंध है. ज्यादातर मुल्कों ने रूस के साथ आयात-निर्यात करना बंद कर दिया है. सिर्फ भारत एक ऐसा देश है जो राजी रखे हुए है.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

बाल विवाह के खिलाफ समूचे हिंदुस्तान में असम जैसी मुहिम की दरकार है
बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार द्वारा चलाया जा रहा अभियान चर्चा में है. ऐसे अभियान पहले भी विभिन्न राज्यों में खूब चले, लेकिन धीरे-धीरे कमजोर पड़े. पर मौजूदा मुहिम ने फिर से ताकत दी है, नई चेतना जगाई है. इसकी वजह से खलबली हिंदी पट्टी से लेकर पहाड़ी राज्यों तक मची हुई है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

बजट तो बैलेंस लेकिन निर्मला समझें रसोई वाली समस्या अभी भी जस की तस है!
नए बजट में बजट में जितनी भी योजनाओं को लागू करने की बात कही गई है उन्हें ईमानदारी से अमल में लाया जाए. क्योंकि कई योजनाएं ऐसी होती हैं, साल बीत जाने तक शुरू नहीं होती. ये हर पिछले बजट में होता आया है, इसमें ऐसा ना हो, ऐसी सबको उम्मीदें हैं.सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

'शरीफ' की 'शराफत' पर भारत भरोसा करे भी तो कैसे?
अब तक पाकिस्तान एक बात अच्छे से समझ गया है कि भारत से पंगा लेने का मतलब है पूरी दुनिया से बैर-बुराई कर लेना, और भारत से संबंध अच्छे रखने का मतलब है दुनिया के देशों के साथ खुश रहना. तभी, शहबाज शरीफ भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं. वरना, वो इतने शरीफ नहीं हैं कि भारत के सामने खुद को झुकाएं.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

किसी को नहीं है बढ़ती बाल मजदूरी की चिंता...
बाल श्रम रोकने मेें सरकारी व सामाजिक दोनों के प्रयास नाकाफी न रहें, सभी को ईमानदारी से इस दायित्व में आहूति देनी चाहिए. कानूनों की कमी नहीं है, कई कानून सक्रिय हैं. बाल श्रम अधीनियम 1986 के तहत ढाबों, घरों, होटलों में बाल श्रम करवाना दंडनीय अपराध है. बावजूद इसके लोग बाल श्रम को बढ़ावा देते हैं.समाज | 6-मिनट में पढ़ें

तो क्या अब नेपाली एविएशन को है रिफॉर्म की जरूरत?
नेपाल में मात्र एक त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टैंडर्ड क्वालिटी का है. बीते कुछ वर्षों में वहां एविएशन क्षेत्र ने आधुनिक तकनीकों में जरूर थोड़ा बदलाव किया है. पर, उसका सही से क्रियांवयन नहीं किया गया. पोखरा विमान हादसा उसी का नतीजा है. इस घटना के बाद नेपाल विमानन नेटवर्क को सतर्क हो जाना चाहिए. घटना के संभावित पहलुओं को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करना चाहिए.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें