
रमेश ठाकुर
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सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

बजट तो बैलेंस लेकिन निर्मला समझें रसोई वाली समस्या अभी भी जस की तस है!
नए बजट में बजट में जितनी भी योजनाओं को लागू करने की बात कही गई है उन्हें ईमानदारी से अमल में लाया जाए. क्योंकि कई योजनाएं ऐसी होती हैं, साल बीत जाने तक शुरू नहीं होती. ये हर पिछले बजट में होता आया है, इसमें ऐसा ना हो, ऐसी सबको उम्मीदें हैं.सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

'शरीफ' की 'शराफत' पर भारत भरोसा करे भी तो कैसे?
अब तक पाकिस्तान एक बात अच्छे से समझ गया है कि भारत से पंगा लेने का मतलब है पूरी दुनिया से बैर-बुराई कर लेना, और भारत से संबंध अच्छे रखने का मतलब है दुनिया के देशों के साथ खुश रहना. तभी, शहबाज शरीफ भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं. वरना, वो इतने शरीफ नहीं हैं कि भारत के सामने खुद को झुकाएं.समाज | 5-मिनट में पढ़ें

किसी को नहीं है बढ़ती बाल मजदूरी की चिंता...
बाल श्रम रोकने मेें सरकारी व सामाजिक दोनों के प्रयास नाकाफी न रहें, सभी को ईमानदारी से इस दायित्व में आहूति देनी चाहिए. कानूनों की कमी नहीं है, कई कानून सक्रिय हैं. बाल श्रम अधीनियम 1986 के तहत ढाबों, घरों, होटलों में बाल श्रम करवाना दंडनीय अपराध है. बावजूद इसके लोग बाल श्रम को बढ़ावा देते हैं.समाज | 6-मिनट में पढ़ें

तो क्या अब नेपाली एविएशन को है रिफॉर्म की जरूरत?
नेपाल में मात्र एक त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टैंडर्ड क्वालिटी का है. बीते कुछ वर्षों में वहां एविएशन क्षेत्र ने आधुनिक तकनीकों में जरूर थोड़ा बदलाव किया है. पर, उसका सही से क्रियांवयन नहीं किया गया. पोखरा विमान हादसा उसी का नतीजा है. इस घटना के बाद नेपाल विमानन नेटवर्क को सतर्क हो जाना चाहिए. घटना के संभावित पहलुओं को चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त करना चाहिए.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

दिल्ली एमसीडी जीतकर भी कहीं हार तो नहीं जाएंगे अरविंद केजरीवाल?
AAP ने ‘अच्छे होंगे पांच साल, एमसीडी में भी केजरीवाल’ नारे के साथ चुनाव लड़कर दिल्ली नगर निगम पर कब्जा किया है. उन्हें 250 में 134 सीटें मिली, भाजपा को पंद्रह सालों बाद सत्ता से बेदखल किया है. दरअसल, यहीं से कुछ सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं कि क्या केजरीवाल को भाजपा ने वॉक ओवर देकर फंसा तो नहीं दिया है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

दिल्ली के एमसीडी चुनाव में चुनावी लड़ाई, हत्या-सुसाइड तक आई...
जैसे जैसे दिल्ली में एमसीडी चुनावों के दिन नजदीक आ रहे हैं, चाहे वो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हों या फिर भाजपा तमाम दलों ने सियासी ड्रामे की शुरुआत कर दी है. चुनाव में दलों का क्या रुख है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि बात अब हिंसा और आत्महत्याओं तक आ गयी है.सियासत | 7-मिनट में पढ़ें

इक्वेटोरियल गिनी से भारतीय नाविकों को छुड़ाने के प्रयास तेज हों
इक्वेटोरियल गिनी के लोगों ने हमारे एक जहाज जिसमें 16 भारतीय नाविक सवार हैं, को अगवा कर लिया. गुनाह भी उन्होंने कोई ऐसा नहीं किया, जो अगवा होने का कारण बनें. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की नजर मामले पर है और इनकी रिहाई के प्रयास जारी है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

हिमाचल - गुजरात चुनावों के तहत चुनाव आयोग ने भी कह दिया मौसम चौंकाने का है, चौकन्ने रहें!
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव हैं. ऐसे में जो फैसला चुनाव आयोग ने लिया उसने सभी को हैरत में डाल दिया. अभी बीते दिनों ही चुनाव आयोग के आयुक्त राजीव कुमार ने पत्रकार वार्ता की और हिमाचल प्रदेश चुनावों की तारीखों का जिक्र किया। मगर जब गुजरात की बात आई तो उन्होंने कुछ नहीं बताया.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

नौबत कहीं ऐसी ना आ जाए, खड़गे निर्विरोध चुन लिए जाएं?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं. ऐसा लगता है अध्यक्ष किसे बनाना है, इसकी पटकथा पहले से ही लिखकर रख दी गई है. जो हो रहा है वो रामलीला के मंचन जैसा है. खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनने का मतलब है, कमान अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार के ही पास रहेगी. वोटिंग 17 तारीख को होनी है, लेकिन उसके आतेआते परिणाम शायद पहले ही घोषित हो जाएं, वोटिंग की नौबत ही ना आए.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

हाशिए पर पड़े आदिवासी समाज को द्रौपदी मुर्मू से बची है आखिरी उम्मीद?
नई महामहिम अपने समुदाय के लिए कुछ करें, उनके सुदीर्घ सामाजिक, राजनीतिक, सार्वजनिक जीवन के अनुभव का लाभ लेने की प्रतीक्षा में हैं उनका अपना मूल समुदाय. द्रौपदी मुर्मू को लेकर लोगों में एक डर है. कहीं उनकी आड़ में कोई राजनीतिक स्वार्थ तो पूरा नहीं करना चाहता. इस डर का समाज भुक्तभोगी है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
