सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 2-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

Aazam Movie Review: दो गुना थ्रिल का मजा देती है जिमी शेरगिल की नई फिल्म
Aazam Movie Review in Hindi: एक रात की इस कहानी में भरपूर थ्रिल है, भरपूर क्राइम और मिस्ट्री के भरपूर मसाले हैं. बिना कोई एकस्ट्रा मसाले के जब संयमित हाथों से मसाले किसी चीज़ पर बुरक छिड़क दिए जाएं तो वह देखने, दिखाने, बनाने और उसे चखने वालों पर करम जरूर करते हैं.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

अपने समय की ज़रुरी फिल्म है ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’
सिर्फ एक बंदा काफी है आसाराम के जीवन से प्रेरित है. या कहें साधु के भेष में बैठे शैतान के कुकर्मों से प्रेरित है. आसाराम को एक सामान्य कथावाचक से भगवान और फिर धीरे धीरे उसके अपराधों का कच्चा चिट्ठा खुलने के दौरान शैतान बनते हम सबने देखा है. लेकिन, फिल्म को सिर्फ इसकी कहानी के लिए नहीं देखा जाना चाहिए.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

सिर्फ एक बंदा काफी है जो रब का है, लॉ उसका धंधा है, जस्टिस दिलाना काम है!
हकीकत में वो बंदा पीसी सोलंकी है जिसने ना सिर्फ बंदे का नाम लेकर फिल्म ने इशारा भर किया है और कहते हैं ना इशारों को अगर समझों, सो एक और इशारा हमने भी कर दिया है. समझ गए ना आसूमल वही सजायाफ्ता बदनाम कथावाचक रेपिस्ट बाबा है, जो जेल में है.
सिनेमा | बड़ा आर्टिकल

नानेरा के जरिये राजस्थानी सिनेमा को नजर का टीका लग चुका है...
फिप्रेसी की इस साल 2023 की लिस्ट में ‘नानेरा’ ने ‘कांतारा’, ‘आरआरआर’ जैसी चर्चित फिल्मों को पीछे छोड़ एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. नानेरा जिस तरह की फिल्म है माना जा रहा है कि इसके जरिये लोगों को राजस्थानी संस्कृति को और करीब से समझने का मौका मिलेगा.
सिनेमा | 3-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 3-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
