
तेजस पूनियां
@tejas.poonia.18
तेजस पूनियां लेखक, फिल्म समीक्षक हैं। मुम्बई विश्वविद्यालय से शोध कर रहे तेजस का एक कहानी संग्रह और एक सिनेमा पर पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। आकाशवाणी से नियमित तौर पर जुड़े हुए हैं तथा कई राष्
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
इस शॉर्ट फिल्म के माध्यम से पहली बार सिनेमा में निर्देशन की कमान संभालने वाले "कुनाल मेहता" तारीफों, शाबाशियों तथा पीठ ठोके जाने के हकदार बनते हैं. कायदे से राजस्थान के सिनेमा में अंगुलियों पर पूरे गिने जा सकने योग्य भी फिल्म निर्देशक नहीं हैं.सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

Lafzon Mein Pyaar Review: उम्मीदों को दिल में सजाने का नाम 'लफ्जों में प्यार'
एक फिल्म और तीन-तीन कहानियां. जी हां लेकिन आप इसे देखने बैठते हैं तो आपको अंत तक जाते-जाते उम्मीदों को दिल में सजाने की बातें करने वाली इस फिल्म की कहानी समझ आने लगती है. समझ आता है कि लड़के के बाप ने उसे क्यों नाकारा कहा? समझ आता है कि उसे अपनी ही स्टूडेंट से प्यार क्यों हुआ?सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

Coat Movie Review: दलितों के संघर्ष को 'कोट' किया जाए
बाबा साहेब आंबेडकर भी दलित थे लेकिन उन्होंने अपने संघर्षों और मेहनत से अपने को दुनिया जहान में 'कोट' करने यानी उद्धरित करने लायक बनाया. वही काम इस फिल्म का नायक करता नजर आता है. इस देश में आज भी माधो जैसी सोच के, उसकी जैसी मेहनत के, उसके जैसे सपने देखने वाले और उन सपनों को पूरा करने वाले सैंकड़ों लोग हैं.सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

T Movie Review in Hindi: कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देती 'टी'
यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि असल किरदार मेघना साहू की जिंदगी पर बनी बायोग्राफी है. कई प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में सराही गई तथा पुरुस्कृत हुई यह फिल्म सोच बदलती है. यह सोच बदलती है उस समाज की जिसमें तथाकथित रूप से केवल स्त्री और पुरुष ही रह सकते हैं.सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

Vash Movie Review: अतृप्त आत्माओं की वासनाओं का 'वश'
Vash Movie Review in Hindi: इस फिल्म का सार भी यही है. हिमाचल के एक गांव परागपुर में एक के बाद एक मर्डर हो रहे हैं. कौन मार रहा है इन्हें? क्यों मार रहा है? क्या कुछ साफ हो पाएगी स्थिति? इन सब सवालों से यह फिल्म 'वश' दो चार होती हुई आपको भी तकनीकी तथा अन्य कारणों से वश में करती जाती है.सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

Kanwar Movie Review: आस्था के बहाने स्याह पक्ष उभार गई 'कावड़'
यह फिल्म कावड़ के बहाने से हमारे समाज की दूषित सोच को उजागर करती है. एक और बाबा बेहद गंदे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है. वे तमाम लड़के जो कावड़ ला रहे हैं वे भी बीच-बीच में एक दूसरे को गालियां देते नजर आते हैं. अपने को सभ्य समाज का सभ्य नागरिक समझने वाले ये लोग अंदर से कितने मैले हो चुके हैं यह फिल्म बताती है.सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

Lomad Trailer Review: भारतीय सिनेमा को नई दिशा देने का नया प्रयास
आगामी चार अगस्त 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार हेमवंत के निर्देशन में बनने वाली बतौर इंडिपेंडेंट डायरेक्टर यह एक अनोखी फिल्म है. अनोखी इसलिए की यह भारत की पहली ब्लैक एंड वाईट फिल्म है. क्यों चौंक गये ना. अब आप कहेंगे भारत में सिनेमा का उदय ही मूक और ब्लैक एंड वाईट फिल्मों से हुआ.सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
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Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review: बेस्ट कोर्ट रूम ड्रामा, जरूर देखना चाहिए
Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review in Hindi: हिन्दी सिनेमा में ढेरों ऐसी फिल्में आईं हैं जिनमें कोर्ट रूम ड्रामा नजर आता है या कथित बाबाओं की कहानियां नजर आती हैं. लेकिन यह फिल्म उन सभी में अपने को शीर्ष पर ले जाकर खड़ा करती है.सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

Aazam Movie Review: दो गुना थ्रिल का मजा देती है जिमी शेरगिल की नई फिल्म
Aazam Movie Review in Hindi: एक रात की इस कहानी में भरपूर थ्रिल है, भरपूर क्राइम और मिस्ट्री के भरपूर मसाले हैं. बिना कोई एकस्ट्रा मसाले के जब संयमित हाथों से मसाले किसी चीज़ पर बुरक छिड़क दिए जाएं तो वह देखने, दिखाने, बनाने और उसे चखने वालों पर करम जरूर करते हैं.सिनेमा | 8-मिनट में पढ़ें
