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पीयूष पांडे
pandeypiyush07
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और व्यंगकार हैं.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
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अपने समय की ज़रुरी फिल्म है ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’
सिर्फ एक बंदा काफी है आसाराम के जीवन से प्रेरित है. या कहें साधु के भेष में बैठे शैतान के कुकर्मों से प्रेरित है. आसाराम को एक सामान्य कथावाचक से भगवान और फिर धीरे धीरे उसके अपराधों का कच्चा चिट्ठा खुलने के दौरान शैतान बनते हम सबने देखा है. लेकिन, फिल्म को सिर्फ इसकी कहानी के लिए नहीं देखा जाना चाहिए.ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें
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