सोशल मीडिया | 4-मिनट में पढ़ें

अच्छा हुआ मां ने आकर क्लियर कर दिया, वरना बच्चे की पेंटिंग ने टीचर को तारे दिखा दिए थे!
एक बच्चे की ड्राइंग ने स्कूल में हड़कंप मचा दिया.आनन फानन में मां बाप को स्कूल बुलाया गया और उन्हें पेंटिंग दिखाई गयी. मां ने पेंटिंग देखि और उल्टा टीचर की ही क्लास लगा दी. आइये जानें कि पेंटिंग में ऐसा क्या था जिसे देखकर टीचर की रूह सिहर उठी.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें

गांवों में टीकाकरण की कमान संभाले एनएनएम क्षमता से दोगुना काम कर रहीं हैं!
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार पिछले 5 सालों में देश में बच्चों के टीकाकरण में 14.4% बढ़ोतरी हुई है. लेकिन देश के ग्रामीण क्षेत्रों मे टीकाकरण पहुचाने के हमेशा तत्पर रहने वाली एएनएम की चुनौतियों को नजरंदाज किया जाता रहा है.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

और फिर Scroll करते-करते खेल खत्म हो ही गया
बच्चे वही फॉलो करते हैं जो वो आपको करता देखते हैं. अपने बुज़ुर्गों से कुछ सीखिए, बच्चे सीधे से न माने तो उनकी बाह मरोड़ दीजिए, शुरु में कुछ दिन उन्हें दिक्कत होगी लेकिन फिर वो लाइन पर आ जाएंगे. इन सब टॉर्चर से पहले, खुद पर स्ट्रिक्ट होइए, खुद को एडिक्शन से बचाइए.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

गृहिणी बनना भी अपनी च्वाइस होती है, जानिए ट्रैड वाइफ पर क्यों छिड़ी है बहस?
हमारे समाज में घर संभालना छोटी बात क्यों मानी जाती है? क्या आपने कभी हाउसवाइफ का इसलिए सम्मान होते देखा है, क्योंकि उसने घर को बड़े ही करीने से संभाला है. लोगों को यह क्यों समझ नहीं आता कि जरूरी नहीं है कि हर महिला को बाहर काम करना ही पसंद हो. घर को मैनेज करना किसी कंपनी को मैनेज करने से आसान काम थोड़ी है.
सिनेमा | 7-मिनट में पढ़ें

Mrs Chatterjee vs Norway की सच्ची कहानी, जिस पर रानी मुखर्जी की ये फिल्म आधारित है!
रानी मुखर्जी की नई फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' रिलीज से पहले सुर्खियों में हैं. इस फिल्म का प्री रिलीज शो देखने वाले लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं. इसकी कहानी से लेकर कलाकारों के अभिनय तक को मजबूत पक्ष बताया जा रहा है. ऐसे में बात दें कि इस फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है. इसके केंद्र में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सागरिका भट्टाचार्य हैं. आइए सागरिका की जिंदगी की कहानी जानते हैं, जो अपने बच्चों के लिए सरकार से लड़ गई थीं.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
