सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

उच्च न्यायालय ऐसे कैसे प्रो रेपिस्ट आदेश दे सकती है ?
क्या न्यायाधीश की आस्था 'Marry your Rapist Law' में हैं ? सो जब पीड़िता के वकील ने कहा कि वह मांगलिक नहीं है तो उन्होंने दोनों पक्षों की सहमति से लड़की की कुंडली चेक कराने की ठान ली ताकि आरोपी को उससे शादी करने का आदेश देकर मामले का पटाक्षेप कर दें.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें

गृहिणी बनना भी अपनी च्वाइस होती है, जानिए ट्रैड वाइफ पर क्यों छिड़ी है बहस?
हमारे समाज में घर संभालना छोटी बात क्यों मानी जाती है? क्या आपने कभी हाउसवाइफ का इसलिए सम्मान होते देखा है, क्योंकि उसने घर को बड़े ही करीने से संभाला है. लोगों को यह क्यों समझ नहीं आता कि जरूरी नहीं है कि हर महिला को बाहर काम करना ही पसंद हो. घर को मैनेज करना किसी कंपनी को मैनेज करने से आसान काम थोड़ी है.
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें

आखिरकार भगवंत मान गए, शराब बड़ी खराब है...
होली पर एक मित्र दार्शनिक हो गए. कहने लगे होली का त्योहार राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना भी व्यक्त करता है. राष्ट्रवादियों और समाजवादियों के क्रमशः राष्ट्रवाद और समाजवाद को राष्ट्रहित के सूत्र में बांधता है. गरीब से लेकर मध्यम वर्ग और अमीर सभी बराबर मात्रा में शराब का ख़ूब टेक्स देकर सरकारों को भारी-भरकम राजस्व देते हैं.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

कोरोना के डर के आगे जो गुरुग्राम में महिला ने किया वो आपको हैरान-परेशान कर देगा!
गुरुग्राम की एक महिला ने खुद को और अपने 7 साल के बेटे को 3 सालों तक एक कमरे में बंद रखा. महिला को डर था कि वो और उसका बेटा कोविड 19 की चपेट में आ सकते हैं. साफ़ है कि गुरुग्राम में जो हुआ उसकी वजह डर है. साबित हो गया कि जब व्यक्ति डर की चपेट में आता है तो अपने होशो हवास खो देता है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें

बीमार पति को बुजुर्ग पत्नी खाना खिला रही है, ऐसा प्यार किस्मत वालों को मिलता है
इस कपल को देखकर लगता है कि प्यार कितना सरल होता है. दोनों की सादगी दिल जीत रही है. दोनों को देखकर लगता है कि वे एक-दूसरे से कितना प्यार करते हैं. कितने खुदकिस्मत हैं ये जिन्होंने सच्चे प्यार का अनुभव किया है. वरना छलावे भरी इस दुनिया में हर रोज ना जाने कितने दिल छले जाते हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

गांव की उस औरत की कहानी जो पति के परदेश जाने के बाद घर में अकेली रहती है
जब शादी करके आई थी तो भरा-पूरा परिवार था. फिर धीरे-धीरे सब शहरों की ओर रूख कर गए. पति को पैसे कमाने थे तो वह मना भी कैसे करती? कुछ साल बाद सास और फिर ससुर जी भी गुजर गए. बच्चे पढ़ाई करने शहर चले गए. हां घरवालों ने उसे एक सादा फोन जरूर दे दिया था जिस पर घंटी आ सकती है. किसी ने उसे फोन रिसीव करना तो सिखा दिया लेकिन फोन मिलाना उसे अभी भी नहीं आता, वह अनपढ़ जो है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
