इकोनॉमी | 4-मिनट में पढ़ें
कॉफी से अच्छी तो चाय निकली, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग दोनों से एडजस्ट कर लिया!
जलवायु परिवर्तन के कारण एक ही समय में कई देशों में कॉफी का वैश्विक उत्पादन खतरे में है. इसके पीछे की वजह जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग को बताया जा रहा है. कहा ये भी जा रहा है कि आने वाले वक़्त में कॉफी आम आदमी की पहुंच से दूर और काफी महंगी हो सकती है.
समाज | 2-मिनट में पढ़ें
दाम केवल दूध के नहीं बढ़े, लोगों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं
मदर डेयरी (Mother Dairy) ने लागत का हवाला देते हुए दिल्ली-एनसीआर में दूध के दामों (Milk Price Hike) को फिर से बढ़ा दिया है. और, इस साल मदर डेयरी की ओर से दूध की कीमतों में ये चौथी बढ़ोतरी है. ये कहना गलत नहीं होगा कि जल्द ही अमूल दूध के दाम भी बढ़ ही जाएंगे. क्योंकि, दूध की लागत का असर तो पूरी इंडस्ट्री पर होगा.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
चाय जैसी पवित्र चीज में 'चीज़' डालकर ये क्या चीज बना दी है!
फ्यूजन के नाम पर क्या चाय के साथ प्रयोग हो सकते हैं? क्या चाय जैसी पवित्र चीज में 'चीज' डाली जा सकती है? कोई भी समझदार इंसान न में ही जवाब देगा. लेकिन कुछ अक्ल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर लिया और चाय में 'चीज' डाल इतिहास रच दिया. अब बस वक़्त है शॉल और अवार्ड देकर ऐसे लोगों को सम्मानित करने का.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
ह्यूमर | 3-मिनट में पढ़ें
ज़रा-सी बारिश और दिल्ली का बावर्ची बन खाने पर अत्याचार करना अलग किस्म का गुनाह है!
दिल्ली में बारिश का होना भर था. वो पब्लिक जो बीते कई दिन से भीषण गर्मी की मार झेल रही थी बड़ी राहत महसूस कर रही है. ऐसे में जैसे ही हम सोशल मीडिया का रुख करते हैं तो वहां एक अलग ही तरह का नजारा है और हर आदमी शेफ बना हुआ है जो कई तरह की अतरंगी डिशेज के अविष्कार में अपनी ऊर्जा खंपा रहा है.
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें
यकीन मानिये, कबाब में हड्डी से कहीं ज्यादा बुरा है चाय में रूहअफजा!
फ्यूजन के नाम पर क्या कुछ हो रहा है उससे हम वाकिफ हैं. कपड़ों का और म्यूज़िक के फ्यूज़न के साथ फूड फ्यूज़न का नया शगल क्या क्या दिन दिखा रहा है. बाकी सब बर्दाश्त किया.नज़रंदाज़ किया पर चाय! यकीन करें अब तो ये मामला इश्क को रुसवा करने जैसा है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
Farm Bill 2020: राज्य सभा उप सभापति हरिवंश की निलंबित सांसदों को चाय और राष्ट्रपति को पत्र एक नजीर है!
कृषि बिल (Farm Bill) को लेकर हिंसा-अराजकता के बावजूद जिस तरह उप सभापति (Deputy Chairman) हरिवंश(Harivansh Narayan Singh)ने प्रदर्शनकारी सांसदों को सुबह सुबह चाय पिलाई है एक नजीर स्थापित हुई है जिसका तोड़ फ़िलहाल न तो प्रदर्शन करते सांसदों के पास है और न ही खुद को किसानों का मसीहा कहने वाले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के पास.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें






