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Updated: 22 सितम्बर, 2020 05:53 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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कृषि बिल (Farm Bill) को लेकर तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. विपक्ष (Opposition) जहां इसे कृषि विरोधी (Anti Farmers) बता रहा है तो वहीं सरकार का कहना है कि अब इस बिल के बाद किसानों की किस्मत चमक जाएगी. बिल पर राजनीति बदस्तूर जारी है और ये राजनीति ही है जिसके चलते हम अनुशासन के नाम पर राज्यसभा (Rajyasabha) से निलंबित किये गए अलग अलग दलों के 8 सांसदों (MP) को संसद भवन (Parliament) के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन और सरकार विरोधी रवैया अपनाते देख रहे हैं. बता दें कि इन 8 सांसदों को सभापति वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) ने सदन में हंगामा करने और उपसभापति हरिवंश (Harivansh Narayan Singh) के साथ बदतमीजी और बदसलूकी करने के लिए सस्पेंड किया था. कहावत है कि बुराई चाहे जितनी भी बड़ी क्यों न हो छोटी सी अच्छाई में वो शक्ति है कि बुराई उसके आगे झुक जाती है. निलंबित सांसदों द्वारा बदसलूकी के बावजूद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश न केवल निलंबित सांसदों से मिलने पहुंचे बल्कि उन्हें अपने हाथों से चाय भी पिलाई.

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उपसभापति हरिवंश अपने साथ एक झोला लाए थे जिसमें सदन से बर्खास्त सांसदों के लिए चाय और स्नैक्स थे. हरिवंश ने अपने हाथों से चाय निकाली और सांसदों को पिलाई. इसके बाद हरिवंश ने सांसदों से बात की और उनकी समस्याओं को सुना.

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का इतनी बदसलूकी के बावजूद बिगड़ैल सांसदों को चाय पिलाना भर था सोशल मीडिया उनकी तारीफों से पटा पड़ा है. हरिवंश का सांसदों को चाय पिलाना पीएम मोदी को भी भाया है. मामले पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है और कहा है कि जिन सांसदों ने उनपर हमला किया और उनका अपमान किया उनके लिए स्वयं चाय लेकर जाना श्री हरिवंश जी के खुले और बड़प्पन को दर्शाता है। यह उनकी महानता को दिखाता है. मैं देश की जनता के साथ मिलकर इसके लिए हरिवंशजी को बधाई देता हूं.'

केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजीजू ने ट्वीट किया है कि जिन सांसदों ने उपसभापति पर हमला किया और उनके साथ बदसलूकी की उन्हें चाय परोसकर हरिवंश ने बताया है कि वास्तविक लोकतंत्र क्या होता है. जिन लोगों ने भी उनके ऊपर हमला किया उन्हें अपना आत्मसात करने की ज़रूरत है.

प्रीति गांधी ने ट्वीट किया है कि मुझे नहीं लगता कि ऐसा पहले कभी कुछ हुआ है. सबने देखा कि कैसे उन्हें अपमानित किया गया और उनपर हमला हुआ और उसके बाद उनपर हमला करने वाले लोग धरने पर बैठ गए. हरिवंश ने किसी भी बात को दिल में नहीं रखा और सुबह की चाय लेकर पहुंच गए. ये एक मन मोह लेने वाला बर्ताव है.

वहीं देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी हरिवंश के इस व्यवहार की जमकर तारीफ की है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील देवधर ने भी उपसभापति हरिवंश के इस प्रेमपूर्ण रवैये की जमकर तारीफ की है. सुनील देवधर ने ट्वीट किया है कि संसद में हिंसा और बदसलूकी करने वाले सांसदों को चाय पिलाकर हरिवंश ने लोकतंत्र के मद्देनजर एक नजीर स्थापित की है जिसे देश सालों साल याद रखेगा.

एक तरह जहां चाय पिलाने को लेकर हरिवंश की जमकर तारीफ हो रही हैं तो वहीं धरने पर बैठे कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है. बोरा ने कहा है कि 'सरकार की ओर से कोई हमारा हाल लेने नहीं आया. कई विपक्षी नेता आए और हमारा साथ देने की बात कही. हम प्रदर्शन जारी रखेंगे. हरिवंश जी ने कहा कि वे हमसे कलीग के तौर पर मिलने आए न कि राज्यसभा के उपसभापति के तौर पर. अपने साथ वे चाय व स्नैक्स भी लेकर आए. हम यहीं परिसर में रातभर रहे.'

गौरतलब है कि बीते दिनों ही देश की जनता ने राज्यसभा में एक ऐसा दृश्य देखा जिसकी कल्पना शायद ही कभी किसी ने की हो. सांसदों ने कृषि विधेयक के विरोध में वेल में आकर हंगामा किया और रूल बुक फाड़ने की कोशिश की थी.कृषि विधेयक पारित होने के दौरान इन सांसदों ने हंगामा तो किया ही साथ ही उपसभापति के साथ दुर्व्यवहार भी किया जिसके बाद सदन के सभापति ने इन सांसदों पर कार्रवाई की.

8 सांसद आए सभापति के निशाने पर

संसद से बर्खास्त किये गए सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन व डोला सेन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव, सैयद नासिर हुसैन, रिपुन बोरा और सीपीआई (एम) से केके रागेश और एल्मलारान करीम शामिल हैं. बताते चलें कि विपक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था जिसे सभापति वैंकेया नायडू ने खारिज कर दिया. राज्य सभा के घटनाक्रम से हरिवंश सिंह इतने आहत थे कि उन्होंने अपनी पीड़ा राष्ट्रपति कोे लिख डाली. स्वयं प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने उनका वह पत्र ट्विटर पर शेयर किया.

राहुल गांधी बताया निलंबन अलोकतांत्रिक

सभापति वेंकैया द्वारा सांसदों के निलंबन को अलोकतांत्रिक कदम बताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना की कड़ी आलोचना की है और ट्वीट किया है. राहुल गांधी ने कहा कि पहले तो सांसदों को बोलने का मौका नहीं दिया और उसके बाद निलंबित करने का फैसला कर दिया गया.

 

बहरहाल भले ही हिंसा करने वाले सांसदों को चाय परोस दी गयी हो लेकिन अपने साथ हुई इस घटना से हरिवंश नारायण सिंह भी खासे आहत हैं.

उप सभापति हरिवंश विपक्षी सांसदों द्वारा सदन में उनके साथ अनियंत्रित व्यवहार के खिलाफ एक दिवसीय उपवास का पालन करेंगे. उन्होंने इसको लेकर सभपति को एक पत्र लिखा और कहा कि सांसदों के व्यवहार के चलते वे मानसिक वेदना में हैं और पूरी रात सो नहीं पाए. उन्होंने पत्र में लिखा, 'राज्यसभा में जो कुछ हुआ, उससे पिछले दो दिनों से गहरी आत्मपीड़ा, तनाव और मानसिक वेदना में हूं. मैं पूरी रात सो नहीं पाया.'

हरिवंश ने कहा, 'सदन के सदस्यों की ओर से लोकतंत्र के नाम पर हिंसक व्यवहार हुआ. आसन पर बैठे व्यक्ति को भयभीत करने की कोशिश हुई. उच्च सदन की हर मर्यादा और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई गईं. सदन में सदस्यों ने नियम पुस्तिका फाड़ी. मेरे ऊपर फेंका.'

उन्होंने लिखा 'नीचे से कागज को रोल बनाकर आसन पर फेंके गए. आक्रामक व्यवहार, भद्दे और असंसदीय नारे लगाए गए. हृदय और मानस को बेचैन करने वाला लोकतंत्र के चीरहरण का पूरा नजारा रात मेरे मस्तिष्क में छाया रहा. इस कारण मैं सो नहीं सका. गांव का आदमी हूं, मुझे साहित्य, संवेदना और मूल्यों ने गढ़ा है.

मामले पर अभी और कितनी सियासत होती है? आने वाले समय में भाजपा सांसदों की बदसलूकी को देश की जनता के सामने कैसे एक बड़े मुद्दे की तरह पेश करती है? सवाल तमाम हैं जिनके जवाब वक़्त की गर्त में छुपे हैं मगर पूरे मामले पर जैसा रुख उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह का रहा उन्होंने धरना दे रहे सांसदों के सामने सुबह सुबह चाय परोसकर एक नजीर स्थापित की है.

जैसे हालात हैं फिलहाल इस नजीर का तोड़ न तो अराजकता पर उतरे सांसदों के पास है और न ही खुद को किसानों का मसीहा कहने वाले  राहुल गांधी के पास है. आने वाला वक़्त दिलचस्प है और कौन सही है और कौन गलत है इसका फैसला सिर्फ और सिर्फ जनता को करना है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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