समाज | 4-मिनट में पढ़ें
मिशनरीज़ से बचाकर सनातन धर्म की जड़ों को मजबूत कर रहे हैं धीरेंद्र शास्त्री, विरोध तो होगा ही!
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की बहुसंख्यक जनता, जो सनातन से विमुख हो रही थी. व मिशनरीज़ के आगोश में आसानी से जाती भी दिख रही थी, उन्हें एकजुट कर सनातन धर्म की जड़ों को मजबूत करने का काम किया है.
समाज | 2-मिनट में पढ़ें
धार्मिक पाखंडियों के लिए किसी सुनामी से कम नहीं हैं 'सुहानी'...
सुहानी ने पूरे इंटरनेट पर तहलका मचाया हुआ है. सुहानी फेस रीडिंग में दक्ष है.वो लोगों के मन को पढ़ने के चमत्कार दिखा रही है. वो इस मनोविज्ञान या चमत्कार को कला कहती हैं.ऐसी कला में दक्ष बाबा, स्वामी, तांत्रिक, मौलाना,रम्माल या ईसाई धर्म गुरु लाखों-करोड़ों का दिल जीत लेते हैं. उनके दर्शन करने, उन्हें सुनने और उनके चमत्कार देखने हजारों लोग आते हैं.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
मामला बस तब तक ही ठीक था जब तक जलेबी वाला बाबा ठेले पर जलेबियां तल रहा था!
फतेहाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने टोहाना में फेमस जलेबी बाबा, बिल्लूराम उर्फ अमरपुरी को सेक्स स्कैंडल मामले में दोषी माना है. कोर्ट ने बाबा को जहां 14 साल कैद की सजा सुनाई वहीं बाबा पर 35 हजार रूपये का जुर्माना भी ठोंका गया. मामले में कोर्ट का फैसला कुछ भी हो लेकिन बाबा तब तक ही ठीक था जब तक वो जलेबियां तल रहा था.
संस्कृति | 2-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
Jhansi Web series Review: 'झांसी' की कहानी एक्शन और इमोशन से लबरेज है!
Jhansi Web series Review in Hindi: ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज 'झांसी' एमनेसिया नामक बीमारी पर आधारित है. इसमें साउथ सिनेमा की मशहूर अदाकारा अंजलि लीड रोल में है. इस वेब सीरीज में एमनेसिया से जूझ रही एक महिला के जीवन संघर्ष को बहुत सलीके से पेश किया गया है.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
Masoom Sawaal trailer: मासिक धर्म एक पीड़ादायक 'धार्मिक कर्म' क्यों है?
मासिक धर्म/पीरियड्स को लेकर पहले भी कई हिंदी फिल्में बन चुकी हैं. इन फिल्मों में इस संवेदनशील विषय को कई नजरिए से पेश किया गया है. 5 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही फिल्म 'मासूम सवाल' पहली बार इसे एक नए नजरिए से पेश करती है. फिल्म का ट्रेलर लॉन्च कर दिया गया है. इसकी कहानी दिल झकझोर देने वाली है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
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