समाज | 3-मिनट में पढ़ें
Chandra Grahan: विज्ञान से ज्यादा वैज्ञानिक नजरिए की जरूरत
हमेशा की तरह इस बार भी ग्रहण के एक-दो दिन पहले से ही टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से फलित ज्योतिषी अपना कूपमंडूक सुनाते दिखाई दिए. हालांकि मनुष्य चांद पर जा चुका है और विजयी होकर वापस भी लौट आया है, लेकिन फिर भी हमारे यहां ग्रहण के लिए दो सिद्धांत हैं.
टेक्नोलॉजी | 5-मिनट में पढ़ें
Nasa Galaxy photo: सिद्ध हुआ हम आइंश्टाइन के यूनिवर्स में ही जी रहे हैं!
सौ से भी ज़्यादा साल पहले, 1915 में अल्बर्ट आइंश्टाइन ने जनरल रेलेटिविटी का प्रतिपादन किया था, जिसमें यह चकित कर देने वाला दु:साहसपूर्ण पूर्वानुमान था कि विशालकाय ऑब्जेक्ट्स की ग्रैविटी स्पेसटाइम के फैब्रिक को डिस्टॉर्ट (विरूप) करती है और लाइट को बेंड होने को मजबूर कर देती है.
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
Ozone परत को लेकर आई अच्छी खबर में सुराख हो गया है !
नासा और नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने अपने अवलोकनों का खुलासा करते हुए बताया है कि इस साल अंटार्टिका (Antarctica) का ओजोन (Ozone) सुराख अपने वार्षिक आकार के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इसका आकार 20 सितंबर को 2.48 करोड़ वर्ग किलोमीटर हो गया था जो करीब-करीब अमेरिका (America) महाद्वीप के क्षेत्रफल के बराबर है.
समाज | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
जब तक जनता आस्थावान है, सरकारें भगवान बनी रहेंगी!
दिल्ली से छठ पूजा की कुछ तस्वीरें वायरल हुई हैं जिनमें महिलाएं यमुना के गंदे बदबूदा पानी में खड़ी हैं. गंदे पानी में महिलाओं का इस तरह खड़े होना ये बताता है कि जब बात आस्था की आती है तो हम बड़ी से बड़ी चूक को इग्नोर कर जाते हैं. जिसका फायदा सरकारें उठाती हैं.
संस्कृति | बड़ा आर्टिकल
संस्कृति | 7-मिनट में पढ़ें
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