प्रदीप कुमार
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लेखक साइंस ब्लॉगर हैं और विज्ञान से ही जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं.
टेक्नोलॉजी | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | 7-मिनट में पढ़ें

चीन अगर पाक साफ है तो कोरोना के स्रोत की जांच में सहयोग क्यों नहीं करता?
गुजरे हुए 2 सालों से दुनिया कोरोना से जूझ रही है. इल्जाम चीन के सिर है. माना जा रहा है कि वायरस को चीन ने प्रयोगशाला में तैयार किया है. वहीं चीन अपने को बेदाग़ बता रहा है. सवाल ये है कि यदि चीन सही है तो वो कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की जांच से क्यों बच रहा है?समाज | 6-मिनट में पढ़ें

Covid 19 के इस दौर में कहीं जी का जंजाल न बन जाए ‘ज़ीका’
अभी हम भारतीय कोरोना वायरस और पोस्ट कोविड 19 की चुनौतियों से उभर भी नहीं पाए हैं. ऐसे में ज़ीका वायरस (Zika Virus) के आ जाने से डर और बेचैनी दोनों ही बढ़ गयी है. देश में 18 मामले आ चुके हैं ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि कहीं यह कोरोना वायरस की तरह महामारी का रूप न अख़्तियार कर ले.समाज | 8-मिनट में पढ़ें

पैसे देकर स्पेस टूरिज्म का आनंद लेने की घड़ी नजदीक आ गई है!
ज्यादातर लोगों के लिए अंतरिक्ष की सैर एक ऐसे सपने के जैसा है, जो कभी भी पूरा नहीं हो सकता. 28 अप्रैल 2001 को डेनिस टीटो को पहला अंतरिक्ष पर्यटक होने का गौरव हासिल हुआ. लेकिन अब दुनिया के दो बड़े कारोबारी आमेजन के जेफ बेजोस और प्राइवेट स्पेस एजेंसी वर्जिन गैलेक्टिक के संस्थापक सर रिचर्ड ब्रैनसन के बीच अंतरिक्ष पर्यटन को लेकर होड़ लग गई है.समाज | 6-मिनट में पढ़ें

Ozone परत को लेकर आई अच्छी खबर में सुराख हो गया है !
नासा और नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने अपने अवलोकनों का खुलासा करते हुए बताया है कि इस साल अंटार्टिका (Antarctica) का ओजोन (Ozone) सुराख अपने वार्षिक आकार के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इसका आकार 20 सितंबर को 2.48 करोड़ वर्ग किलोमीटर हो गया था जो करीब-करीब अमेरिका (America) महाद्वीप के क्षेत्रफल के बराबर है.टेक्नोलॉजी | 6-मिनट में पढ़ें