सियासत | बड़ा आर्टिकल
राहुल गांधी को लेकर सोनिया गांधी अब भी आश्वस्त क्यों नहीं हो पा रही हैं?
कांग्रेस अधिवेशन को लेकर कम से कम दो बातों की चर्चा है. एक, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के भाषण की और दो, प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के जोरदार स्वागत की - सोनिया का भाषण सुन कर तो लगता है, वो अब भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को लेकर निराश ही हैं.
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राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाने का माहौल बनाया जाने लगा है क्या?
अमेठी (Amethi LS Seat) को लेकर चर्चा कांग्रेस की तरफ से ही छिड़ी है, लेकिन लोक सभा में नुमाइंदगी कर रही स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने पलट कर पूछ लिया है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के फिर से चुनाव लड़ने की बात पक्की है क्या - और भाग तो नहीं जाएंगे?
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स्मृति ईरानी चाहती हैं कि अमेठी से प्रियंका गांधी वाड्रा लड़ें, और राहुल गांधी?
कांग्रेस के भीतर अभी अमेठी (Amethi Lok Sabha Seat) और रायबरेली को लेकर मंथन ही चल रहा है - और स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को 2024 में मैदान में सामने आने के लिए चैलेंज कर दिया है. कांग्रेस के लिए तो नहीं मुश्किल है ये.
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रायबरेली में मैजिक बेअसर, प्रियंका को है 'दादी-पापा' की यादों का सहारा!
प्रियंका ने रायबरेली के प्रति गंभीरता दिखाने में कहीं देर तो नहीं कर दी? ये सवाल तब और जरूरी हो जाता है जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली में अपनी रैलियों में इमोशनल कार्ड खेलते हुए दादी इंदिरा और पिता राजीव के नाम का सहारा ले रही हैं.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
जानिए, अमेठी में राहुल गांधी और उनके रसूख की वापसी अब क्यों आसान नहीं...
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अमेठी (Amethi) पहुंच कर यूपी चुनाव से दूरी बना कर चलने के आरोप को हल्का करने की कोशिश की है. जाहिर है निराश कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ा ही होगा, लेकिन वो स्मृति ईरानी (Smriti Irani) से कांग्रेस का किला भी खाली करा पाएंगे?
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राहुल गांधी के अमेठी पर यू-टर्न लेने से नये सवाल खड़े हो गये हैं
28 महीने बाद लौटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के साथ, अमेठी (Amethi March) के लोगों से उसी अंदाज में मुखातिब हुए जैसे 2019 के चुनाव नतीजों के बाद वायनाड में, जैसे बचपन वहीं बीता हो - दक्षिण भारत के लोगों की मुद्दों की समझ पर शक होने लगा क्या?
सियासत | बड़ा आर्टिकल
अदिति सिंह-वंदना सिंह को भाजपा में लाने का मकसद बड़ा है
केवल अदिति सिंह (Aditi Singh) ही नहीं, वंदना सिंह (Bandana Singh) भी बीजेपी के बड़े यूपी प्लान (BJP UP Plan) का नमूना भर ही हैं. असल में बीजेपी अगले आम चुनाव से पहले 2022 में वीआईपी सीटों से विधानसभा स्तर पर विपक्ष के सफाये की रणनीति पर काम कर रही है.
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अदिति सिंह कौन हैं? उनके कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन करने पर अचरज क्यों नहीं हो रहा है?
अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह के निधन पर शोक जताने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी रायबरेली स्थित उनके आवास पर गए थे. माना जाता है कि तभी से अदिति का झुकाव भाजपा की और बढ़ने लगा और वे बीजेपी में अपना भविष्य देखने लगीं.
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