सिनेमा | 7-मिनट में पढ़ें

क़तर में दीपिका के कपड़ों ने साफ कर दिया, बेशरम रंग पठान को चर्चा में लाने की 'शाहरुखिया' ट्रिक है!
पठान के बेशरम रंग की वजह से चर्चा में आई दीपिका पादुकोण ने क्या फीफा में इस्लामिक रिवाज की वजह से आउटफिट पहनकर शामिल हुईं? अगर ऐसा है तो कला के नाम पर देह प्रदर्शन को बचाने वाले तर्क देने से लोगों को बाज आना चाहिए?
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें

लगातार सेल्फ गोल कर रहे SRK की पठान को FIFA World Cup के प्रमोशन से क्या मिलेगा?
रणवीर सिंह अपनी फिल्म सर्कस के प्रमोशन के लिए फुटबॉल वर्ल्ड कप के उद्घाटन समारोह में गए थे. बॉलीवुड की तरह उनकी किस्मत ने कतर में भी उनका साथ न दिया. एक रिपोर्टर ने रणवीर से पूछ लिया कि 'आप कौन हो, मैं आपको नहीं पहचानता?' ये वीडियो क्लिप वायरल हुई. अब पठान के प्रमोशन के लिए शाहरुख खान भी कतर जा रहे हैं. खुदा खैर करे!
स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें

FIFA में भारतीयों की दिलचस्पी फुटबॉल से ज्यादा खिलाड़ियों की गर्ल फ्रेंड्स-बीवियों में है!
Fifa को लेकर भारतीयों में भी उत्साह कम नहीं है. भारत के लोग भी उसी शिद्दत से फ़ुटबॉल देख रहे हैं जैसे विश्व का कोई अन्य मुल्क. लेकिन क्या भारतीय वाक़ई फुटबॉल देख रहे हैं? सवाल इसलिए क्योंकि अगर देख रहे होते तो आज अपनी भारतीय फुटबॉल टीम भी वहां क़तर में होती.
स्पोर्ट्स | 4-मिनट में पढ़ें

क़तर के फीफा विश्व कप के दौरान सामने आया 'सभ्यताओं का टकराव'!
विश्व कप में फ़ुटबॉल के साथ ही 'क्लैश ऑफ़ सिविलाइज़ेशन' का भी जमकर मुज़ाहिरा हो रहा है. पश्चिमी जगत क़तर में इस्लामिक नियमों को थोपे जाने से नाराज़ है. वहीं ईरान के खिलाड़ी अपने देश के इस्लामिक शासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं तो जर्मन खिलाड़ी समलैंगिकों के पक्ष में आवाज न उठा पाने पर ऐतराज जताते नजर आए.
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स्पेन ने कोस्टा रीका को हराया या फिर बार्सीलोना ने?
बीते दिन विश्व कप के अपने पहले मैच में स्पेन ने कोस्टा रीका को 7-0 से हरा दिया. लेकिन 2010 की तर्ज़ पर पूछा जा सकता है, स्पेन ने कोस्टा रीका को हराया या बार्सीलोना ने? क्योंकि यह टीम भी बार्सीलोना के सितारों से सजी है. फ़ॉरवर्ड लाइन में फ़ेरान तोरेस और आन्सु फ़ाती हैं, बैक लाइन में जोर्डी अल्बा और लुइस गार्सीया हैं और मिडफ़ील्ड में पेद्री-गावी-बुस्केट्स.
स्पोर्ट्स | 5-मिनट में पढ़ें

ARG defeat: सिकंदर वही जो जीतता है, बशर्ते वह मुक़द्दर का भी सिकंदर हो!
अर्जेंटीना के प्रशंसक चाहेंगे कि मेस्सी यह विश्व कप जीतें, लेकिन उन्हें यह भी पता है कि प्रतिपक्षी टीम यहां मन बहलाने के लिए नहीं आई है. वह भी दम लगाकर खेल रही है. यही फ़ुटबॉल है, यही विश्व कप है. जो सिकंदर हो वही जीतता है- बशर्ते वह मुक़द्दर का भी सिकंदर हो. और जो हारता है, वह बहुधा कलंदर होता है. विश्वास न हो तो 1950, 1954, 1974, 1982, 1986, 2006 के विश्व कप देख लीजिए.
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कतर ने 'पैसे' देकर खरीदा था फीफा विश्व कप! जानिए पूरी कहानी
फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) का मेजबान बनने के लिए जारी की गई निविदा प्रक्रिया में ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया के साथ कतर (Qatar) भी शामिल था. और, कतर ने आखिरी और निर्णायक राउंड में अमेरिका (USA) को पछाड़ते हुए ज्यादा वोटों के साथ मेजबानी जीत ली. लेकिन, किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि कतर को इतनी आसानी से वोट मिल सकते हैं.
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क़तर तो क़तर LGBTQ पर FIFA का रुख भी किसी कठमुल्ला से कम नहीं!
LGBTQ अधिकारों पर जैसा रवैया क़तर का है. वो इसलिए भी कम विचलित करता है क्योंकि एक मुस्लिम राष्ट्र होने के कारण क़तर पहले ही इस मुद्दे पर अपनी राय रख चुका था. मगर जिस बात को लेकर मन वाक़ई खिन्न होता है वो है इतने अहम मसले पर FIFA का रुख. क़तर की देखा देखी FIFA, LGBTQ अधिकारों पर कटटरपंथ की बेड़ियों में जकड़े एक मौलाना ही तरह नजर आ रहा है.
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