New

होम -> स्पोर्ट्स

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 25 नवम्बर, 2022 10:20 PM
सुशोभित सक्तावत
सुशोभित सक्तावत
  @sushobhit.saktawat
  • Total Shares

पश्चिमी मुख्यधारा इस तथ्य के प्रति सहज नहीं है कि विश्व कप का आयोजन क़तर सरीखे मुल्क में हो रहा है, जिसकी 'ऑइल-मनी' को वह लम्बे समय से हिकारत से देखती आ रही है. चेल्सी, मैनचेस्टर सिटी, पीएसजी जैसे क्लबों में इसी 'ऑइल-मनी' का निवेश हुआ है और इन क्लबों को 'यूरोपियन-एलीट' नहीं स्वीकार किया जाता. पश्चिमी जगत क़तर में इस्लामिक नियमों को थोपे जाने से नाराज़ है. विश्व कप के निर्माण कार्यों के दौरान एशियाइयों के शोषण और उत्पीड़न की कहानियां  'गार्डियन' के मुखपृष्ठ पर प्रमुखता से प्रकाशित की जा रही हैं. इसे मानवाधिकारों के प्रति अपराध बताया जा रहा है. बदले में अरब-जगत के द्वारा पश्चिम को उसके स्याह अतीत की याद दिलाई जा रही है. राजनीति का आलम यह है कि अमेरिका और इंग्लैंड के बीच आज रात खेले जाने वाले मैच को 'नाटो-डार्बी' कहा जा रहा है.

Fifa, Fifa World Cup 2022, Mahsa Amini, Islam, Musalman, Iran, Hijab Controversy, Germanyईरान की टीम का समर्थन करने क़तर पहुंचे तमाम लोग महासा अमिनी को अपना समर्थन देते नजर आ रहे हैं

जर्मनी की टीम ने अपने पहले मैच से पहले ग्रुप फोटो खिंचवाने के दौरान मुंह पर हाथ रख दिया था. जर्मन यह जताना चाह रहे थे कि क़तर में अभिव्यक्ति की आवाज़ों को कुचला जा रहा है. वे समलैंगिकों के समर्थन में 'वन-लव आर्मबैंड' पहनना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी गई. इस्लामिक जगत समलैंगिक सम्बंधों के प्रति सहज नहीं है. बीते लम्बे समय से फ़ुटबॉल खिलाड़ी अश्वेतों के पक्ष में 'टेकिंग-द-नी' करते आ रहे हैं और रेसिज़्म के विरोध में आवाज़ें उठाते रहे हैं.

फ़ुटबॉल का मैदान भले राजनीति का अखाड़ा नहीं, लेकिन अफ्रीकी मुस्लिम पॉल पोग्बा एक टूर्नामेंट जीतने के बाद मैदान में फलस्तीन का झंडा लेकर चले ही आए थे. उन्हें तब किसी ने टोका नहीं. अब क़तर में रोक-टोक से पश्चिमी जगत ठगा हुआ अनुभव कर रहा है. इस्लाम में शराब निषिद्ध है, इसलिए मैच के दौरान प्रशंसकों को बीयर नहीं परोसी जा रही है. इससे भी वे हैरान हैं. वे कह रहे हैं, 'हम तो बीयर पीएंगे.'

Fifa, Fifa World Cup 2022, Mahsa Amini, Islam, Musalman, Iran, Hijab Controversy, Germanyजर्मन नाराज़ हैं उनका कहना है कि समलैंगिकों को लेकर हमारी आवाज़ दबाई जा रही है

उनसे कहा जा रहा है कि अगर आप दो-तीन घंटा बीयर न पीएं तो कोई हानि नहीं है, आपको अपने मेज़बान के नियम-क़ायदों की इज़्ज़त करनी चाहिए. बदले में वो कह रहे हैं- 'बात बीयर की नहीं, रोकटोक की है.' फिर आगे वो जोड़ दे रहे हैं, 'जब मुस्लिम यूरोपियन देशों में जाते हैं तो क्या अपनी शरीयत को त्यागकर पश्चिमी मूल्यों को अंगीकार कर लेते हैं? नहीं ना?'

इसी दरमियान ईरान की टीम ने विश्व कप के पहले मैच से पहले राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया. वे हिजाब आंदोलन के समर्थन में थे और अपने मुल्क की हुकूमत की मुख़ालफ़त कर रहे थे. दर्शक-दीर्घा में ईरानी लड़कियां महसा अमीनी के नाम की जर्सी लेकर आई हैं, जिस पर 22 नम्बर लिखा है. 22 साल की महसा अमीनी को ईरान में हिजाब नहीं पहनने पर मार डाला गया था. इस तरह के जेस्चर्स से अरब-जगत में हलचलें हैं, वे इन्हें 'प्लांटेड' बता रहे हैं. कॉन्स्पिरेसी थ्योरियां ज़ोरों पर हैं.

Fifa, Fifa World Cup 2022, Mahsa Amini, Islam, Musalman, Iran, Hijab Controversy, Germanyईरानियनों ने राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया है इसे भी विश्व कप की एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है 

हस्बेमामूल, विश्व कप में फ़ुटबॉल के साथ ही 'क्लैश ऑफ़ सिविलाइज़ेशन' का भी जमकर मुज़ाहिरा हो रहा है. एडवर्ड सईद और सैम्युअल हटिंग्टन की रूहें कहीं बेचैनी से करवटें बदल रही होंगी और ओरहन पमुक एक बार फिर अपनी किताब 'माय नेम इज़ रेड' के पन्ने उलटना चाहते होंगे. आने वाले वक़्त में दुनिया पश्चिमी जगत और इस्लामिक दुनिया के बीच हिंसक टकरावों की साक्षी बनने जा रही हैं- इसकी झलकें अगर अमरीका, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम से अतीत में आती रही थीं तो अब क़तर में खुलकर उसका प्रदर्शन चल रहा है.

सार्वभौमिकता और वैश्वीकरण अतीत के मूल्य सिद्ध हो रहे हैं. नया वर्ल्ड-ऑर्डर बहुत 'डेस्पेरेट' है और बहुत संरक्षणवादी है. पूरी दुनिया की जातियां अपने रीति-रिवाज़ों पर अड़ गई हैं और 'कॉस्मोपोलिटन-मूल्यों' को ताक पर रख दिया गया है. क़तर में जद्दोजगह केवल खेल के मैदान पर ही नहीं है, बिटवीन-द-लाइंस पढ़ें तो भारी मनोवैज्ञानिक टकराव आपको दिखाई देंगे.

ये भी पढ़ें -

स्पेन ने कोस्टा रीका को हराया या फिर बार्सीलोना ने?

कतर ने 'पैसे' देकर खरीदा था फीफा विश्व कप! जानिए पूरी कहानी

ARG defeat: सिकंदर वही जो जीतता है, बशर्ते वह मुक़द्दर का भी सिकंदर हो!

लेखक

सुशोभित सक्तावत सुशोभित सक्तावत @sushobhit.saktawat

लेखक इंदौर में पत्रकार एवं अनुवादक हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय