सियासत | बड़ा आर्टिकल
दूसरों को धमकाने वाला चीन अब रूस-यूक्रेन में 'दोस्ती' करवाएगा!
यूक्रेन कह तो चुका है कि इस जंग को खत्म करने के लिए चीन को रूस पर दबाव बनाना चाहिए. जिनपिंग के मॉस्को दौरे से पहले चीन के विदेश मंत्री किन गांग ने यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से फोन पर बात की थी. दोनों के बीच पीस प्लान पर ही चर्चा हुई थी. - माना जा रहा है कि अपने पीस प्लान के लिए जिनपिंग यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी चर्चा करना चाहते हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
Russia Ukraine War: अंतर्विरोध संसार की देन है साल भर युद्ध का खींचना...
युद्व के बाद रूस के अंदरूनी हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं. बेरोजगारी और महंगाई की समस्या दिनों दिन बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण उन पर लगा आर्थिक प्रतिबंध है. ज्यादातर मुल्कों ने रूस के साथ आयात-निर्यात करना बंद कर दिया है. सिर्फ भारत एक ऐसा देश है जो राजी रखे हुए है.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
10 वर्षीय बालिकाओं के जिस्म पर लड़ा जाता रूस-यूक्रेन का युद्ध!
किसी भी युद्ध अथवा दंगे का हासिल उन देशों की स्त्रियों के हिस्से बलात्कार की पीड़ा के रूप में आता है. इसका युद्ध और दंगे के कारणों से कोई लेना देना नहीं बल्कि इसकी जड़ें पुरुषसत्ता की उस सोच में है जहां - जर जोरू जमीन को एक साथ रखा जाता है.
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
Taliban से पहले एक था अफ़ग़ानिस्तान!
विश्वासघात, लालच, अहंकार और कट्टरता के प्रहारों ने अफ़ग़ानों की धरती की सूरत इतनी बार बदली कि असली सूरत ही गुम हो गई. मौजूदा तारीख दुनिया से चीख-चीख कर कह रही है कि एक था अफगानिस्तान. आह, आंसू और असमंजस में डूबे आज़ाद अफगानिस्तान पर तालिबान की कट्टर हुकूमत का परचम आखिर लहरा ही गया.
सियासत | 2-मिनट में पढ़ें
आंखों के सामने अफगानिस्तान को बर्बाद होते देखना मन में टीस पैदा करता है!
अफ़ग़ानिस्तान टूटने की कगार पर है. विडम्बना यही है कि अमेरिका, रूस, चीन सरीखे न्यूक्लियर पावर से लैस देशों ने दोहन ही चुना है और जो मदद करना चाहते हैं वे इस स्थिति में हैं ही नहीं. हम टूटकर बिखरते देख रहे हैं हौसलों से भरे उस देश को और सिर्फ़ देखते जा रहे हैं.
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
समाज | 6-मिनट में पढ़ें
कल्बे सादिक के इंतेक़ाल से टूटा सौहार्द का एक मजबूत पुल...
डॉक्टर मौलाना कल्बे सादिक़ मोहब्बत से नफरती माहौल से निपटना जानते थे. अयोध्या विवाद (Ayodhya Ram Mandir Babri Masjid Dispute) से लेकर गुजरात दंगों (Gujarat Riots) की आग मे पानी डालने की उनकी कोशिश हमेशां याद की जायेगी. इल्म की मशाल से वो संकीर्णता के अंधेरे भेदने के क़ायल थे.
समाज | 7-मिनट में पढ़ें









