सियासत | बड़ा आर्टिकल
शिवपाल के आशीर्वाद से लैस डिंपल के सामने बीजेपी अब भी कोई चुनौती है क्या?
मैनपुरी उपचुनाव ने साल भर के भीतर ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का रिश्ता बदल दिया है - असर ये हुआ है कि डिंपल यादव (Dimple Yadav) के सामने बीजेपी की तरफ से मिल रही चुनौती न के बराबर नजर आने लगी है.
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मैनपुरी के मैदान में डिंपल नहीं, अखिलेश यादव की राजनीति दांव पर लगी है
समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) में ब्रह्मास्त्र उतार दिया है. कागजों में नाम तो डिंपल यादव (Dimple Yadav) का होगा, लेकिन हकीकत में लड़ाई अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ही लड़ने जा रहे हैं - नतीजा 2024 ही नहीं, यूपी में समाजवाद का भविष्य भी तय करेगा.
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गुजरात में ओवैसी का रोल वैसा ही होगा, जैसी भूमिका यूपी चुनाव में मायावती की रही
ओपिनियन पोल में भले ही गुजरात के मुस्लिम वोटर पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) का कोई प्रभाव न नजर आये, लेकिन विधानसभा चुनावों (Gujarat Election 2022) में उनकी भूमिका यूपी चुनाव 2022 में मायावती (Mayawati) जैसी ही देखने को मिल सकती है - गोपालगंज उपचुनाव लेटेस्ट मिसाल है.
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आजमगढ़ में निरहुआ की जीत के बाद एक बार फिर चौंका सकती है मोदी-शाह की जोड़ी!
सपा के गढ़ आजमगढ़ को भाजपा नेता और भोजपुरी स्टार निरहुआ ने कांटे की टक्कर में जीत लिया. उन्होंने 8679 मतों से धर्मेंद्र यादव को पटखनी दी. आजमगढ़ में बढ़त बरकार रखने के लिए हो सकता है कि निरहुआ को भाजपा बड़ी जिम्मेदारी दे. वैसे भी निरहुआ पूर्वांचल में अखिलेश यादव के खिलाफ भाजपा का बड़ा हथियार बनने की क्षमता रखते हैं.
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अखिलेश यादव के लिए आजमगढ़ और आजम के गढ़ में बीजेपी की जीत खतरे की घंटी है
आजमगढ़ में निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) की जीत अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के लिए बहुत बड़ा राजनीतिक अलार्म है, लेकिन रामपुर में आजम खान (Azam Khan) की हार से राहत ही मिली होगी - और एक बार फिर साफ हो गया है कि बीजेपी के लिए मायावती कितनी अहम हैं?
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आजमगढ़-रामपुर के नतीजे अखिलेश-आजम के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द
यूपी की दो महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर उपचुनाव ऐसे हालात में हुए थे जब भाजपा सरकार ज्ञानवापी, पैगंबर विवाद और अग्निवीर हिंसा की वजह से विपक्षी हमलों में चौतरफा घिरी थी. लेकिन नतीजों का भाजपा के पक्ष में रहना बहुत कुछ कहता है. आजमगढ़ में बसपा ने दमदार मौजूदगी दिखाई है. आजम खान अखिलेश यादव के लिए क्या रहा, आइए जानते हैं.
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योगी ताकत दिखाने पहुंचे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का आजमगढ़ नहीं जाना क्या कहता है?
यूपी में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर 23 जून को वोट डाला जाना है. भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. आजमगढ़ में योगी आदित्यनाथ ने निरहुआ के पक्ष में बड़ी सभा की. लेकिन अखिलेश यादव सपा उम्मीदवार के पक्ष में नहीं गए. क्या सपा नेता को इस बार आजमगढ़ से बेहतर नतीजे की उम्मीद नहीं है?
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