समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
क्या घरेलू कामों के बोझ के डर से लड़कियां शादी नहीं कर रही हैं?
बेटे की शादी के बाद घर की सारी जिम्मेदारी बहू के ऊपर डाल दी जाती है. घर का काम करने और रसोई में खाना बनाने में बुराई नहीं है, लेकिन यह तब उबाऊ हो जाता है सब सबकुछ उस महिला को ही संभालना पड़ता है. महिलाएं पूरी कोशिश करती हैं कि वे घर और ऑफिस दोनों को मैनेज कर सकें. वे मेहनत करने से नहीं, खुद को खोने से डरती हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 7-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
फेसबुक पर शादी की फोटो की बहार, ऐसा लगा कहीं गलती से शादी.कॉम तो नहीं खुल गया!
अब फेसबुक पर तैर रही इन तस्वीरों को देखकर जिनकी शादी हो गई है उन्हें तो अपनी शादी की याद आ जाती होगी लेकिन जिनकी नहीं हुई उनका दर्द कौन समझेगा भाई? रोज फेसबुक सोशल मीडिया की टाइमलाइन पर शादी की फोटो देखते-देखते परेशान एक दोस्त ने कहा, भक यार, ये जीना भी कोई जीना है...
सिनेमा | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
ह्यूमर | 4-मिनट में पढ़ें
मैगी में दही... अरे भइया ये गुनाह है, दो गुना है, तीन गुना है!
भगवान ने दुनिया बनाई. दुनिया ने मैगी (Maggi) बनाई और फिर इस मैगी ने बैचलर्स से लेकर उन शादीशुदाओं की जिंदगी बनाई जिनकी बीवियां मायके गयीं होती है. लोगों ने मैगी को लेकर भांति भांति के एक्सपेरिमेंट्स किये होंगे मगर जब कोई मैगी में दही डालकर खाए तो किसी भी तरह के संवाद पर विराम लग जाता है. मैगी में दही गुनाह नहीं दो गुना है. तीन गुना है.
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