समाज | 2-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
जोशीमठ की रोती-बिलखती महिलाएं दिल पर पत्थर रख अपने घरों को अलविदा कह आईं हैं
दुनिया कहां से कहां जा रही है मगर महिलाओं की दुनिया तो उनका घर होती है. घर की चारदावारी में उनकी धड़कन बसती है. वे कहीं भी चली जाएं घर आकर ही उन्हें चैन मिलता है. वे ही तो मकान को घर बनाती है. अपने हाथों से करीने से सजाती हैं. तीज त्योहार पर खुद भले ना सजें मगर घर को जरूर सजाती हैं.
इकोनॉमी | 7-मिनट में पढ़ें
बिल्डर-बैंक और अथॉरिटी के बीच फंसे आम आदमी की बर्बादी तय है!
बिल्डर की करतूतों को आम इंसान को क्यों झेलना पड़ता है? क्यों बैंक ऐसे केस में बिल्डर से वसूली नहीं करता? क्यों हर बार आम आदमी पिसता चला जाता है? बिल्डर की देनदारी आखिर कब तय होगी? कब आम इंसान को इन परेशानियों से मुक्ति मिलेगी? होना तो ये भी चाहिए कि आम-बायर की सारी EMI वाला पैसा और तय समय के बाद वाले सारे समय का उसके किराये का पैसा भी बिल्डर को देना चाहिए.
समाज | एक अलग नज़रिया | 6-मिनट में पढ़ें
जमीन पर बैठी मीराबाई चानू की दिल जीतने वाली तस्वीर देखकर भी कुछ लोगों को पेटदर्द हो गया
मीराबाई चानू एक तस्वीर में जमीन पर बैठकर खाना खाती दिख रही हैं, इसे देखकर कोई भी गरीबी का अंदाजा लगा सकता है. एक पुराना फर्नीचर जिस पर एक पुराना सा गैस चूल्हा रखा गया है. ये बिल्कुल मध्य परिवार के जुगाड़ जैसा दिख रहा है. किस तरह घर की महिलाएं जुगाड़ से चीजों का इंतजाम करती हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
वॉटर कैनन से लड़ते, बैरिकेड्स पर चढ़ते दिग्विजय सिंह तो राहुल के लिए प्रेरणा हैं
भोपाल में एक प्रदर्शन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह वॉटर कैनन के बीच पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स पर चढ़ते नजर आए हैं. दिग्विजय के इस अंदाज को कोई देखे न देखे. प्रतिक्रिया दे न दे. मगर दिग्विजय सिंह के इस वीडियो को राहुल गांधी समेत कांग्रेस के आरामतलब नेताओं को ज़रूर देखना चाहिए और हो सके तो प्रेरणा लेनी चाहिए.
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
सुशांत, तुमने चांद पर ज़मीन ले ली, क्योंकि यहां दिल छोटे पड़ गए!
सुशांत सिंह राजपूत आज हमारे बीच नहीं हैं इसलिए कहा जा सकता है कि रियल लाइफ में सुशांत को ये बताने वाला शायद कोई न मिला कि ज़िन्दगी में हुई बड़ी से बड़ी बात भी एक छोटी सी बात ही है. सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये कि जिन लोगों को उसने अपनी फ़िक्र करने के लिए चुना वो शायद सिर्फ अपनी फ़िक्र करने लगे.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
'साम्प्रदायिक सद्भाव' की खबरें दंगा करने वाले नहीं पढ़ते!
एक ऐसे समय में जब नफरत अपने चरम पर हो कर्नाटक के बेंगलुरु में एक दिल को सुकून देने वाली खबर कर्नाटक से आई है जहां पर राजधानी बेंगलुरु में एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान कर दी है. दिलचस्प बात ये है कि जिस जमीन को दान किया गया है उसकी कीमत लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में है.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें





