सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
पिछले तीन वर्षों में, पाकिस्तान में आतंकवादी समूह फिर से उभरे हैं. इस दौरान आतंकवादी हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है. इसका असर चीनी परियोजनाओं पर खूब ज्यादा हुआ है. इस कारण से चीन से पोषित परियोजनाओं पर काम ठंडा पड़ने लगा है. जाहिर है, अब चीन को भी समझ आ रहा होगा कि कश्मीर में पाकिस्तान का खेल कितना खतरनाक है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें
भारत जोड़ो यात्रा से सिर्फ राहुल गांधी को फायदा हुआ है, बाकी सब भूल जाइये
भारत जोड़ो यात्रा तो ख़त्म हो गई है लेकिन वो सवालों का जवाब नहीं, सवालों का पहाड़ छोड़ कर गई है. हां इन सवालों के ढेर के बावजूद अगर इस यात्रा से किसी को लाभ हुआ है तो वो सिर्फ़ और सिर्फ़ राहुल गांधी का हुआ है. पप्पू वाली इमेज टूटी है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
भूखे भेड़िए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को नोच खाएंगे, भारत कुछ करता क्यों नहीं?
लगता है भारत ने बांग्लादेश की घटना से कोई सबक नहीं लिया है. पाकिस्तान में सरेआम मनुष्यता की हत्याएं की जा रही हैं, भारत की संप्रभुता पर चोट पहुंचाने की तैयारी है मगर वीर बहादुर भारत की सरकार का यूं चुप रहना हैरान करने वाला है.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
कश्मीर में पठान का हाउसफुल होना तो राइट विंग के लिए भी अच्छी खबर है!
देश में जिस तरह शाहरूख खान की फिल्म पठान को हाथों हाथ लिया जा रहा है, उसका सीधा असर हमें कश्मीर में भी देखने को मिल रहा है. फिल्म ने 32 साल का रिकॉर्ड भले ही तोड़ा हो. लेकिन पठान की ये कामयाबी दक्षिणपंथियों को ज़रूर सुखद अनुभूति देगी और इस कथन के पीछे पर्याप्त कारण हैं.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
पीओके के लोगों की चाहत, ‘आर पार जोड़ दो, कारगिल को खोल दो’
पाक अधिकृत कश्मीर गिलगित बाल्टिस्तान में इन दिनों वहां के लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते देखे जा रहे हैं. वहां के हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर हैं और जुलूस निकाल रहे हैं. पीओके के लोगों की मांग उन्हें भारत के लद्दाख क्षेत्र में मिला देने की है. इस मांग के तेज होते ही पाकिस्तान सरकार की नींद उड़ी है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
'शरीफ' की 'शराफत' पर भारत भरोसा करे भी तो कैसे?
अब तक पाकिस्तान एक बात अच्छे से समझ गया है कि भारत से पंगा लेने का मतलब है पूरी दुनिया से बैर-बुराई कर लेना, और भारत से संबंध अच्छे रखने का मतलब है दुनिया के देशों के साथ खुश रहना. तभी, शहबाज शरीफ भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं. वरना, वो इतने शरीफ नहीं हैं कि भारत के सामने खुद को झुकाएं.
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