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अफगानिस्तान में बुर्के का दाम छू रहा आसमान, जींस पहनने पर बंदूक की नोक से पिटाई कर रहे तालिबानी
अफगानिस्तान में अब आलम यह है कि बुर्के के दाम कहीं कहीं दो गुना तो कहीं 10 गुना बढ़ गए हैं. वहीं जींस पहनने वाले लोगों को बंदूक की नोक से पीटा जा रहा है. तालिबानी जींस को पश्चिमी पहनावा मानते हैं जबकि वे खुद आंखों पर चश्मा और पैरों में बूट पहने नजर आ रहे हैं.
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Taliban 2.0: तालिबान बदल गया है लेकिन 'टर्म्स एंड कंडीशंस' के साथ
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये देश-दुनिया को लेकर अपनी रणनीति, महिलाओं के अधिकारों जैसे मामलों पर अपना रोडमैप दुनिया के सामने रखा. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दुनिया के सामने कई बड़े-बड़े वादे किए.
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तालिबान का अफगान महिलाओं के लिए रोंगटे खड़े करने वाला फरमान, बनाई जा रही है एक लिस्ट
तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में तालिबान कल्चरल कमीशन ने इमामों और मौलवियों को 15 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों और 45 साल से कम उम्र की विधवा महिलाओं की लिस्ट बनाकर देने का आदेश दिया था. पत्र में कहा गया था कि इन महिलाओं और लड़कियों की शादी तालिबानी लड़ाकों से कराकर उन्हें पाकिस्तान के वजीरिस्तान ले जाया जाएगा.
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अफगानिस्तान के लोगों ने इस्लामिक देशों को छोड़ भारत आना ही क्यों चुना?
हम कह सकत हैं कि भारत के वे लोग जो तालीबान का समर्थन कर रहे हैं उनमें और तालिबानियों में कोई अंतर नहीं हैं. ऐसे लोगों को तो सीख लेनी चाहिए कि कैसे कट्टरता किसी देश को दशकों पीछे ले जाती है और यह हम सभी देख रहे हैं. भाग्य मनाइए कि हम भारत में पैदा हुए हैं, कुछ लोगों को यहां रहना सुरक्षित नहीं लगता, उन्हें सबक लेना चाहिए.
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