समाज | 3-मिनट में पढ़ें

फ्रांस मामले में मुसलमानों को जैन समाज से प्रेरणा लेनी की जरूरत है
फ्रांस में जो हिंसा हो रही है उसके विरोध के लिए खुद मुसलमानों को आगे आना होगा. मुसलमानों का संगठित होकर इस कुकर्म के खिलाफ़ आवाज़ ना उठाना क्या उचित है? मुस्लिम समाज को समझना होगा कि उनके धर्म को बदनाम कोई दूसरा नहीं उनके अपने बीच के लोग कर रहे हैं. अब भी वक़्त है वरना दूसरों से की जा रहीं अपेक्षाएं अनुचित हैं.समाज | 7-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

मुसलमानों के खिलाफ माहौल पूरी दुनिया में क्यों हुआ है तैयार?
इस समय पूरी दुनिया का मुसलमान (Muslims) फ्रांस के राष्ट्रपति (French President) के खिलाफ एकजुट है लेकिन यही मुसलमान कभी अपने अंदर बुरे लोगों की घुसपैठ पर एक नहीं होता है. मुसलमानों को सबसे पहली लड़ाई तो अपने ही मज़हब में छिपे उन भेड़ियों से लड़ाई लड़नी है जो इस्लाम (Islam )के नाम पर ही इस्लाम का नाम खराब करने की भरसक कोशिश में दिन रात लगे हुए हैं.समाज | 4-मिनट में पढ़ें

Boycott France: मुसलमानों के विरोध प्रदर्शन में बुनियादी गलती हो रही है
उग्र प्रदर्शनकारी, निर्दोषों का गला काटने वाले और ऐसी अमानवीय हरकतों का समर्थन करने वाले मुसलमान रसूल को मानने वाले नहीं हो सकते. रसूले पाक की जितनी ज्यादा चाहत पेश करना है तो उतना अच्छा व्यवहार कुशल होना पड़ेगा. इंसानियत का दामन पकड़कर मानवता की रक्षा करनी पड़ेगी. यही रसूल और इस्लाम का पैग़ाम है.समाज | 3-मिनट में पढ़ें

Emmanuel Macron के विरोध में उतरे मुसलमान कुछ गलती तो नहीं कर रहे?
फ्रांस (France ) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) के विरोध में भारतीय मुसलमानों का आना और फ्रांस और वहां की हुकूमत के खिलाफ नारेबाजी करना इसलिए भी अजीब है क्योंकि जब फ्रांस के मुसलमान इस्लाम (Islam) के नाम पर लोगों की गर्दन काट रहे थे तो यही प्रदर्शनकारी भारतीय मुसलमान चुप थे!ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें

पाकिस्तान में Boycott French product मजाक से ज्यादा कुछ नहीं है!
इस्लामोफोबिया (Islamophobia) की बातों के बीच #Boycott_French_Products की मांग को लेकर सड़कों पर आए पाकिस्तानियों (Pakistani) की चुनौती दोहरी है बेचारे समझ नहीं पा रहे हैं कि #Boycott_French_Products में फ्रेंच किस (French Kiss), फ्रेंच फ्राइज (French Fries), फ्रेंच ब्रेड और परफ्यूम का बहिष्कार शामिल है या नहीं.सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

Islamophobia की बातें करने वाले इमरान खान खुद अपने दोगलापन में घिर गए
बेशर्मी की पराकाष्ठा क्या होती है? गर जो इस बात को समझना हो तो हम पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) का रुख कर सकते हैं. जिस आदमी के अपने मुल्क में तनाव हो. नौबत तख्तापलट की हो. इस्लामोफोबिया (Islamophobia) के मद्देनजर अगर वो फ्रांस के राष्ट्रपति (France President Emmanuel Macron) को ज्ञान दे रहा है.सियासत | 5-मिनट में पढ़ें