सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें

बोरिंग टॉपिक होने के बावजूद भरपूर एंटरटेनमेंट देती है आशुतोष-सान्या की 'पगलैट'
OTT प्लेटफॉर्म Netflix पर आशुतोष राणा और सान्या मल्होत्रा स्टारर 'पगलैट' रिलीज हो गयी. पगलैट में मुद्दे से भटके बिना बड़ी ही शालीनता और ख़ामोशी से 'विधवाओं' के अधिकार की बात की गयी है. फिल्म का टॉपिक भले ही बोरिंग हो लेकिन ये एक जरूरी फिल्म है इसलिए मनोरंजन के नजरिये से फिल्म बोर नहीं करेगी.समाज | 3-मिनट में पढ़ें

कपड़े हमारे शरीर की जरूरत हैं, हमारे चरित्र का सर्टिफिकेट नहीं बस इतनी सी ही बात समझनी है!
कपड़े हमारे शरीर, जगह, मौसम, माहौल, पसंद की ज़रूरत होते हैं. हमारे चरित्र का सर्टिफिकेट नहीं, हमारी आधुनिकता की पहचान नहीं, हमारे पिछड़े होने का तमगा नहीं, ना ही इस बात की गारंटी देते हैं कि साड़ी पहनने वाली स्त्री ही सही संस्कार दे सकती है, और जीन्स पहनने वाली नहीं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को बस इतनी सी ही बात समझनी है.समाज | 3-मिनट में पढ़ें

खेती को उत्तम कहने वाला किसान अब नौकरी की लाइन में क्यों लगा है?
देश में किसानों के साथ मार्केटिंग की बड़ी समस्या है. जितना नुकसान उन्हें मौसम की मार पहुंचाती है उससे कहीं ज्यादा बिचौलिए पहुंचाते हैं, जो किसानों की फ़सल को अनाप-शनाप, औने-पौने दाम में खरीदते हैं. हालांकि अब पहले से कुछ ठीक हुआ है. ई-हाट की जो स्कीम शुरू हुई उसमें काफी मंडी जुड़ी हुई हैं, जिससे किसानों की पहुंच बढ़ी है और बिचौलियों का रोल थोड़ा कम हुआ है.समाज | 3-मिनट में पढ़ें

894 बच्चों को मानव तस्करों से बचाने वाली ओडिशा पुलिस का थैंकयू!
ओडिसा-छत्तीसगढ़-झारखंड के जिस बॉर्डर पर प्रशासन की नाक के नीचे से बच्चे और गाएं तस्करी के लिए ले जाई जाती हैं. बॉर्डर के इलाकों में ऐसे काम इसलिए भी अंजाम दिए जाते हैं क्योंकि एक बॉर्डर क्रॉस होते ही पुलिसिया कार्यवाही और छानबीन से बचने में ये तस्कर कामयाब होते हैं.समाज | 4-मिनट में पढ़ें

इंदौर नगर निगम ने बुजुर्गों के साथ जो किया वह नीच, क्रूर और आपराधिक है!
इंदौर नगर निगम ने बुजुर्गों के साथ जो किया वह बिना किसी किंतु-परंतु के नीच, क्रूर और आपराधिक कार्य है. प्रशासनिक दुर्बलता है. प्रशासन का कार्य ही है कि जिसे समाज ने ताज दिया हो उसका सहारा बने. पकड़े जाने पर नेताओं द्वारा किसी अधिकारी को निष्काषित भर कर देने से यह दुर्बलता छुप नहीं जाती.समाज | 4-मिनट में पढ़ें

काश कि आपकी एक डीपी, और एक पोस्ट किसानों की हालत सुधार पाती...
आज भले ही किसान आंदोलन अपने पूरे शबाब पर हो और भले ही इसे देखते हुए सरकार के हाथ पांव फूलें और सरकार New Farm Bill 2020 वापस ले ले मगर इस बात में भी कोई शक नहीं कि किसान आत्महत्या (Farmer's Suicide) के मामले पूर्व की तरह फिर हमारे सामने आते रहेंगे.सिनेमा | 6-मिनट में पढ़ें

Tribhanga Review: नयनतारा और अनु औरत हैं, और औरत होकर ऐसा कैसे कर सकती हैं!
फिल्म त्रिभंग (Tribhanga) कहानी है नयनतारा (Tanvi Azmi) और अनु (Kajol) की. फिल्म में तमाम वो बातें हैं जिन्हें हमारे समाज को इसलिए भी देखना चाहिए क्योंकि इससे कई मिथक टूटेंगे और पता चलेगा चाहे गृहणी हो या फिर ऑफिस जाने वाली हर महिला की अपनी एक ज़िंदगी है.समाज | 2-मिनट में पढ़ें

महिला-पुरुष दो हाथों की तरह हैं, एक के ना होने से जीवन भले कट जाए पर अपंगता आ जाती है!
19 नवंबर 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' (international Men's Day)पर हमारे आसपास मौजूद उन सभी पुरुषों का शुक्रिया जो पग-पग पर मजबूत सहारा बन खड़े रहे, जिन्होंने रोने के लिए कांधा दिया और हंसने की सौ वजहें भी दीं. आप और हम दो हाथों की तरह हैं, एक के ना होने से जीवन भले कट जाए पर अपंगता आ जाती है.समाज | 3-मिनट में पढ़ें
