ह्यूमर | 2-मिनट में पढ़ें
सच्चे क्रास सेलर 'नाऊ' हैं, बैंकिये और बेचारे बीमा वाले नाहक बदनाम हैं!
बाजार में तमाम तरह के उत्पाद हैं और उतनी ही तरह के दुकानदार लेकिन नाई इन सब में सबसे अलग है. ये व्यक्ति के बार बार लगातार मना करने के बावजूद उसे कुछ भी बेच सकता है. कह सकते हैं कि सच्चे क्रास सेलर तो ये नाऊ ही होते हैं. बैंकिये बेचारे तो नाहक बदनाम हैं कि वो बैलेंस पूछने आये ग्राहक को भी बीमा/म्यूचुअल फण्ड भेड़ने में लग जाते हैं.
समाज | 2-मिनट में पढ़ें
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
सरकार का ट्रांसजेंडरों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ देना ऐतिहासिक फैसला है!
आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए ट्रांसजेंडरों को सीधे नेशनल हेल्थ अथारिटी से अपना आयुष्मान भारत कार्ड बनवाना होगा. इसके अलावा जो ट्रांसजेंडर पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा का लाभ लेने के लिए सबसे पहले सामाजिक न्याय मंत्रालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ऐसा करने के बाद उसका नाम नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की लिस्ट में आ जाएगा.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें
'सिर पर बाल उगाना' क्या चुनावी मुद्दा हो सकता है? साउथ कोरिया में तो है
गंजों (Bald) की पीड़ा को समझते हुए दक्षिण कोरिया (South Korea) में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ली जे-म्युंग (Lee Jae-myung) ने बालों को झड़ने से रोकने के इलाज के लिए सरकारी मदद देने की बात कही है. ली जे-म्युंग के इस ऐलान के बाद उन्हें गंजे मतदाताओं (President Election) का भरपूर समर्थन मिल रहा है.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
इंश्योरेंस के लिए पैर कटाए, कोर्ट करे कराए पर पानी फेर दे तो दिल से बुरा लगता है!
पैसे से भले ही पावर मिलती हो मगर उसमें ये शक्ति भी है कि वह व्यक्ति की बुद्धि का बंटाधार करके उसकी लंका लगा दे. इंसान को जिंदगी भर के लिए अपाहिज बना दे. इन बातों को समझने के लिए हमें सुदूर हंगरी चलना पड़ेगा. हंगरी में एक व्यक्ति ने इंश्योरेंस के पैसों और मुआवजा के लिए ऐसी प्लानिंग की है कि जिस जिसने सुना वो हैरान रह गया.
इकोनॉमी | 7-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
पांचवा वर्ष-छठा बजट: आखिरी वक़्त में क्या ख़ाक मुसलमां होंगे!
चुनावों से पहले सरकार ने बजट पेश किया है और 12 करोड़ किसानों को 6000 रुपए देने की बात की है.सरकार के इस फैसले के बाद किसानों के बीच से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. कोई इसे घोषणा से खुश है तो कहीं किसी को ये मजाक से ज्यादा और कुछ नहीं लग रहा.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें







