सियासत | बड़ा आर्टिकल
राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाने का माहौल बनाया जाने लगा है क्या?
अमेठी (Amethi LS Seat) को लेकर चर्चा कांग्रेस की तरफ से ही छिड़ी है, लेकिन लोक सभा में नुमाइंदगी कर रही स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने पलट कर पूछ लिया है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के फिर से चुनाव लड़ने की बात पक्की है क्या - और भाग तो नहीं जाएंगे?
समाज | 7-मिनट में पढ़ें
काश! जीसस ‘पादरियों' के चंगुल से ननों को बचाए...
पादरियों और बिशप्स द्वारा ननों का उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है. इसी बढ़ते उत्पीड़न का परिणाम है कि दुनिया भर में जिसस को अपना पति मानकर जीवन समर्पित करने वाली ननों की संख्या कम होती जा रही है. केरल जैसे राज्य में तो यह संख्या गिरकर 25 प्रतिशत तक रह गई है.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
कांग्रेस के लिए दुश्मन नंबर वन बन गई हैं स्मृति ईरानी...
वर्तमान राजनितिक परिदृश्य में कांग्रेस को लेकर कितनी भी बातें क्यों न हों लेकिन एक सत्य ये भी है 2019 में लोकसभा की हार से ज्यादा अमेठी की हार ने कांग्रेस में एक अंसतोष पैदा किया है. जिससे गांधी परिवार के खिलाफ शीर्ष नेताओं का एक गुट खड़ा हो गया है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
Smriti Irani को चुनाव नहीं लड़ना, तो राहुल के वायनाड में क्या काम है?
स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के वायनाड (Wayanad) जाने भर से कांग्रेस के कान तो खड़े तो हो गये होंगे. शायद इसीलिए वो साफ कर देती हैं कि अमेठी जैसी उनकी कोई मंशा नहीं है - फिर भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के लिए ये चिंता की बात तो है ही.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
Shashi Tharoor के 'वाम-झुकाव' के कारण केरल कांग्रेस में दो फाड़!
चाहे वो शशि थरूर हों या फिर थॉमस दोनों की का शुमार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में है. ऐसे में यदि उन्हें केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के कोप का सामना सिर्फ इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि वो दूसरी पार्टी के सेमिनार में बतौर स्पीकर जा रहे हैं जाहिर कर देता है कि कांग्रेस पार्टी कितनी और किस हद तक लोकतान्त्रिक है या लोकतंत्र में विश्वास रखती है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
राहुल गांधी के अमेठी पर यू-टर्न लेने से नये सवाल खड़े हो गये हैं
28 महीने बाद लौटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के साथ, अमेठी (Amethi March) के लोगों से उसी अंदाज में मुखातिब हुए जैसे 2019 के चुनाव नतीजों के बाद वायनाड में, जैसे बचपन वहीं बीता हो - दक्षिण भारत के लोगों की मुद्दों की समझ पर शक होने लगा क्या?
सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 7-मिनट में पढ़ें





