सियासत | 2-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
दुर्गा पंडाल और गरबा कार्यक्रमों पर पथराव करते मुस्लिम 'डरे' हुए ही तो हैं
नवरात्र (Navratri) पर दुर्गा पूजा पंडाल और गरबा (Garba) के आयोजन भी अब मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर आ चुके हैं. पहले केवल रामनवमी की शोभायात्राओं पर ही मुस्लिम इलाकों से गुजरने पर पथराव (Stone Pelting) किया जाता था. अब मिश्रित आबादी वाले इलाकों में भी दुर्गा पूजा और गरबा के कार्यक्रमों पर पत्थरबाजी शुरू हो गई है.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें
युवाओं में आग भड़का कर, उसी आग में जलता छोड़ भागे खुद को उनका मसीहा बताने वाले!
Agnipath Scheme के विरोध में शांति भंग करने वाले लोगों को समझना होगा कि सही ग़लत की पहचान आपको करनी है. देखिए दो वक़्त की रोटी, सिर पे छत, परिवार की देखभाल आपको ही करनी है इसलिए आप सिर्फ़ अपना सोचिए. जिनके भड़काने पर ट्रेन, बस जला आए देखिए वो भी आज आपको छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं.
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
लखनऊ में नमाजियों को दिया गया पुलिसिया गुलाब कौन सी खुशबू लेकर आया है?
यूपी की लखनऊ पुलिस ने गांधीगिरी का परिचय देते हुए टीले वाली मस्जिद पर शुक्रवार को नमाज अदा करने आए मुस्लिम समुदाय को गुलाब का फूल दिया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो. सवाल ये है कि क्या लखनऊ पुलिस ये मान चुकी है कि अब रसूल को लेकर सारा विवाद खत्म हो गया है?
सोशल मीडिया | 7-मिनट में पढ़ें
रांची हिंसा में जान गंवाने वाले मुदस्सिर का 'कसूर' उसकी मां ने कह सुनाया है!
रांची हिंसा में मारे गए मुदस्सिर की मां (Ranchi boy Mudassir Mother) के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं. जिसमें वह गुस्से से भरी हुई नजर आ रही हैं. पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहीं मुदस्सिर की मां का कहना है कि उनका बेटा केवल इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगा रहा था. लेकिन, आखिर वो ऐसा कर क्यों रहा था?
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
पैगंबर टिप्पणी विवाद: देश में हिंसा और पत्थरबाजी करने वाले क्या सच में 'बाहरी' हैं?
क्या ये कहना हास्यास्पद नहीं होगा कि दिल्ली की जामा मस्जिद पर इकट्ठा हुए लोग 'बाहरी' थे? उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उग्र प्रदर्शन (Violent Protests) करने वालों को क्या बाहरी कहा जा सकता है? पश्चिम बंगाल में पत्थरबाजी करने वालों को क्या बाहरी कहा जाएगा?
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
Friday riots: तीसरे को जोड़ने के लिए दो पत्थर चिल्लाए- 'आज जुम्मा है...'
जुमे को ढाल बनाकर दंगाइयों ने पत्थर चलाए. चल-चलकर थक कर चूर हुए पत्थर रोड किनारे हांफते हुए यही बातें कर रहे हैं कि इनको (मुसलमानों को) क्या लगा? रसूल खुश होंगे? शाबाशी देंगे? बिलकुल नहीं. पत्थरों ने साफ़ कह दिया है कि इनका इलाज सिर्फ बुलडोज़र है. सिर्फ और सिर्फ बुलडोज़र. न उससे कम और न ज्यादा. ज्यादा रहे तो उससे भी अच्छा.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें





