सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

ऐन चुनावों के वक़्त बिना साथी के कैसे जिएगा हाथी !
BSP सुप्रीमो मायावती बार-बार कह रही हैं कि उसकी पार्टी किसी भी गठबंधन में नहीं शामिल होंगी. जिस शिद्दत से भाजपा से लड़ने के लिए बड़े-बड़े विपक्षी दल एकजुटता हो रहे हैं और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जता रहे हैं कि भाजपा से अकेले लड़ना किसी एक अकेले के बस में नहीं है.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

स्वरा भास्कर पति फहद अहमद से सीक्रेट वेडिंग ना करतीं तो क्या करतीं?
असल में इस तरह छिपकर शादी करना स्वरा की मजबूरी थी. जिस तरह लोग शादी के बाद ट्रोल कर रहे हैं पहले ही जान जाते तो क्या करते? अपने बयानों की वजह से अक्सर विवादों में रहने वाली अभिनेत्री को यह अच्छी तरह पता होगा कि एक मुस्लिम से शादी करने पर उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा. इसलिए उन्हें प्राइवेट औऱ गुपचुप तरीके से कोर्ट मैरिज करना चुना.
समाज | बड़ा आर्टिकल

अब खैर नहीं हनुमान की, पॉलिटिक्स की कुदृष्टि 'हनुमान चालीसा' पर भी पड़ सकती है
नेताओं की कुदृष्टि पड़ चुकी है, ख़ास जो हो गए हैं उनके. कोई आश्चर्य नहीं बयान आता ही होगा कि हनुमान चालीसा अंधविश्वास की पैरोकारी करती है, बढ़ावा देती है, भूत पिशाच निकट न आवे, महावीर जब नाम सुनावे लाउडस्पीकर में बोला जो जाने लगा है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल

2024 का शोर, 80 पर जोर: भाजपा में बैठक और गहन वार्ता, सपा-बसपा भी बना रही रास्ता
भाजपा मिशन-2024 में जुट गई है. उसकी शुरुआत पूर्वांचल से की गई है. जेपी नड्डा ने जब पहली जनसभा करने के लिए किसी जिले को चुना तो वह गाजीपुर है. क्योंकि 2019 में भाजपा इस सीट को नहीं जीत पाई थी. दिल्ली में पार्टी का दो दिनों तक जो मंथन हुआ था, उसमें भी सबसे ज्यादा जोर इसी बात पर दिया गया कि हारी हुई बाजी को कैसे जीता जाए.
सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

अखिलेश यादव का दक्षिण की ओर कूच, केंद्रीय राजनीति में पहला कदम
रैली में शामिल होने के लिए अखिलेश ने मंगलवार को ही अपने विशेष विमान से हैदराबाद के लिए रवाना हो चुके थे. बुधवार को अखिलेश यादव बेगमपेट से हेलिकॉप्टर के जरिए भावनगरी जिले के यादरी टेंपल पहुंचे थे. इसके बाद तेलंगाना में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की रैली में शामिल होंगे.
समाज | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में बीजेपी और विपक्ष की चिंताएं क्या हैं?
कुछ समय में उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों का बिगुल बजने वाला है. इसी के चलते सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कसती नजर आ रही हैं. यह देखना दिलचस्प होगा की क्या बीजेपी 2017 का प्रदर्शन दोबारा दोहरा पाएगी या नहीं और विपक्षी पार्टियां पहले के मुकाबले इस बार कैसा प्रदर्शन करती हैं.
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