समाज | 7-मिनट में पढ़ें
![बिंदेश्वर पाठक ने गांधी के स्वच्छता अभियान को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित किया बिंदेश्वर पाठक ने गांधी के स्वच्छता अभियान को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित किया](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202308/311x175_081923075056.jpg?size=200:200)
बिंदेश्वर पाठक ने गांधी के स्वच्छता अभियान को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित किया
ब्राह्मण कुल में पैदा होकर वाल्मिकी समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले और देश को सुलभ शौचालय जैसा अद्भुत सिस्टम देने वाले बिंदेश्वर पाठक सच्चे गांधीवादी थे. गांधी के लिए सफाई और स्वच्छता कार्य भारत के लिये एक महत्वपूर्ण काम था.
सिनेमा | 5-मिनट में पढ़ें
![T Movie Review in Hindi: कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देती 'टी' T Movie Review in Hindi: कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देती 'टी'](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202307/311x175_072323030443.jpg?size=200:200)
T Movie Review in Hindi: कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देती 'टी'
यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि असल किरदार मेघना साहू की जिंदगी पर बनी बायोग्राफी है. कई प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में सराही गई तथा पुरुस्कृत हुई यह फिल्म सोच बदलती है. यह सोच बदलती है उस समाज की जिसमें तथाकथित रूप से केवल स्त्री और पुरुष ही रह सकते हैं.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
![Kanwar Movie Review: आस्था के बहाने स्याह पक्ष उभार गई 'कावड़' Kanwar Movie Review: आस्था के बहाने स्याह पक्ष उभार गई 'कावड़'](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202307/311_070123035414.jpg?size=200:200)
Kanwar Movie Review: आस्था के बहाने स्याह पक्ष उभार गई 'कावड़'
यह फिल्म कावड़ के बहाने से हमारे समाज की दूषित सोच को उजागर करती है. एक और बाबा बेहद गंदे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है. वे तमाम लड़के जो कावड़ ला रहे हैं वे भी बीच-बीच में एक दूसरे को गालियां देते नजर आते हैं. अपने को सभ्य समाज का सभ्य नागरिक समझने वाले ये लोग अंदर से कितने मैले हो चुके हैं यह फिल्म बताती है.
समाज | बड़ा आर्टिकल
![ऋषि वात्स्यायन के 'कामसूत्र' की वर्तमान समय में जरूरत क्या है? ऋषि वात्स्यायन के 'कामसूत्र' की वर्तमान समय में जरूरत क्या है?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202305/311_050723064908.jpg?size=200:200)
ऋषि वात्स्यायन के 'कामसूत्र' की वर्तमान समय में जरूरत क्या है?
कामसूत्र के रचयिता महर्षि वात्स्यायन के अनुसार यह शास्त्र पति-पत्नी के बीच धार्मिक-सामाजिक नियमों के शिक्षक का कार्य करेगा. किन्तु अफसोस कि जिस महान कृति में काम (यौन) को लेकर 64 कलाओं अथवा क्रियाओं का जिक्र किया गया उनका रूप, स्वरूप विकृत करके समाज के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
![Unwoman Movie Review: प्रेमरंग के फूल खिलाती 'अनवुमेन' Unwoman Movie Review: प्रेमरंग के फूल खिलाती 'अनवुमेन'](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202305/311_050723033755.jpg?size=200:200)
Unwoman Movie Review: प्रेमरंग के फूल खिलाती 'अनवुमेन'
यह फिल्म हमारे समाज के उस कडवे सच को दिखाती है जिसमें इंसानी दिमाग और शरीर जब जिस्मों का भूखा होने लगे तब वह समान या असमान लिंग में भेद नहीं देखता. कुछ पलों के लिए उन मर्दों को अपनी शरीर की तपिश और भूख शांत करने के लिए बस एक शरीर की आवश्यकता होती है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
![मां की ममता सबको दिखती है पिता का दर्द किसी को महसूस क्यों नहीं होता? मां की ममता सबको दिखती है पिता का दर्द किसी को महसूस क्यों नहीं होता?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202303/311x175_033123091034.jpg?size=200:200)
मां की ममता सबको दिखती है पिता का दर्द किसी को महसूस क्यों नहीं होता?
वे लोग झूठे हैं जो यह कहते हैं कि पुरुष रो नहीं सकते, उन्हें दर्द नहीं होता. जबकि सच यह है कि एक पिता का दिल पत्थर का नहीं होता है, वह अपने बच्चों के लिए वह सब करता है जो कर सकता है. वह अपने परिवार को हर खुशी देना चाहता है. इसलिए दिन-रात मेहनत करता है.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
![चाहे जो भी हो एक मां को ये 10 बातें अपनी बेटी को नहीं सिखानी चाहिए चाहे जो भी हो एक मां को ये 10 बातें अपनी बेटी को नहीं सिखानी चाहिए](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202303/311x175_032823090608.jpg?size=200:200)
चाहे जो भी हो एक मां को ये 10 बातें अपनी बेटी को नहीं सिखानी चाहिए
जमाना बदल रहा है इसलिए मांओं को भी अपनी सोच बदलनी होगी. आपकी बेटी बाहर जाती है, दोस्तों से मिलती है, कॉलेज जाती है...उसकी भी अपनी एक सोच है, अपना एक नजरिया है. ऐसे अगर आप उससे वही घिसी पिटी पुरानी बातें कहेंगी तो वह आपसे दूर होती जाएगी.
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 2-मिनट में पढ़ें
![इस लड़ाई में गलती महिला और पुरुष दोनों की है, तो फिर एक बेचारी और दूसरा पापी कैसे हो गया? इस लड़ाई में गलती महिला और पुरुष दोनों की है, तो फिर एक बेचारी और दूसरा पापी कैसे हो गया?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/sites/ichowk/story/small/202303/311x175_032323075845.jpg?size=200:200)