सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

दिल्ली को गैस चैंबर बनाने का दोष अब पंजाब पर तो लगने से रहा, तो केंद्र सरकार ही दोषी सही
पंजाब में पराली जलाने (Stubble Buring) के बढ़े मामलों की वजह से दिल्ली की हवा जहरीली (Delhi Air Pollution) होती जा रही है. लेकिन, पंजाब (Punjab) में आम आदमी पार्टी सरकार (AAP govt) के सीएम भगवंत मान (Bhagwant Mann) केंद्र की भाजपा सरकार को किसान विरोधी साबित करने में जुटे हैं. और, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इस पर चुप्पी साधे बैठे हैं.
संस्कृति | 4-मिनट में पढ़ें

पटाखे और दिए की बातचीत हुई, सवाल जितने मजेदार थे, जवाब उतने ही जबरदस्त
भारत में आतिशबाजी का इतिहास पुराना है. भारत जब आजाद हुआ था तब भी तो जोरदार आतिशबाजी हुई थी. तब मेरे दादा-परदादाओं ने आकाश में रंग और फुलझड़ियां बिखेरी थीं, आवाज से वातावरण को गुंजाया था, तब दिये मेरे दोस्त, तुम्हारे पूर्वजों ने भी तो नए भारत के स्वागत में दिये की लड़ियों से पूरा समां रोशन कर दिया था.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

Yamuna Pollution: कुमार विश्वास के तंज को सिर्फ केजरीवाल से जोड़ना बेमानी है
पूरा विश्व इस समय कोरोना वायरस महामारी और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की चुनौतियों से जूझ रहा है. छठ महापर्व के मौके पर यमुना में प्रदूषण (Pollution) की तस्वीरें लगभग हर मोबाइल स्क्रीन पर पहुंची होंगी. हजारों लोगों ने टीवी चैनलों पर भी यमुना के प्रदूषण को देखकर चिंता जताई ही होगी.
सियासत | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें

छठ व्रती महिलाएं प्रदूषित यमुना नदी में नहाने को मजबूर हैं, क्योंकि ऐसा पापी नेता चाहते हैं!
यमुना नदी दीवाली या छठ के पर्व पर अचानक से प्रदूषित नहीं हुई है. यह चर्चा हर साल दीपावली और छठ के पर्व पर तेज हो जाती है. असल में महिलाओं को गंदे पानी में पूजा करने पर मजबूर इन नेताओं ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया है...
ह्यूमर | 6-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
सोशल मीडिया | 6-मिनट में पढ़ें

'दिवाली पर टिप्स' की बात कर विराट कोहली ने खुद ही मुसीबत मोल ली है!
दिवाली (Diwali) से पहले पटाखे फोड़ने पर लोगों को सलाह देने का चलन पुराना है. क्योंकि, भारत में हर आम-ओ-खास का सबसे पसंदीदा शगल 'मुफ्त की सलाह' बांटना है. इस बीच टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी दिवाली को लेकर सलाह देने की बात कहकर आफत मोल ले ली है.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें

World Environment Day: थार पर प्रकृति का मेहरबान रहना भी कुदरत का करिश्मा है!
गर्मियों के दिन ज्यों-ज्यों तपते है रेगिस्तान के पेड़-पौधे भी खिलने लगते हैं. खिलने क्या लगते हैं जीवन से भर जाते हैं. मई और जून के महीने में जिन तीन पेड़-पौधों पर रेगिस्तान आबाद रहता है वे हैं खेजड़ी, जाल और कैर. आस-पास के ये पेड़ लोगों के जीवन का हिस्सा होते हैं. इन पेड़ों के नाम या पहचान भी होती है. जिसे लोग सालों-साल याद रखते हैं.
समाज | 5-मिनट में पढ़ें