सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

Peshawar Blast: मस्जिद के भीतर मुसलमानों का मुसलमानों के द्वारा कत्लेआम!
पेशावर की मस्जिद में हुए बम धमाकों में 90 लोगों की मौत के बाद तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. तमाम बातें एक तरफ.सवाल ये है कि मस्जिद में नमाज पढ़ते मोमिनों को नमाज में ही बम से उड़ाने वाले सुसाइड बॉम्बर को जन्नत में हूर वगैरह मिलेगी या नहीं? क्योंकि ये काम तो उसने अल्लाह का नाम लेकर ही किया है.
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सोशल मीडिया | 3-मिनट में पढ़ें

मोहम्मद रिजवान क्रिकेटर बाद में, पहले मौलवी रिजवान हैं!
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के अनुसार, पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान (Mohammad Rizwan) खेल के साथ ही अपने मजहब के काम को भी बखूबी अंजाम दे रहे हैं. हिंदुओं के बीच नमाज (Namaz) पढ़ना हो या गैर-मजहब के ब्लेयर टिकनर को तोहफे में कुरान (Quran) देना, रिजवान का फंडा क्लियर है. और, उनकी तकरीर मौलानाओं से कम नहीं है.
सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

मंदिरों को नुकसान पहुंचाने वाले हमेशा 'मानसिक बीमार' क्यों घोषित हो जाते हैं?
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि हमारे देश में अगर किसी मस्जिद (Mosque) के बाहर से या किसी मुस्लिम इलाके (Muslim) से रामनवमी या कोई अन्य हिंदू (Hindu) यात्रा निकल जाए और कुछ देर के लिए वहां रुक जाए. तो, इसे हिंदुओं द्वारा भड़काने वाला कृत्य घोषित कर दिया जाता है. लेकिन, मंदिरों (Temple) में जबरन घुसकर मूर्तियां (Idol) तोड़ने वाले केवल मानसिक बीमार (Mentally ill) बता दिए जाते हैं.
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें

इटली की नयी प्रधानमंत्री के भाषण भारत में क्यों वायरल हो रहे हैं!
इटली में ब्रदर्स आफ इटली पार्टी की जियोर्जिया मेलोनी खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. कारण हैं मुसलमानों के प्रति उनके उग्र तेवर. जियोर्जिया मेलोनी के वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहे हैं और उसमें भी दिलचस्प ये कि इन्हें भारतीयों द्वारा शेयर किया जा रहा है. इसकी वजह क्या है ? आइये समझते हैं.
समाज | 3-मिनट में पढ़ें

ज्ञानवापी पर अदालती आदेश को कोसने से पहले भुलेश्वर मंदिर की गवाही सुन लीजिये
आख़िर क्या मानसिकता रही होगी उन मुस्लिम राजाओं की जिन्होंने भारतीय मंदिरों को यूं तहस-नहस करके रख दिया. क्या बिगाड़ा होगा इन मंदिर की मूर्तियों ने? कोई बुद्धिजीवी आए और मेरे सवालों का जवाब दे या इस्लाम को मानने वाले ही मुझे समझा जाएं कि मंदिर क्यों तोड़े गए?
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समाज | बड़ा आर्टिकल

शिवलिंग, ज्योतिर्लिंग, बुद्धलिंग और यमराज लिंग: अलग अलग प्रकार से होती है लिंग पूजा!
शैव मत के अनुसार शिव ही परम पुरुष हैं और पार्वती उनकी प्रधान प्रकृति या माया हैं इसलिए दोनों के संयोग को ही ज्योतिर्लिंग के रुप में भी दिखाया जाता है. लिंग का मूल अर्थ ही दृश्यमान होता है. अर्थात जब निराकार परमात्मा खुद को प्रकृति के साथ दृश्यमान या भौतिक रुप में प्रगट करता है तो उसे ज्योतिर्लिंग कहते हैं. इसे पुरुष जननांग समझने की भूल मत कीजिये.
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